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रिपोर्ट: भारतीय, अफगान सरकार के सैन्य अधिकारियों को निशाना बना रहे पाकिस्तानी हैकर

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 05 Dec 2021 12:06 AM IST

सार

जानकारियों के लिए पाकिस्तानी हैकर प्रतिष्ठानों के गूगल, ट्विटर और फेसबुक अकाउंट को खंगालने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वे इस काम में सफल नहीं हो पा रहे।
 

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पाकिस्तानी हैकर भारतीय और अफगान सरकारों, विशेष रूप से सैन्य अधिकारियों को अपना निशाना बना रहे हैं। ‘द हैकरन्यूज’ वेबसाइट के मुताबिक, पाकिस्तानी हैकर ट्विटर और फेसबुक आईडी हैक करके सरकारी अधिकारियों से जुड़ी जानकारियां खंगाल रहे हैं।

वेबसाइट के मुताबिक, साइडकॉपी एपीटी के इस्तेमाल से सभी सरकारी कामकाजी फाइलों का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है। इसके बाद सभी को एक जगह एम्बेड किया जाता है। जानकारी के मुताबिक, सोशल मीडिया यूजर्स को धोखे से मैलवेयर प्रोग्राम इंस्टॉल करवाए जाते हैं।

इसके बाद साइडकॉपी से लोगों को ट्रोजनाइज्ड चैट ऐप्स (मैलवेयर भरे प्रोग्राम) को इंस्टॉल करने के लिए कहा जाता है। इसमें वाइबर और सिग्नल के रूप में प्रीजेंट करने वाले मैसेंजर या कस्टम-निर्मित एंड्रॉएड एप भी शामिल हैं।

इस तरह के कई एप का इस्तेमाल डिवाइस तक पहुंच बनाने के लिए बड़ी चालाकी से मैलवेयर शामिल किए गए थे। हैकर्स के ग्रुप ने इसके लिए महिलाओं के नाम पर अकाउंट बनाए। रोमांटिक तरीके के लालच देते हुए हैकर्स ने यूजर्स को फंसाने वाली बातें की। यह ग्रुप चैट ऐप्स डाउनलोड करने में भी शामिल रहा।

साइडकॉपी के नाम से जाना जाने वाला ग्रुप, काबुल में पिछली अफगान सरकार, सेना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से जुड़े लोगों को टारगेट कर रहा था। इससे पहले भी फेसबुक ने ऐसे ही पाकिस्तानी हैकर्स का पता चलने पर कई अकाउंट्स को डिएक्टिवेट कर उनके डोमेन को हमारे प्लेटफॉर्म पर पोस्ट होने से रोक दिया था। 

पाकिस्तानी हैकरों के निशाने पर फिलहाल भारत और अफगानिस्तान
मालवेयरबाइट्स के ताजा शोध में पता चला है कि हैकर भारतीय प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए नए तरीके खोज रहे हैं। पता चला है पाकिस्तानी हैकर साइडकापी एआरटी नाम के तरीके को उपयोग कर रहे हैं। मालवेयरबाइट्स शोधकर्ता हुसैन जाजी ने बताया कि पाकिस्तानी हैकरों के निशाने पर फिलहाल भारत और अफगानिस्तान हैं।

यहां करें शिकायत
साइबर क्राइम से पीड़ित टोल फ्री नंबर 155260 पर शिकायत कर सकते हैं।

ये भी हैं साइबर क्राइम
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट, ई-मेल, चैट व डिजिटल उपकरण के जरिये किसी को अश्लील या धमकाने वाले संदेश भेजना और किसी भी रुप में परेशान करना साइबर क्राइम के दायरे में आता है।

विस्तार

पाकिस्तानी हैकर भारतीय और अफगान सरकारों, विशेष रूप से सैन्य अधिकारियों को अपना निशाना बना रहे हैं। ‘द हैकरन्यूज’ वेबसाइट के मुताबिक, पाकिस्तानी हैकर ट्विटर और फेसबुक आईडी हैक करके सरकारी अधिकारियों से जुड़ी जानकारियां खंगाल रहे हैं।

वेबसाइट के मुताबिक, साइडकॉपी एपीटी के इस्तेमाल से सभी सरकारी कामकाजी फाइलों का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है। इसके बाद सभी को एक जगह एम्बेड किया जाता है। जानकारी के मुताबिक, सोशल मीडिया यूजर्स को धोखे से मैलवेयर प्रोग्राम इंस्टॉल करवाए जाते हैं।

इसके बाद साइडकॉपी से लोगों को ट्रोजनाइज्ड चैट ऐप्स (मैलवेयर भरे प्रोग्राम) को इंस्टॉल करने के लिए कहा जाता है। इसमें वाइबर और सिग्नल के रूप में प्रीजेंट करने वाले मैसेंजर या कस्टम-निर्मित एंड्रॉएड एप भी शामिल हैं।

इस तरह के कई एप का इस्तेमाल डिवाइस तक पहुंच बनाने के लिए बड़ी चालाकी से मैलवेयर शामिल किए गए थे। हैकर्स के ग्रुप ने इसके लिए महिलाओं के नाम पर अकाउंट बनाए। रोमांटिक तरीके के लालच देते हुए हैकर्स ने यूजर्स को फंसाने वाली बातें की। यह ग्रुप चैट ऐप्स डाउनलोड करने में भी शामिल रहा।

साइडकॉपी के नाम से जाना जाने वाला ग्रुप, काबुल में पिछली अफगान सरकार, सेना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से जुड़े लोगों को टारगेट कर रहा था। इससे पहले भी फेसबुक ने ऐसे ही पाकिस्तानी हैकर्स का पता चलने पर कई अकाउंट्स को डिएक्टिवेट कर उनके डोमेन को हमारे प्लेटफॉर्म पर पोस्ट होने से रोक दिया था। 

पाकिस्तानी हैकरों के निशाने पर फिलहाल भारत और अफगानिस्तान

मालवेयरबाइट्स के ताजा शोध में पता चला है कि हैकर भारतीय प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए नए तरीके खोज रहे हैं। पता चला है पाकिस्तानी हैकर साइडकापी एआरटी नाम के तरीके को उपयोग कर रहे हैं। मालवेयरबाइट्स शोधकर्ता हुसैन जाजी ने बताया कि पाकिस्तानी हैकरों के निशाने पर फिलहाल भारत और अफगानिस्तान हैं।

यहां करें शिकायत

साइबर क्राइम से पीड़ित टोल फ्री नंबर 155260 पर शिकायत कर सकते हैं।

ये भी हैं साइबर क्राइम

सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट, ई-मेल, चैट व डिजिटल उपकरण के जरिये किसी को अश्लील या धमकाने वाले संदेश भेजना और किसी भी रुप में परेशान करना साइबर क्राइम के दायरे में आता है।

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