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मुक्केबाजी: नाना की विरासत संभालने को तैयार मोहम्मद अली का नाती, पहली बार उतरेंगे मैदान में

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स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sat, 11 Dec 2021 05:36 AM IST

सार

 मोहम्मद अली के नाती निको अली मेडिसन स्क्वॉयर गार्डन (एमएसजी) में अपनी पहली भिड़ंत में उतरेंगे जहां कभी दिग्गज मोहम्मद अली 1971 में ‘फाइट ऑफ द सेंचुरी’ में जो फ्रेजियर से भिड़े थे।

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मुक्केबाजी की दुनिया के बेताज बादशाह मोहम्मद अली की विरासत रिंग में संभालना आसान नहीं हैं। उनके 21 साल के नाती निको अली वाल्श यह बात बखूबी जानते हैं, पर उनका मानना है कि नाना का नाम उनके लिए बड़ी प्रेरणा है और वह खुद अपना एक मुकाम बनाना चाहते हैं। 

निको अली वेल्श का कहना है कि इस जगह से उनका भावनात्मक लगाव है। वह फाइट ऑफ द सेंचुरी की टीशर्ट पहनकर मेडिसन स्क्वॉयर गॉर्डन घूमने गए जहां उनके दादा और मौसी लैला अली (मोहम्मद अली की बेटी) खेल चुकी हैं।

मोहम्मद अली की अन्य बेटी रशीदा के पुत्र निको ने कहा कि मैं मेरे नाना ही नहीं आंटी भी यहां खेल चुकी हैं। निको ने कहा, ‘यदि मैं अपने दिग्गज नाना से नहीं जुड़ा होता तो भी यह फाइट मेरे लिए सुपर होती लेकिन चूंकि वह (मोहम्मद अली) खुद यहां रिंग में उतरे हैं, तो यह मेरे लिए खास है, जब मेरा परिवार यहां फाइट देखने आएगा तो उनके मन में भी यही विचार होंगे।’ 

 रे सांचेज से होगा मुकाबला 
लाइटवेट में उनका चार राउंड का मुकाबला रे सांचेज से होगा जिन्होंने अपनी छह में से दो फाइट नॉकआउट जीती हैं। अली वेल्श अमेरिका के लास वेगास में पले हैं और इस हफ्ते से पहले वह न्यूयॉर्क नहीं आए थे। 

आठ बार उतरे हैं एमसीजी में अली 
 दिग्गज मोहम्मद अली ने एमसीजी में आठ फाइट लड़ी है जिसमें 8 मार्च 1971 को जो फ्रेजियर के खिलाफ पहली फाइट को छोड़कर सभी में जीत हासिल की। फ्रेजियर के खिलाफ हेवीवेट मुकाबला 15 राउंड तक चला था। इसे फाइट ऑफ द सेंचुरी का नाम दिया गया था। तीन साल बाद अली ने फ्रेजियर से हिसाब चुकता कर लिया था। 
 
अली ने सिखाए हैं कुछ गुर 
निको को बचपन से ही मोहम्मद अली ने बॉक्सिंग के लिए प्रेरित किया है। वह अपनी ट्रेनिंग के वीडियो नाना को दिखाते रहे हैं। निको कहते हैं नाना ने उन्हें बताया था कि रिंग में डासिंग और मूवमेंट का कितना महत्व है। मोहम्मद अली का देहांत 2016 में हो गया था। युवा मुक्केबाज ने बताया कि अपनी दो फाइट में दर्शक अली-अली पुकार रहे थे। कुछ दर्शक ऐसे भी थे जिन्होंने नाना को लड़ते देखा था और टीवी पर मुझे लड़ता देखकर रोने लगे थे, शायद उन्हें नाना की याद आ गई होगी।  

 02 : फाइट अभी तक खेली हैं अली वेल्श ने और दोनों में नॉकआउट जीत हासिल की है 

 ‘मुझे याद है, मेरे नाना कहते थे, मैं मुक्केबाजी को मिस नहीं करूंगा पर मुक्केबाजी मुझे मिस करेगी। अब वो नहीं हैं तो मैं यह महसूस करता हूं कि उनकी बातों के मायने क्या हैं। बात सिर्फ मेरी नहीं है कि मैं उनका पोता हूं, सभी मुक्केबाजों के लिए प्रेरणा हैं।-निको अली वेल्श

विस्तार

मुक्केबाजी की दुनिया के बेताज बादशाह मोहम्मद अली की विरासत रिंग में संभालना आसान नहीं हैं। उनके 21 साल के नाती निको अली वाल्श यह बात बखूबी जानते हैं, पर उनका मानना है कि नाना का नाम उनके लिए बड़ी प्रेरणा है और वह खुद अपना एक मुकाम बनाना चाहते हैं। 

निको अली वेल्श का कहना है कि इस जगह से उनका भावनात्मक लगाव है। वह फाइट ऑफ द सेंचुरी की टीशर्ट पहनकर मेडिसन स्क्वॉयर गॉर्डन घूमने गए जहां उनके दादा और मौसी लैला अली (मोहम्मद अली की बेटी) खेल चुकी हैं।

मोहम्मद अली की अन्य बेटी रशीदा के पुत्र निको ने कहा कि मैं मेरे नाना ही नहीं आंटी भी यहां खेल चुकी हैं। निको ने कहा, ‘यदि मैं अपने दिग्गज नाना से नहीं जुड़ा होता तो भी यह फाइट मेरे लिए सुपर होती लेकिन चूंकि वह (मोहम्मद अली) खुद यहां रिंग में उतरे हैं, तो यह मेरे लिए खास है, जब मेरा परिवार यहां फाइट देखने आएगा तो उनके मन में भी यही विचार होंगे।’ 

 रे सांचेज से होगा मुकाबला 

लाइटवेट में उनका चार राउंड का मुकाबला रे सांचेज से होगा जिन्होंने अपनी छह में से दो फाइट नॉकआउट जीती हैं। अली वेल्श अमेरिका के लास वेगास में पले हैं और इस हफ्ते से पहले वह न्यूयॉर्क नहीं आए थे। 

आठ बार उतरे हैं एमसीजी में अली 

 दिग्गज मोहम्मद अली ने एमसीजी में आठ फाइट लड़ी है जिसमें 8 मार्च 1971 को जो फ्रेजियर के खिलाफ पहली फाइट को छोड़कर सभी में जीत हासिल की। फ्रेजियर के खिलाफ हेवीवेट मुकाबला 15 राउंड तक चला था। इसे फाइट ऑफ द सेंचुरी का नाम दिया गया था। तीन साल बाद अली ने फ्रेजियर से हिसाब चुकता कर लिया था। 

 

अली ने सिखाए हैं कुछ गुर 

निको को बचपन से ही मोहम्मद अली ने बॉक्सिंग के लिए प्रेरित किया है। वह अपनी ट्रेनिंग के वीडियो नाना को दिखाते रहे हैं। निको कहते हैं नाना ने उन्हें बताया था कि रिंग में डासिंग और मूवमेंट का कितना महत्व है। मोहम्मद अली का देहांत 2016 में हो गया था। युवा मुक्केबाज ने बताया कि अपनी दो फाइट में दर्शक अली-अली पुकार रहे थे। कुछ दर्शक ऐसे भी थे जिन्होंने नाना को लड़ते देखा था और टीवी पर मुझे लड़ता देखकर रोने लगे थे, शायद उन्हें नाना की याद आ गई होगी।  

 02 : फाइट अभी तक खेली हैं अली वेल्श ने और दोनों में नॉकआउट जीत हासिल की है 

 ‘मुझे याद है, मेरे नाना कहते थे, मैं मुक्केबाजी को मिस नहीं करूंगा पर मुक्केबाजी मुझे मिस करेगी। अब वो नहीं हैं तो मैं यह महसूस करता हूं कि उनकी बातों के मायने क्या हैं। बात सिर्फ मेरी नहीं है कि मैं उनका पोता हूं, सभी मुक्केबाजों के लिए प्रेरणा हैं।-निको अली वेल्श

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