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मानसून सत्र: सदन में विधायी कामकाज के लिए आक्रामक रुख अपनाएगी सरकार

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हिमांशु मिश्र, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 27 Jul 2021 04:53 AM IST

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मानसून सत्र में जारी गतिरोध के बीच सरकार ने अब विधायी कामकाज को निपटाने के लिए आक्रामक रुख अपनाने का फैसला किया है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई शीर्ष मंत्रियों की बैठक में सत्र की अगली नौ बैठकों में अध्यादेश से जुड़े सभी छह विधेयकों को हर हाल में पारित कराने की रणनीति बनी है। इसके अलावा सरकार कुछ अहम विधेयकों को भी विपक्ष के हंगामे को दरकिनार करते हुए पारित कराएगी।

कार्यवाही शुरू होने से पहले पीएम मोदी की रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, राज्यसभा में नेता पीयूष गोयल, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ आधे घंटे की बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में पीएम ने विपक्ष के रवैये की आलोचना करते हुए विधायी कामकाज निपटाने को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। संसदीय कार्यमंत्री से सत्र की बाकी बैठकों में सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया गया है। पीएम ने अध्यादेश से जुड़े छह विधेयकों के अतिरिक्त महत्व वाले अन्य विधेयकों को चिह्नित कर इन्हें पारित कराने की तैयारी करने का भी निर्देश दिया है।

लोकसभा में दिखी रणनीति की झलक
बैठक में बनाई गई रणनीति की पहली झलक सोमवार को लोकसभा में दिखी। सदन में विपक्ष के हंगामे के बीच सोमवार को दो विधेयक पारित कराए गए। इसके अलावा अध्यादेश से जुड़ा एक विधेयक पेश भी किया गया। सरकार की योजना इसी हफ्ते अध्यादेश से जुड़े सभी विधेयकों को लोकसभा में पारित कराने की है, जिससे अगले हफ्ते तक इस पर राज्यसभा की भी सहमति ली जा सके।

विपक्ष से संपर्क साधने का सिलसिला भी जारी रहेगा
बैठक में विपक्ष से लगातार संपर्क में रहने, उसके सामने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा का प्रस्ताव देते रहने की भी रणनीति बनी है। इसके अलावा हंगामे से खुद को दूर रखने वाले विपक्षी दलों से अलग से संपर्क करने का भी फैसला किया गया है। इसके जरिये सरकार संदेश देना चाहती है कि विपक्ष के महज कुछ दल खासतौर से कांग्रेस की दिलचस्पी कार्यवाही चलाने में नहीं है। गौरतलब है कि बीजद, वाईएसआर कांग्रेस, टीआरएस जैसे कुछ दलों ने हंगामा करने वाले विपक्षी दलों से अब तक दूरी बनाए रखी है।

आज संसदीय दल की बैठक में संदेश देंगे पीएम
भाजपा संसदीय दल की बैठक मंगलवार को होगी। बैठक में पीएम सरकार की रणनीति के संदर्भ में सांसदों को संदेश देंगे। बैठक में सभी सांसदों को हर हाल में सदन में उपस्थिति रहने के लिए कहा जाएगा। हालांकि दोनों सदनों के मुख्य सचेतक और अन्य सचेतकों को सोमवार को ही सांसदों से इस संबंध में निर्देश देने के लिए संपर्क करने को कहा गया है।

प्रह्लाद ने साधा मनीष-सुप्रिया से संपर्क
सरकार सदन में गतिरोध तोड़ने का भी प्रयास कर रही है। इस क्रम में सोमवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले से मुलाकात की। विधायी कार्य में आ रही अड़चन के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की। दोनों के बीच भोजन के दौरान चर्चा हुई।

विस्तार

मानसून सत्र में जारी गतिरोध के बीच सरकार ने अब विधायी कामकाज को निपटाने के लिए आक्रामक रुख अपनाने का फैसला किया है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई शीर्ष मंत्रियों की बैठक में सत्र की अगली नौ बैठकों में अध्यादेश से जुड़े सभी छह विधेयकों को हर हाल में पारित कराने की रणनीति बनी है। इसके अलावा सरकार कुछ अहम विधेयकों को भी विपक्ष के हंगामे को दरकिनार करते हुए पारित कराएगी।

कार्यवाही शुरू होने से पहले पीएम मोदी की रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, राज्यसभा में नेता पीयूष गोयल, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ आधे घंटे की बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में पीएम ने विपक्ष के रवैये की आलोचना करते हुए विधायी कामकाज निपटाने को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। संसदीय कार्यमंत्री से सत्र की बाकी बैठकों में सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया गया है। पीएम ने अध्यादेश से जुड़े छह विधेयकों के अतिरिक्त महत्व वाले अन्य विधेयकों को चिह्नित कर इन्हें पारित कराने की तैयारी करने का भी निर्देश दिया है।

लोकसभा में दिखी रणनीति की झलक

बैठक में बनाई गई रणनीति की पहली झलक सोमवार को लोकसभा में दिखी। सदन में विपक्ष के हंगामे के बीच सोमवार को दो विधेयक पारित कराए गए। इसके अलावा अध्यादेश से जुड़ा एक विधेयक पेश भी किया गया। सरकार की योजना इसी हफ्ते अध्यादेश से जुड़े सभी विधेयकों को लोकसभा में पारित कराने की है, जिससे अगले हफ्ते तक इस पर राज्यसभा की भी सहमति ली जा सके।

विपक्ष से संपर्क साधने का सिलसिला भी जारी रहेगा

बैठक में विपक्ष से लगातार संपर्क में रहने, उसके सामने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा का प्रस्ताव देते रहने की भी रणनीति बनी है। इसके अलावा हंगामे से खुद को दूर रखने वाले विपक्षी दलों से अलग से संपर्क करने का भी फैसला किया गया है। इसके जरिये सरकार संदेश देना चाहती है कि विपक्ष के महज कुछ दल खासतौर से कांग्रेस की दिलचस्पी कार्यवाही चलाने में नहीं है। गौरतलब है कि बीजद, वाईएसआर कांग्रेस, टीआरएस जैसे कुछ दलों ने हंगामा करने वाले विपक्षी दलों से अब तक दूरी बनाए रखी है।

आज संसदीय दल की बैठक में संदेश देंगे पीएम

भाजपा संसदीय दल की बैठक मंगलवार को होगी। बैठक में पीएम सरकार की रणनीति के संदर्भ में सांसदों को संदेश देंगे। बैठक में सभी सांसदों को हर हाल में सदन में उपस्थिति रहने के लिए कहा जाएगा। हालांकि दोनों सदनों के मुख्य सचेतक और अन्य सचेतकों को सोमवार को ही सांसदों से इस संबंध में निर्देश देने के लिए संपर्क करने को कहा गया है।

प्रह्लाद ने साधा मनीष-सुप्रिया से संपर्क

सरकार सदन में गतिरोध तोड़ने का भी प्रयास कर रही है। इस क्रम में सोमवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले से मुलाकात की। विधायी कार्य में आ रही अड़चन के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की। दोनों के बीच भोजन के दौरान चर्चा हुई।

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