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महाराष्ट्र: मंत्री ने मोटरसाइकिल रैली का वीडियो किया शेयर, लोगों ने जमकर लगाई क्लास

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 05 Sep 2021 02:08 AM IST

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कोरोना वायरस अभी भी खत्म नहीं हुआ है रोज 40 हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र के एक मंत्री ने अपनी एक रैली का वीडियो शेयर कर विवाद खड़ा कर दिया है। लोगों ने कोरोना महामारी के बीच भीड़ भरी सभा पर सवाल उठाया हैं।

दरअसल ये मंत्री महाराष्ट्र के आवास मंत्री और राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड हैं। इन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया, इस वीडियो में हजारों की संख्या में लोग मोटरसाइकिलों की रैली निकाल रहे है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि आज भिवंडी में कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। 
 

इसके बाद लोगो ने सोशल मीडिया पर मंत्री पर जमकर गुस्सा निकाला। एक यूजर ने लिखा कि अगर राजनीतिक कार्यक्रमों में भीड़ की अनुमति है, तो आम नागरिकों को मंदिरों में जाने और त्योहारों को मनाने से प्रतिबंधित क्यों किया गया। 

इस बीच आम आदमी पार्टी की मुंबई इकाई ने ट्वीट किया कि लोगों लगातार तीसरी लहर का डर सता रहा है और नियमों का पालन नहीं करने पर नागरिकों को लॉकडाउन का डर है लेकिन मंत्री खुद कोविड ने पाबंदियों को बेबाकी से रौंद रहे और भारी भीड़ में रैली और सभाएं कीं। क्या मंत्रियों, कार्यकर्ताओं और नागरिकों के अलग-अलग नियम हैं?

एक यूजर ने लिखा कि दहीहांडी की इजाजत मांगेंगे तो कोरोना का कारण देगें। गणपति उत्सव की इजाजत नहीं, मंदिर खोलने की इजाजत नहीं। जनता नियम तोड़े तो सीएम उद्धव ठाकरे और अजित पवार तालाबंदी की धमकी देते नजर आएंगे। क्या इन पर कोई केस दर्ज हो सकता है…

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कोरोना वायरस अभी भी खत्म नहीं हुआ है रोज 40 हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र के एक मंत्री ने अपनी एक रैली का वीडियो शेयर कर विवाद खड़ा कर दिया है। लोगों ने कोरोना महामारी के बीच भीड़ भरी सभा पर सवाल उठाया हैं।

दरअसल ये मंत्री महाराष्ट्र के आवास मंत्री और राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड हैं। इन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया, इस वीडियो में हजारों की संख्या में लोग मोटरसाइकिलों की रैली निकाल रहे है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि आज भिवंडी में कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। 

 

इसके बाद लोगो ने सोशल मीडिया पर मंत्री पर जमकर गुस्सा निकाला। एक यूजर ने लिखा कि अगर राजनीतिक कार्यक्रमों में भीड़ की अनुमति है, तो आम नागरिकों को मंदिरों में जाने और त्योहारों को मनाने से प्रतिबंधित क्यों किया गया। 

इस बीच आम आदमी पार्टी की मुंबई इकाई ने ट्वीट किया कि लोगों लगातार तीसरी लहर का डर सता रहा है और नियमों का पालन नहीं करने पर नागरिकों को लॉकडाउन का डर है लेकिन मंत्री खुद कोविड ने पाबंदियों को बेबाकी से रौंद रहे और भारी भीड़ में रैली और सभाएं कीं। क्या मंत्रियों, कार्यकर्ताओं और नागरिकों के अलग-अलग नियम हैं?

एक यूजर ने लिखा कि दहीहांडी की इजाजत मांगेंगे तो कोरोना का कारण देगें। गणपति उत्सव की इजाजत नहीं, मंदिर खोलने की इजाजत नहीं। जनता नियम तोड़े तो सीएम उद्धव ठाकरे और अजित पवार तालाबंदी की धमकी देते नजर आएंगे। क्या इन पर कोई केस दर्ज हो सकता है…

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