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भारत का प्रस्ताव: काबुल तक अनाज पहुंचाने के लिए जमीन इस्तेमाल करने दे पाकिस्तान, इमरान बोले- सकारात्मकता से कर रहे विचार
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Sat, 13 Nov 2021 07:52 AM IST
सार
भारत ने अफगान लोगों की मानवीय मदद देने में काफी योगदान दिया है। इसमें पिछले दशक से लेकर अब तक अफगानिस्तान को 10 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं देना भी शामिल है।
इमरान खान
– फोटो : सोशल मीडिया
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भारत ने अफगान लोगों की मानवीय मदद देने में काफी योगदान दिया है। इसमें पिछले दशक से लेकर अब तक अफगानिस्तान को 10 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं देना भी शामिल है। अब एक बार फिर भारत की तरफ से काबुल को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं पहुंचाने की बात की जा रही है। हालांकि, भारत से अफगानिस्तान तक जाने के लिए सड़क मार्ग पाकिस्तान से होकर गुजरता है। अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए भारत इसी मार्ग से गेहूं अफगानिस्तान पहुंचाना चाहता है।
भारत सरकार की तरफ से कहा गया था कि वह इंसानियत के नाते अफगानिस्तान में भुखमरी से प्रभावित जनता के लिए अनाज पहुंचाना चाहता है और पाकिस्तान को इसमें मदद करनी चाहिए। बताया गया है कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने भी भारत के इस फैसले का स्वागत किया था। इसी को लेकर अब इमरान खान ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान के जरिए भारतीय गेहूं के गुजरने को अनुमति देने के अफगानिस्तान के अनुरोध पर विचार करेंगे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से युद्धग्रस्त देश के लोगों के सामने आ रहे मानवीय संकट को रोकने के लिए अपनी सामूहिक जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया।
इमरान खान की टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं, जब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी अपनी पहली विदेश यात्रा पर बुधवार को इस्लामाबाद पहुंचे। मुत्तकी 20 सदस्यीय उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट में लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री ने यह बताया कि मौजूदा संदर्भ में पाकिस्तान, भारत द्वारा दिए गए गेहूं को मानवीय उद्देश्यों के लिए असाधारण आधार पर पाकिस्तान से गुजरने देने के अफगान भाइयों के अनुरोध पर विचार करेगा।’’
विस्तार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि वे अफगानिस्तान तक अनाज पहुंचाने के भारत के प्रस्ताव पर सकारात्मकता से विचार कर रहे हैं। दरअसल, भारत ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि वह अफगानिस्तान तक अनाज (खासकर गेहूं) पहुंचाना चाहता है और पाकिस्तान इसके लिए उसे अपनी जमीन इस्तेमाल करने दे।
भारत ने अफगान लोगों की मानवीय मदद देने में काफी योगदान दिया है। इसमें पिछले दशक से लेकर अब तक अफगानिस्तान को 10 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं देना भी शामिल है। अब एक बार फिर भारत की तरफ से काबुल को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं पहुंचाने की बात की जा रही है। हालांकि, भारत से अफगानिस्तान तक जाने के लिए सड़क मार्ग पाकिस्तान से होकर गुजरता है। अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए भारत इसी मार्ग से गेहूं अफगानिस्तान पहुंचाना चाहता है।
भारत सरकार की तरफ से कहा गया था कि वह इंसानियत के नाते अफगानिस्तान में भुखमरी से प्रभावित जनता के लिए अनाज पहुंचाना चाहता है और पाकिस्तान को इसमें मदद करनी चाहिए। बताया गया है कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने भी भारत के इस फैसले का स्वागत किया था। इसी को लेकर अब इमरान खान ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान के जरिए भारतीय गेहूं के गुजरने को अनुमति देने के अफगानिस्तान के अनुरोध पर विचार करेंगे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से युद्धग्रस्त देश के लोगों के सामने आ रहे मानवीय संकट को रोकने के लिए अपनी सामूहिक जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया।
इमरान खान की टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं, जब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी अपनी पहली विदेश यात्रा पर बुधवार को इस्लामाबाद पहुंचे। मुत्तकी 20 सदस्यीय उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट में लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री ने यह बताया कि मौजूदा संदर्भ में पाकिस्तान, भारत द्वारा दिए गए गेहूं को मानवीय उद्देश्यों के लिए असाधारण आधार पर पाकिस्तान से गुजरने देने के अफगान भाइयों के अनुरोध पर विचार करेगा।’’