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बीरभूम हिंसा मामला: टीएमसी नेता भादु शेख की हत्या की भी होगी सीबीआई जांच, हाईकोर्ट ने दिया आदेश 

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Fri, 08 Apr 2022 12:23 PM IST

सार

भादु शेख की हत्या के बाद ही बीरभूम में हिंसा भड़की और नौ लोगों को जिंदा जला दिया गया, वहीं कई घरों में आग लगा दी गई थी। इस मामले में सीबीआई ने गुरुवार को पहली गिरफ्तारी की थी।

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पश्चिम बंगाल के बोगतुई में टीएमसी नेता भादु शेख हत्या मामले की जांच भी सीबीआई करेगी। शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा है कि बीरभूम हिंसा और भादु शेख की हत्या आपस में जुड़ी हुई है। इसलिए दोनों मामलों की जांच सीबीआई ही करेगी। बीरभूम हिंसा की जांच पहले ही सीबीआई को सौंप दी गई थी। 

दरअसल, भादु शेख की हत्या के बाद ही बीरभूम में हिंसा भड़की और नौ लोगों को जिंदा जला दिया गया, वहीं कई घरों में आग लगा दी गई थी। इस मामले की जांच सीबीआई को दिए जाने के बाद मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर कर भादु शेख मामले को भी सीबीआई को सौंपने की मांग की गई थी। दावा किया गया था कि, दोनों मामले आपस में जुड़े हुए हैं। 

गुरुवार को सीबीआई ने की थी पहली गिरफ्तारी
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में नौ लोगों को जिंदा जलाने के मामले में सीबीआई ने गुरुवार को पहली गिरफ्तारी की थी। सीबीआई ने छापेमारी करते हुए मुंबई में छिपे चार संदिग्धों को उठाया है। 21 मार्च को घटना को अंजाम देने के तुरंत बाद ये चारों बोगतुई गांव से भागकर मुंबई चले गए थे। 

गिरफ्तार किए गए लोगों में बप्पा और शाबू शेख शामिल है, इन दोनों के नाम एफआईआर में भी दर्ज हैं। सीबीआई इन्हें मुंबई की अदालत में पेशकर ट्रांजिट रिमांड मांगेगी। सीबीआई ने कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में जांच शुरू की थी। तृणमूल कांग्रेस पंचायत नेता भादू शेख की लाश मिलने के बाद कुछ लोगों ने घरों में घुसकर मारपीट के बाद इन्हें आग के हवाले कर दिया था। 

विस्तार

पश्चिम बंगाल के बोगतुई में टीएमसी नेता भादु शेख हत्या मामले की जांच भी सीबीआई करेगी। शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा है कि बीरभूम हिंसा और भादु शेख की हत्या आपस में जुड़ी हुई है। इसलिए दोनों मामलों की जांच सीबीआई ही करेगी। बीरभूम हिंसा की जांच पहले ही सीबीआई को सौंप दी गई थी। 

दरअसल, भादु शेख की हत्या के बाद ही बीरभूम में हिंसा भड़की और नौ लोगों को जिंदा जला दिया गया, वहीं कई घरों में आग लगा दी गई थी। इस मामले की जांच सीबीआई को दिए जाने के बाद मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर कर भादु शेख मामले को भी सीबीआई को सौंपने की मांग की गई थी। दावा किया गया था कि, दोनों मामले आपस में जुड़े हुए हैं। 

गुरुवार को सीबीआई ने की थी पहली गिरफ्तारी

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में नौ लोगों को जिंदा जलाने के मामले में सीबीआई ने गुरुवार को पहली गिरफ्तारी की थी। सीबीआई ने छापेमारी करते हुए मुंबई में छिपे चार संदिग्धों को उठाया है। 21 मार्च को घटना को अंजाम देने के तुरंत बाद ये चारों बोगतुई गांव से भागकर मुंबई चले गए थे। 

गिरफ्तार किए गए लोगों में बप्पा और शाबू शेख शामिल है, इन दोनों के नाम एफआईआर में भी दर्ज हैं। सीबीआई इन्हें मुंबई की अदालत में पेशकर ट्रांजिट रिमांड मांगेगी। सीबीआई ने कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में जांच शुरू की थी। तृणमूल कांग्रेस पंचायत नेता भादू शेख की लाश मिलने के बाद कुछ लोगों ने घरों में घुसकर मारपीट के बाद इन्हें आग के हवाले कर दिया था। 

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