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बजट 2022: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए 25 हजार करोड़ का बजट, एकीकृत होंगी सभी वेलफेयर स्कीम
इसमें महिला और बाल विकास मंत्रालय ने मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 जैसी योजनाओं को व्यापक रूप से नया कलेवर में लाया है। इसके तहत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने महिला और बच्चों के लिए चलने वाली योजनाओं को एकीकृत कर दिया है।
दो लाख आंगनवाड़ी को अत्याधुनिक बनाया जाएगा
वित्त मंत्री ने कहा देश की दो लाख आंगनवाड़ी को अत्याधुनिक बनाया जाएगा। महिलाओं और बच्चों के एकीकृत विकास के लिए तीन योजनाएं शुरू की जाएंगी। इसमें बाल स्वास्थ सुधार के तहत आंगनवाड़ी का कायाकल्प, मानसिक स्वास्थ काउंसलिंग के लिए राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दो लाख आंगनवाड़ी के अपग्रेड होने का सीधा लाभ बच्चों को होगा।
इसमें बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए ऑडियो विजुअल के माध्यम से बच्चों के विकास को सक्षम बनाएंगे। इसके लिए 20,263 करोड़ रुपये का बजट आवंटित करने का एलान वित्त मंत्री ने किया है। उन्होंने बताया पिछले साल भी मिशन वात्सल्य के लिए नौ करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, बजट आवंटन के अनुसार इसे बढ़ाकर 1472.17 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि मिशन शक्ति के लिए 587 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिन्हें 562 करोड़ कर दिया गया है। किंतु इन योजनाओं को हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट से स्वीकृति मिली है। इसलिए इन्हें नए सिरे केंद्रीय बजट में लाया गया है।
बजट में करीब दो हजार 28 करोड़ से ज्यादा का इजाफा
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए केंद्रीय बजट में 25,172.28 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जबकि पिछले बजट में 23,200 करोड़ का आवंटन किया गया था। जिसमें इस बार करीब दो हजार 28 करोड़ से ज्यादा का इजाफा हुआ है, लेकिन सरकार ने स्वायत्त संस्थानों के खर्च से लेकर मंत्रालयों के अन्य मदों के खर्च में खासी कमी की है। इसमें बाल अधिकार आयोग से लेकर मंत्रालय के अधीन आने वाले स्वायत्त संस्थानों का बजट 163.03 से घटकर 152.62 करोड़ हो गया है।
राष्ट्रीय पुरस्कारों और यूनिसेफ को जाने वाली सहायता को घटाया गया
इसी क्रम में राष्ट्रीय पुरस्कारों और यूनिसेफ को जाने वाली सहायता को भी इस साल और घटाया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 170.23 करोड़ के बजट को इस वित्तीय वर्ष के लिए 159.83 करोड़ कर दिया है। वहीं आईसीडीएस और महिला संरक्षण और सशक्त महिलाओं के लिए चलने वाली सभी योजनाओं को एकीकृत कर दिया है। इसमें अब सक्षम आंगनवाड़ी, मिशन वात्सल्य और संबल के लिए 2622 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा देश के अत्यंत दुर्गम और पिछड़े 112 जिलों में जीवन के सुधार और महत्वाकांक्षी जिला कार्यक्रम ने कम समय में ज्यादा सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि 112 जिलों में 95 फीसदी स्वास्थ पोषण, वित्तीय हालात और आधारभूत ढांचे जैसे क्षेत्र में काफी प्रगति आई है। कई जिलों ने तो राज्यों द्वारा तय औसत मानकों को भी पछाड़ दिया है। जबकि अभी कुछ इलाके अभी भी पिछड़े हुए हैं, जिन पर इस वित्तीय वर्ष में काम किया जाएगा।
चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता रंजना कुमारी ने कहा केंद्रीय बजट में उन्हें महिला और बाल विकास मंत्रालय के लिहाज से पूरा दिन गुजर गया पढ़ते हुए पर कुछ मिला नहीं, न कोई नया प्रस्ताव, न महिलाओं के लिए नए अवसर और संभावनाएं। पुरानी योजनाओं को फिर लाकर खानापूर्ती की गई लगती है। बजट को देखकर लगता नहीं की किसी वर्ग से रायशुमारी हुई हो, परंपरा थी कि हम सब महिला संगठनों को बुलाया जाता था, उनसे रायशुमारी की जाती थी। महिलाओं ने ही अरुण जेटली के वित्तमंत्री रहते सैनेटरी नैपकिन पर टैक्स हटवाया था।
स्मृति ईरानी ने बजट को परिवर्तनकारी बदलाव की शुरुआत बताया
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा केंद्रीय बजट भारत को उभरती वैश्विक अर्थव्यवस्था के केंद्र में स्थान देगा। उन्होंने प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा मिशन पोषण 2.0, मिशन संबल, मिशन वात्सल्य महिलाओं के कल्याण सामार्थ्य, सुरक्षा में एक परिवर्तनकारी बदलाव की शुरुआत है। उन्होंने कहा यह आगाज देश की महिलाओं और बच्चों को मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने कहा सक्षम आंगनवाड़ी का लक्ष्य अत्याधुनिक संसाधनों की मदद से बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित कराना है।
वहीं पोषण के बुनियादी ढांचे को मिशन 2.0, समय पर ट्रैकिंग और पोषण संबंधी मानदंडो को मजबूत करता है। इसकी मदद से कुपोषण मुक्त भारत का संकल्प और मजबूत होगा। उन्होंने कहा मिशन शक्ति में संबल और समर्थ दो घटक हैं। यह संबल महिलाओं की सुरक्षा, मजबूत करने के लिए समर्पित है। वहीं समर्थ महिलाओं के सशक्तिकरण को सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा इसके माध्यम से महिलाओं का समग्र कल्याण और विकास होगा। भारत सरकार के माध्यम से हर बच्चे के लिए स्वस्थ और खुशहाल बचपन मिशन वात्सल्य एक संवेदनशील, सहायक और समकालिकता को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। यह समुदाय आधारित संरक्षण को प्रोत्साहित करता है।