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पुरस्कार राशि: खेल मंत्री ने एक समान कैश अवार्ड की वकालत की
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Tue, 21 Sep 2021 04:17 AM IST
सार
ठाकुर ने खेल मंत्रियों से गांव और शहर के स्तर पर ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट कराने को कहा। इसमें उन्होंने स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के साथ मिलकर काम किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर।
– फोटो : ANI
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अनुराग ठाकुर ने खेल मंत्रियों से उनके राज्यों के स्पोर्ट्स कांप्लेक्सों का ब्योरा मांगा। जिससे सभी राज्यों के खेल गतिविधियों के केंद्रों का एक पोर्टल तैयार किया जा सके। इस पोर्टल पर इन केंद्रों से जुड़ी हर जानकारी मुहैया कराई जाएगी।
यही नहीं ठाकुर ने खेल मंत्रियों से एक समान कैश अवार्ड की योजना तैयार करने को कहा। जिससे ओलंपिक, एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं को हर राज्य की ओर से एक समान पुरस्कार राशि दी जा सके।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि अभी कोई राज्य पदक विजेता को छह करोड़ तो कोई एक करोड़ तो कोई कुछ लाख रुपये ही दे रहा है। अगर सभी राज्य मिलकर कैश अवार्ड का एक पूल तैयार करें और उसके बाद पदक विजेताओं को एक समान पुरस्कार राशि दी जाए तो इससे अच्छा और कुछ नहीं होगा। कैश अवार्ड के इस पूल में केंद्र सरकार भी अपनी हिस्सा डालेगी।
यही नहीं राज्यों से सही आयु में प्रतिभाओं को सामने लाने की योजना बनाने को कहा जिससे उन्हें खेलों इंडिया खेलों में का हिस्सा बनाकर 2028 और 2032 के ओलंपिक के लिए तैयार किया जा सके।
विस्तार
अनुराग ठाकुर ने खेल मंत्रियों से उनके राज्यों के स्पोर्ट्स कांप्लेक्सों का ब्योरा मांगा। जिससे सभी राज्यों के खेल गतिविधियों के केंद्रों का एक पोर्टल तैयार किया जा सके। इस पोर्टल पर इन केंद्रों से जुड़ी हर जानकारी मुहैया कराई जाएगी।
यही नहीं ठाकुर ने खेल मंत्रियों से एक समान कैश अवार्ड की योजना तैयार करने को कहा। जिससे ओलंपिक, एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं को हर राज्य की ओर से एक समान पुरस्कार राशि दी जा सके।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि अभी कोई राज्य पदक विजेता को छह करोड़ तो कोई एक करोड़ तो कोई कुछ लाख रुपये ही दे रहा है। अगर सभी राज्य मिलकर कैश अवार्ड का एक पूल तैयार करें और उसके बाद पदक विजेताओं को एक समान पुरस्कार राशि दी जाए तो इससे अच्छा और कुछ नहीं होगा। कैश अवार्ड के इस पूल में केंद्र सरकार भी अपनी हिस्सा डालेगी।
यही नहीं राज्यों से सही आयु में प्रतिभाओं को सामने लाने की योजना बनाने को कहा जिससे उन्हें खेलों इंडिया खेलों में का हिस्सा बनाकर 2028 और 2032 के ओलंपिक के लिए तैयार किया जा सके।