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पुणे: कोर्ट ने छेड़छाड़ मामले में आरोपी को शिकायत दर्ज करने के तीन दिन के भीतर दोषी करार दिया, छह महीने की सजा

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सार

पुणे जिले के पिंपरी चिंचवड़ में न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने हिंजेवाड़ी थाने में छेड़छाड़ का मामला दर्ज होने के तीन दिन के भीतर आरोपी को छह महीने की कैद की सजा सुनाई।

कोर्ट ने तीन दिन के भीतर आरोपी को दोषी करार देते हुए सुनाई सजा।
– फोटो : सोशल मीडिया

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देश में छेड़छाड़ और दुष्कर्म का मामले आए दिन सामने आते रहते हैं और इन आरोपों में आरोपियों को सजा मिलने में काफी समय लगता है। लेकिन पुणे जिले के पिंपरी चिंचवड़ में एक न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने केस दर्ज होने के तीन दिन के भीतर ही आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुना दी।

छह महीने कैद की सजा
पुणे जिले के पिंपरी चिंचवड़ में न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने हिंजेवाड़ी थाने में छेड़छाड़ का मामला दर्ज होने के तीन दिन के भीतर आरोपी को छह महीने की कैद की सजा सुनाई।

नौ हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया 
न्यायिक मजिस्ट्रेट (न्यायाधीश) श्रद्धा डोलरे ने 31 वर्षीय दोषी समीर श्रीरंग जाधव पर 9,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। उन्होंने कहा, “अगर वह जुर्माना भरने में विफल रहता है, तो उसे एक महीने और जेल में रहना होगा।”

25 जनवरी को दर्ज किया गया था मामला  
पुलिस उपायुक्त आनंद भोइटे द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 25 जनवरी को मामला दर्ज किया गया था, जब एक महिला ने हिंजवाड़ी पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एक होटल व्यवसायी ने उसके घर में घुसकर उसे जान से मारने की धमकी दी और उसके साथ छेड़छाड़ की।

शिकायत मिलने के बाद तुरंत एक महिला अधिकारी को मामले की जांच शुरू करने का जिम्मा सौंपा गया। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354, 452, 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

27 जनवरी को आरोपी को अदालत में पेश किया
आधिकारिक बयान में कहा गया है, “आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत इकट्ठा करने के बाद, उसे 27 जनवरी को सुबह 9:30 बजे गिरफ्तार किया गया और चार्जशीट के साथ अदालत में पेश किया गया।”

36 घंटे में पुरी हुई अदालती कार्यवाही
पुलिस की जांच 36 घंटे के भीतर पूरी हुई जबकि अदालती कार्यवाही भी 36 घंटे (अदालत के काम के घंटे) में पूरी हो गई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद आरोपी को दोषी करार दिया। सहायक लोक अभियोजक विजयसिंह जाधव ने मामले की पैरवी की, कार्यवाही में तेजी लाई और आरोपियों के लिए अधिकतम सजा की मांग की।

विस्तार

देश में छेड़छाड़ और दुष्कर्म का मामले आए दिन सामने आते रहते हैं और इन आरोपों में आरोपियों को सजा मिलने में काफी समय लगता है। लेकिन पुणे जिले के पिंपरी चिंचवड़ में एक न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने केस दर्ज होने के तीन दिन के भीतर ही आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुना दी।

छह महीने कैद की सजा

पुणे जिले के पिंपरी चिंचवड़ में न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने हिंजेवाड़ी थाने में छेड़छाड़ का मामला दर्ज होने के तीन दिन के भीतर आरोपी को छह महीने की कैद की सजा सुनाई।

नौ हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया 

न्यायिक मजिस्ट्रेट (न्यायाधीश) श्रद्धा डोलरे ने 31 वर्षीय दोषी समीर श्रीरंग जाधव पर 9,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। उन्होंने कहा, “अगर वह जुर्माना भरने में विफल रहता है, तो उसे एक महीने और जेल में रहना होगा।”

25 जनवरी को दर्ज किया गया था मामला  

पुलिस उपायुक्त आनंद भोइटे द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 25 जनवरी को मामला दर्ज किया गया था, जब एक महिला ने हिंजवाड़ी पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एक होटल व्यवसायी ने उसके घर में घुसकर उसे जान से मारने की धमकी दी और उसके साथ छेड़छाड़ की।

शिकायत मिलने के बाद तुरंत एक महिला अधिकारी को मामले की जांच शुरू करने का जिम्मा सौंपा गया। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354, 452, 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

27 जनवरी को आरोपी को अदालत में पेश किया

आधिकारिक बयान में कहा गया है, “आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत इकट्ठा करने के बाद, उसे 27 जनवरी को सुबह 9:30 बजे गिरफ्तार किया गया और चार्जशीट के साथ अदालत में पेश किया गया।”

36 घंटे में पुरी हुई अदालती कार्यवाही

पुलिस की जांच 36 घंटे के भीतर पूरी हुई जबकि अदालती कार्यवाही भी 36 घंटे (अदालत के काम के घंटे) में पूरी हो गई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद आरोपी को दोषी करार दिया। सहायक लोक अभियोजक विजयसिंह जाधव ने मामले की पैरवी की, कार्यवाही में तेजी लाई और आरोपियों के लिए अधिकतम सजा की मांग की।

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