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पीएफ पर ब्याज दर में हो सकती है बढ़ोतरी: अगले महीने ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक में हो सकता है फैसला

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अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 09 Feb 2022 03:21 AM IST

सार

ईपीएफओ की वित्तीय निवेश एवं ऑडिट कमेटी की बुधवार को बैठक होनी है। इसमें ईपीएफओ की अब तक की कमाई पर चर्चा हो सकती है। इसके आधार पर ही कमेटी पीएफ पर ब्याज दर में संशोधन की सिफारिश करेगी।

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लगातार बढ़ रही महंगाई को देखते हुए नौकरीपेशा को राहत देने के लिए सरकार पीएफ पर ब्याज दरों में इजाफा कर सकती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) की अगले महीने यानी मार्च में गुवाहाटी में होने वाली बैठक में इस पर फैसला हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि बैठक में 2021-22 के लिए पीएफ जमा पर मिलने वाली ब्याज दर बढ़ाई जा सकती है। बैठक में पेंशन की न्यूनतम राशि बढ़ाने को लेकर भी विचार हो सकता है।

वित्तीय निवेश एवं ऑडिट कमेटी की आज होगी बैठक
इससे पहले ईपीएफओ की वित्तीय निवेश एवं ऑडिट कमेटी की बुधवार को बैठक होनी है। इसमें ईपीएफओ की अब तक की कमाई पर चर्चा हो सकती है। इसके आधार पर ही कमेटी पीएफ पर ब्याज दर में संशोधन की सिफारिश करेगी। मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि यह सिफारिश सीबीटी की मार्च में होने वाली बैठक से एक दिन पहले या उसी दिन की जा सकती है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की आखिरी बैठक मार्च में श्रीनगर में हुई थी। इसमें 2020-21 के लिए पीएफ जमा पर 8.5 फीसदी सालाना ब्याज देने की सिफारिश की गई थी।

2015-16 में सबसे ज्यादा थी दर

  • 2019-20 8.50 फीसदी
  • 2018-19 8.65 फीसदी
  • 2017-18 8.55 फीसदी
  • 2016-17 8.65 फीसदी
  • 2015-16 8.80 फीसदी
  • 2014-15 8.75 फीसदी
  • 2013-14 8.75 फीसदी
  • 2012-13 8.50 फीसदी
  • 2011-12 8.25 फीसदी

निवेश का प्रस्ताव
वित्तीय निवेश एवं ऑडिट कमेटी की बुधवार को होने वाली बैठक में ईपीएफओ की कमाई के निवेश पर भी चर्चा हो सकती है। सरकार ने ईपीएफओ की कमाई में से पांच फीसदी तक अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ) में निवेश करने का प्रस्ताव दिया था। कमेटी के एक सदस्य ने कहा कि पिछली बैठक में हमने इस संबंध में और जानकारी मांगी थी। इस बार भी बैठक में इस पर चर्चा होगी। उधर, सीबीटी में सरकार, कर्मचारियों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के फैसले को मानना ईपीएफओ के लिए जरूरी होता है।

विस्तार

लगातार बढ़ रही महंगाई को देखते हुए नौकरीपेशा को राहत देने के लिए सरकार पीएफ पर ब्याज दरों में इजाफा कर सकती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) की अगले महीने यानी मार्च में गुवाहाटी में होने वाली बैठक में इस पर फैसला हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि बैठक में 2021-22 के लिए पीएफ जमा पर मिलने वाली ब्याज दर बढ़ाई जा सकती है। बैठक में पेंशन की न्यूनतम राशि बढ़ाने को लेकर भी विचार हो सकता है।

वित्तीय निवेश एवं ऑडिट कमेटी की आज होगी बैठक

इससे पहले ईपीएफओ की वित्तीय निवेश एवं ऑडिट कमेटी की बुधवार को बैठक होनी है। इसमें ईपीएफओ की अब तक की कमाई पर चर्चा हो सकती है। इसके आधार पर ही कमेटी पीएफ पर ब्याज दर में संशोधन की सिफारिश करेगी। मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि यह सिफारिश सीबीटी की मार्च में होने वाली बैठक से एक दिन पहले या उसी दिन की जा सकती है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की आखिरी बैठक मार्च में श्रीनगर में हुई थी। इसमें 2020-21 के लिए पीएफ जमा पर 8.5 फीसदी सालाना ब्याज देने की सिफारिश की गई थी।

2015-16 में सबसे ज्यादा थी दर

  • 2019-20 8.50 फीसदी
  • 2018-19 8.65 फीसदी
  • 2017-18 8.55 फीसदी
  • 2016-17 8.65 फीसदी
  • 2015-16 8.80 फीसदी
  • 2014-15 8.75 फीसदी
  • 2013-14 8.75 फीसदी
  • 2012-13 8.50 फीसदी
  • 2011-12 8.25 फीसदी

निवेश का प्रस्ताव

वित्तीय निवेश एवं ऑडिट कमेटी की बुधवार को होने वाली बैठक में ईपीएफओ की कमाई के निवेश पर भी चर्चा हो सकती है। सरकार ने ईपीएफओ की कमाई में से पांच फीसदी तक अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ) में निवेश करने का प्रस्ताव दिया था। कमेटी के एक सदस्य ने कहा कि पिछली बैठक में हमने इस संबंध में और जानकारी मांगी थी। इस बार भी बैठक में इस पर चर्चा होगी। उधर, सीबीटी में सरकार, कर्मचारियों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के फैसले को मानना ईपीएफओ के लिए जरूरी होता है।

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