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पाक को चीन की चेतावनी: सीपीईसी प्रोजेक्ट में लगे हजारों चीनियों की सुरक्षा करो और माहौल सुधारो, इंजीनियरों की हत्या से बौखलाया

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वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Wed, 17 Nov 2021 08:02 PM IST

सार

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह चीन के झिंजियांग प्रांत को बलूचिस्तान प्रांत में स्थित पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ेगी।

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चीन ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि वह उन हजारों नागरिकों की सुरक्षा करे, जो सीपीईसी परियोजना के काम में जुटे हैं। इसी साल अगस्त में चीन के 13 सैनिक पाकिस्तान में एक बस पर हुए आतंकी हमले में मारे गए थे। इसलिए चीन ने एक बार फिर पाक को चेताया है कि वह देश में माहौल सुधारे और चीनी कर्मचारियों को सुरक्षा मुहैया कराए। 

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह चीन के झिंजियांग प्रांत को बलूचिस्तान प्रांत में स्थित पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ेगी। 62 अरब डॉलर की लागत से चीन इसका विकास कर रहा है। सुरक्षा कारणों से यह परियोजना बहुत सुस्त रफ्तार से आगे बढ़ पा रही है। बुधवार को आई पाक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने परियोजनाओं के निर्माण की धीमी गति पर भी चिंता जताई है। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गत सोमवार को पाकिस्तानी अधिकारियों ने चीनी कंपनियों के अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। इसे लेकर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि उम्मीद है कि पाकिस्तान अपने देश में व्यापार करने वाली चीनी कंपनियों के लिए मजबूत व सशक्त सुविधाएं प्रदान करेगा।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान में हुए हमलों में चीन लगातार सीपीईसी परियोजनाओं में जुटे अपने हजारों श्रमिकों व अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहता रहा है। 

अगस्त में पाकिस्तान के दसू इलाके में चीनी इंजीनियरों को ले जा रही एक बस पर हुए बम हमले में नौ चीनी इंजीनियरों समेत 13 लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे। क्षेत्र में चीनी कंपनी सिंधु नदी पर 4,300 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना का निर्माण कर रही है। 

सीपीईसी 2013 से चल रही है। 2017 तक परियोजनाओं की कीमत 62 अरब डॉलर थी। भारत इसका कड़ा विरोध कर रहा है, क्योंकि यह परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से जुड़ी है। 
 

विस्तार

चीन ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि वह उन हजारों नागरिकों की सुरक्षा करे, जो सीपीईसी परियोजना के काम में जुटे हैं। इसी साल अगस्त में चीन के 13 सैनिक पाकिस्तान में एक बस पर हुए आतंकी हमले में मारे गए थे। इसलिए चीन ने एक बार फिर पाक को चेताया है कि वह देश में माहौल सुधारे और चीनी कर्मचारियों को सुरक्षा मुहैया कराए। 

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह चीन के झिंजियांग प्रांत को बलूचिस्तान प्रांत में स्थित पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ेगी। 62 अरब डॉलर की लागत से चीन इसका विकास कर रहा है। सुरक्षा कारणों से यह परियोजना बहुत सुस्त रफ्तार से आगे बढ़ पा रही है। बुधवार को आई पाक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने परियोजनाओं के निर्माण की धीमी गति पर भी चिंता जताई है। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गत सोमवार को पाकिस्तानी अधिकारियों ने चीनी कंपनियों के अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। इसे लेकर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि उम्मीद है कि पाकिस्तान अपने देश में व्यापार करने वाली चीनी कंपनियों के लिए मजबूत व सशक्त सुविधाएं प्रदान करेगा।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान में हुए हमलों में चीन लगातार सीपीईसी परियोजनाओं में जुटे अपने हजारों श्रमिकों व अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहता रहा है। 

अगस्त में पाकिस्तान के दसू इलाके में चीनी इंजीनियरों को ले जा रही एक बस पर हुए बम हमले में नौ चीनी इंजीनियरों समेत 13 लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे। क्षेत्र में चीनी कंपनी सिंधु नदी पर 4,300 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना का निर्माण कर रही है। 

सीपीईसी 2013 से चल रही है। 2017 तक परियोजनाओं की कीमत 62 अरब डॉलर थी। भारत इसका कड़ा विरोध कर रहा है, क्योंकि यह परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से जुड़ी है। 

 

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