videsh

पाकिस्तान: असम के अतिक्रमण विरोधी अभियान के मुद्दे पर भारतीय राजनयिक को किया तलब

Posted on

पीटीआई, इस्लामाबाद
Published by: देव कश्यप
Updated Sat, 25 Sep 2021 03:06 AM IST

सार

असम में गुरुवार को दरांग जिले के सिपाझार राजस्व क्षेत्र के अंतगर्त गोरुखुती और अन्य गांवों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए पुलिस गई थी, लेकिन वहां हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और पुलिस कर्मियों सहित 20 लोग घायल हो गए थे।

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

पाकिस्तान ने असम में कथित निष्कासन अभियान को लेकर शुक्रवार को भारतीय राजनयिक को बुलाकर उस पर चिंता जताई। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि राज्य में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने कहा कि भारतीय राजनयिक को असम में अल्पसंख्यक विरोधी हिंसा की जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने को कहा गया है।

असम में गुरुवार को दरांग जिले के सिपाझार राजस्व क्षेत्र के अंतगर्त गोरुखुती और अन्य गांवों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए पुलिस गई थी, लेकिन वहां हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और पुलिस कर्मियों सहित 20 लोग घायल हो गए थे।

दरअसल, सिपाझार में दशकों से रह रहे 800 परिवारों को सरकारी जमीन से बेदखल करने के बाद  पुनर्वास की मांग को लेकर जन विरोध शुरू हो गया है। इसे लेकर पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने जारी बयान में कहा कि उसने भारतीय राजनयिक से कहा कि भारत को हाल में ‘असम में हुई मुस्लिम विरोधी हिंसा’ की जांच करनी चाहिए और दोषियों को सजा देनी चाहिए। बयान के अनुसार, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए भी उपाय करने चाहिए।

दरांग जिला प्रशासन ने कहा कि सोमवार से अबतक 602.4 हेक्टेयर जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है और 800 परिवारों को निकाला गया है और सिपाझार में चार अवैध रूप से निर्मित धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया गया है।

विस्तार

पाकिस्तान ने असम में कथित निष्कासन अभियान को लेकर शुक्रवार को भारतीय राजनयिक को बुलाकर उस पर चिंता जताई। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि राज्य में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने कहा कि भारतीय राजनयिक को असम में अल्पसंख्यक विरोधी हिंसा की जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने को कहा गया है।

असम में गुरुवार को दरांग जिले के सिपाझार राजस्व क्षेत्र के अंतगर्त गोरुखुती और अन्य गांवों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए पुलिस गई थी, लेकिन वहां हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और पुलिस कर्मियों सहित 20 लोग घायल हो गए थे।

दरअसल, सिपाझार में दशकों से रह रहे 800 परिवारों को सरकारी जमीन से बेदखल करने के बाद  पुनर्वास की मांग को लेकर जन विरोध शुरू हो गया है। इसे लेकर पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने जारी बयान में कहा कि उसने भारतीय राजनयिक से कहा कि भारत को हाल में ‘असम में हुई मुस्लिम विरोधी हिंसा’ की जांच करनी चाहिए और दोषियों को सजा देनी चाहिए। बयान के अनुसार, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए भी उपाय करने चाहिए।

दरांग जिला प्रशासन ने कहा कि सोमवार से अबतक 602.4 हेक्टेयर जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है और 800 परिवारों को निकाला गया है और सिपाझार में चार अवैध रूप से निर्मित धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया गया है।

Source link

Click to comment

Most Popular