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धर्मांतरण विवाद: तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष बोले- हमारी लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि न्याय के लिए है

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पीटीआई, अरियालुर (तमिलनाडु)
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 31 Jan 2022 12:50 AM IST

सार

भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि केवल कुछ व्यक्तियों ने गलत किया है और न्याय के लिए उनकी पार्टी की लड़ाई का किसी भी धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। 

सांकेतिक तस्वीर….
– फोटो : सोशल मीडिया

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हाल ही में तमिलनाडु में एक स्कूल की छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी, इसके बाद लड़की के परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर धर्मातरण का आरोप लगाया था और प्रदर्शन भी किया था। वहीं भाजपा भी इस मामले में कूद पड़ी। अब भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने रविवार को कहा कि 17 वर्षीय छात्रा की आत्महत्या मामले में हमारी लड़ाई लड़ाई न्याय के लिए है किसी धर्म के खिलाफ नहीं।

भाजपा ने लड़की को ईसाई बनाने के लिए जबरदस्ती करने के आरोप लगाया था। इस मामले पर पार्टी का बचाव करते हुए अन्नामलाई ने कहा कि केवल कुछ व्यक्तियों ने गलत किया है और न्याय के लिए उनकी पार्टी की लड़ाई का किसी भी धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। 

वहीं उन्होंने मीडिया के सामने इस मामले पर सीबीआई की मांग की। आगे मीडिया से उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी न्याय हासिल करने को लेकर आश्वस्त है। उन्होंने कहा कि लड़की मौत के असली कारणों का पता लगाकर ही ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोका जा सकता है। 

मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने लगाया था भाजपा पर आरोप
अन्नामलाई की टिप्पणी द्रमुक अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एम के स्टालिन द्वारा भाजपा पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाने के कुछ घंटों बाद आई है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने आरोप लगाया था कि भाजपा धार्मिक हिंसा भड़काने और धार्मिक कट्टरता के बीज बोकर राजनीतिक लाभ हासिल करने की कोशिश कर रही है। इस पर अन्नामलाई ने कहा कि इस तरह के झूठे आरोपों से लोगों को कब तक गुमराह किया जा सकता है।

नहीं मिला निष्पक्ष जांच का आश्वासन
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी (भाजपा) को इस मामले में सामने इसलिए आना पड़ा क्योंकि अधिकारियों ने इस मामले में जांच का उचित आश्वासन नहीं दिया। अगर निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया गया होता, तो उनकी पार्टी को इस मुद्दे को उठाने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन शुरुआत से ही, अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि लड़की पर कोई धर्मांतरण का दबाव कोई प्रयास नहीं किया गया था।

जानिए क्या है पूरा मामला
यह किशोरी तमिलनाडु के तंजावुर जिले के क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल में पढ़ती थी। वहां उसका कथित तौर पर उत्पीड़न किया गया और जिस हॉस्टल वार्डन उससे जबरन घरेलू काम करवाती थी। सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में किशोरी ने आरोप लगाया था कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। इसके बाद नाबालिग ने अपनी जान देने की कोशिश की। उसे तंजावुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन 19 जनवरी को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। 

विस्तार

हाल ही में तमिलनाडु में एक स्कूल की छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी, इसके बाद लड़की के परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर धर्मातरण का आरोप लगाया था और प्रदर्शन भी किया था। वहीं भाजपा भी इस मामले में कूद पड़ी। अब भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने रविवार को कहा कि 17 वर्षीय छात्रा की आत्महत्या मामले में हमारी लड़ाई लड़ाई न्याय के लिए है किसी धर्म के खिलाफ नहीं।

भाजपा ने लड़की को ईसाई बनाने के लिए जबरदस्ती करने के आरोप लगाया था। इस मामले पर पार्टी का बचाव करते हुए अन्नामलाई ने कहा कि केवल कुछ व्यक्तियों ने गलत किया है और न्याय के लिए उनकी पार्टी की लड़ाई का किसी भी धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। 

वहीं उन्होंने मीडिया के सामने इस मामले पर सीबीआई की मांग की। आगे मीडिया से उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी न्याय हासिल करने को लेकर आश्वस्त है। उन्होंने कहा कि लड़की मौत के असली कारणों का पता लगाकर ही ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोका जा सकता है। 

मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने लगाया था भाजपा पर आरोप

अन्नामलाई की टिप्पणी द्रमुक अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एम के स्टालिन द्वारा भाजपा पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाने के कुछ घंटों बाद आई है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने आरोप लगाया था कि भाजपा धार्मिक हिंसा भड़काने और धार्मिक कट्टरता के बीज बोकर राजनीतिक लाभ हासिल करने की कोशिश कर रही है। इस पर अन्नामलाई ने कहा कि इस तरह के झूठे आरोपों से लोगों को कब तक गुमराह किया जा सकता है।

नहीं मिला निष्पक्ष जांच का आश्वासन

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी (भाजपा) को इस मामले में सामने इसलिए आना पड़ा क्योंकि अधिकारियों ने इस मामले में जांच का उचित आश्वासन नहीं दिया। अगर निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया गया होता, तो उनकी पार्टी को इस मुद्दे को उठाने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन शुरुआत से ही, अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि लड़की पर कोई धर्मांतरण का दबाव कोई प्रयास नहीं किया गया था।

जानिए क्या है पूरा मामला

यह किशोरी तमिलनाडु के तंजावुर जिले के क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल में पढ़ती थी। वहां उसका कथित तौर पर उत्पीड़न किया गया और जिस हॉस्टल वार्डन उससे जबरन घरेलू काम करवाती थी। सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में किशोरी ने आरोप लगाया था कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। इसके बाद नाबालिग ने अपनी जान देने की कोशिश की। उसे तंजावुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन 19 जनवरी को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। 

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