videsh

तालिबान राज: अमेरिका ने कहा- अफगानिस्तान पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है भारत

Posted on

एजेंसी, लंदन
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 12 Sep 2021 07:01 AM IST

सार

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि भारत की अफगानिस्तान में न सिर्फ अहम भूमिका हो सकती है बल्कि निवेश के कारण भविष्य में उसका वहां सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

तालिबान के सर्मथन में निकली महिलाओं की रैली के साथ आतंकी
– फोटो : सोशल मीडिया

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

बतौर प्रमुख क्षेत्रीय ताकत और अमेरिकी सहयोगी के रूप में भारत की अफगानिस्तान में न सिर्फ अहम भूमिका हो सकती है बल्कि निवेश के कारण भविष्य में उसका वहां सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह बात अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कही है।

अमेरिकी विदेश विभाग के लंदन स्थित हिंदू/उर्दू प्रवक्ता जेड तरार का कहना है, क्षेत्रीय सहयोगी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के निर्वाचित सदस्य के रूप में भारत को अफगान में एक भूमिका निभानी है। मानवीय सहायता और अतीत में किया गया निवेश अफगानिस्तान के भविष्य पर अच्छा असर डाल सकता है।

उन्होंने कहा, अफगान मुद्दे पर हम न्यूयॉर्क, नई दिल्ली और  वाशिंगटन में भारत के साथ गहन विचार-विमर्श कर रहे हैं। 9/11 हमलों की 20वीं बरसी के अवसर पर एक साक्षात्कार में तरार ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के संदेश को दोहराया कि अमेरिका ने अफगान युद्ध में अलकायदा के नेटवर्क को खत्म करने का अपना मिशन हासिल कर लिया है। अब अमेरिका भारत जैसे समान दृष्टिकोण वाले साझेदारों और लोकतंत्रों के साथ काम करेगा ताकि अफगानिस्तान के लोगों को सहारा देने पर ध्यान दिया जा सके।

सैन्य वापसी के समय और तरीके पर उठ रहे सवालों का दिया जवाब
तरार ने स्पष्ट किया कि यह अमेरिका के लिए युद्ध समाप्त करने का समय था। वहां एक उद्देश्य था, अल कायदा को खत्म करना। उसे हमने वर्षों पहले पूरा कर लिया। हमने पिछले 20 वर्षों में एक हजार अरब डॉलर से अफगान सैनिकों को प्रशिक्षित किया है।

विस्तार

बतौर प्रमुख क्षेत्रीय ताकत और अमेरिकी सहयोगी के रूप में भारत की अफगानिस्तान में न सिर्फ अहम भूमिका हो सकती है बल्कि निवेश के कारण भविष्य में उसका वहां सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह बात अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कही है।

अमेरिकी विदेश विभाग के लंदन स्थित हिंदू/उर्दू प्रवक्ता जेड तरार का कहना है, क्षेत्रीय सहयोगी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के निर्वाचित सदस्य के रूप में भारत को अफगान में एक भूमिका निभानी है। मानवीय सहायता और अतीत में किया गया निवेश अफगानिस्तान के भविष्य पर अच्छा असर डाल सकता है।

उन्होंने कहा, अफगान मुद्दे पर हम न्यूयॉर्क, नई दिल्ली और  वाशिंगटन में भारत के साथ गहन विचार-विमर्श कर रहे हैं। 9/11 हमलों की 20वीं बरसी के अवसर पर एक साक्षात्कार में तरार ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के संदेश को दोहराया कि अमेरिका ने अफगान युद्ध में अलकायदा के नेटवर्क को खत्म करने का अपना मिशन हासिल कर लिया है। अब अमेरिका भारत जैसे समान दृष्टिकोण वाले साझेदारों और लोकतंत्रों के साथ काम करेगा ताकि अफगानिस्तान के लोगों को सहारा देने पर ध्यान दिया जा सके।

सैन्य वापसी के समय और तरीके पर उठ रहे सवालों का दिया जवाब

तरार ने स्पष्ट किया कि यह अमेरिका के लिए युद्ध समाप्त करने का समय था। वहां एक उद्देश्य था, अल कायदा को खत्म करना। उसे हमने वर्षों पहले पूरा कर लिया। हमने पिछले 20 वर्षों में एक हजार अरब डॉलर से अफगान सैनिकों को प्रशिक्षित किया है।

Source link

Click to comment

Most Popular