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तनाव: ऑपरेशन 'फॉल्स फ्लैग' के जरिए यूक्रेन पर हमला करने की फिराक में रूस, अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने दी जानकारी
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sat, 15 Jan 2022 11:36 AM IST
सार
अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपनी छवि को बनाए रखने के लिए रूस ‘फॉल्स फ्लैग’ ऑपरेशन के जरिए यूक्रेन पर हमले की योजना बना रहा है।
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फॉल्स फ्लैग’ ऑपरेशन के जरिए यूक्रेन पर हमला
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि हमारे पास ऐसी जानकारी है जो इंगित करती है कि रूस ने पूर्वी यूक्रेन में ‘फॉल्स फ्लैग’ ऑपरेशन के संचालन के लिए पहले से ही सेना के एक समूह को तैनात कर दिया है। सभी जवानों को खतरनाक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं एक अमेरिकी अधिकारी ने दावा किया कि सोशल मीडिया पर ये बातें सामने आ रही हैं कि रूसी सेना की योजना सैन्य आक्रमण से कई सप्ताह पहले इन गतिविधियों को शुरू करने की है, जो जनवरी के मध्य और फरवरी के मध्य में शुरू हो सकती है।
क्या है फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन
फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन यानी जब किसी देश की तरफ से या किसी एजेंसी की तरफ से कोई कोवर्ट ऑपरेशन चलाया जाता है। इस ऑपरेशन का दोष किसी दुश्मन देश या फिर किसी सेकेंड पार्टी को दिया जाता है। फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन को अंजाम देने वाले की पहचान को पूरी तरह से छिपाया जाता है। इतना ही नहीं, इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम देने वाला यदि पकड़ा जाता है तो उसमें अपनी भूमिका से पूरी तरह से मुंह फेर लिया जाता है। इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम देने वाले गुप्तचरों को इस बात की पूरी जानकारी होती है कि यदि वे पकड़े गए तो सरकार उन्हें किसी तरह से भी स्वीकार नहीं करेगी।
यूक्रेन ने अपने ऊपर साइबर हमले के बाद जताई बड़े खतरे की आशंका
रूस के साथ सीमा विवाद के बीच यूक्रेन पर एक बड़ा साइबर हमला हुआ है जिसके बाद से देश की कई सरकारी वेबसाइटें बंद हैं। यूक्रेन ने नागरिकों से डरने व इससे भी बड़े खतरे की आशंका जताई है। जबकि रूस, जो पहले ही पड़ोसी सीमा पर एक लाख से ज्यादा सैनिक भेज चुका है, ने एक अभ्यास में और अधिक बलों की तैनाती की तस्वीरें टीवी पर जारी की हैं। रूस ने इस पर चुप्पी बरती है।
विस्तार
फॉल्स फ्लैग’ ऑपरेशन के जरिए यूक्रेन पर हमला
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि हमारे पास ऐसी जानकारी है जो इंगित करती है कि रूस ने पूर्वी यूक्रेन में ‘फॉल्स फ्लैग’ ऑपरेशन के संचालन के लिए पहले से ही सेना के एक समूह को तैनात कर दिया है। सभी जवानों को खतरनाक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं एक अमेरिकी अधिकारी ने दावा किया कि सोशल मीडिया पर ये बातें सामने आ रही हैं कि रूसी सेना की योजना सैन्य आक्रमण से कई सप्ताह पहले इन गतिविधियों को शुरू करने की है, जो जनवरी के मध्य और फरवरी के मध्य में शुरू हो सकती है।
क्या है फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन
फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन यानी जब किसी देश की तरफ से या किसी एजेंसी की तरफ से कोई कोवर्ट ऑपरेशन चलाया जाता है। इस ऑपरेशन का दोष किसी दुश्मन देश या फिर किसी सेकेंड पार्टी को दिया जाता है। फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन को अंजाम देने वाले की पहचान को पूरी तरह से छिपाया जाता है। इतना ही नहीं, इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम देने वाला यदि पकड़ा जाता है तो उसमें अपनी भूमिका से पूरी तरह से मुंह फेर लिया जाता है। इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम देने वाले गुप्तचरों को इस बात की पूरी जानकारी होती है कि यदि वे पकड़े गए तो सरकार उन्हें किसी तरह से भी स्वीकार नहीं करेगी।
यूक्रेन ने अपने ऊपर साइबर हमले के बाद जताई बड़े खतरे की आशंका
रूस के साथ सीमा विवाद के बीच यूक्रेन पर एक बड़ा साइबर हमला हुआ है जिसके बाद से देश की कई सरकारी वेबसाइटें बंद हैं। यूक्रेन ने नागरिकों से डरने व इससे भी बड़े खतरे की आशंका जताई है। जबकि रूस, जो पहले ही पड़ोसी सीमा पर एक लाख से ज्यादा सैनिक भेज चुका है, ने एक अभ्यास में और अधिक बलों की तैनाती की तस्वीरें टीवी पर जारी की हैं। रूस ने इस पर चुप्पी बरती है।