videsh

झटका: म्यांमार की नेता आंग सान सू की को चार साल और जेल की सजा, लगे हैं कई गंभीर आरोप

Posted on

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नाएप्यीडॉ
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Mon, 10 Jan 2022 12:32 PM IST

सार

सू की पर आधिकारिक प्रक्रियाओं का पालन किए बिना वॉकी-टॉकी रखने और उनका आयात करने का आरोप है। इससे पहले जब मामले पर जब सुनवाई हुई तब अदालत ने 10 जनवरी तक के लिए फैसला टाल दिया था।

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

म्यांमार की एक अदालत ने सोमवार को देश की अपदस्थ नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की को अवैध रूप से वॉकी-टॉकी आयात करने और रखने एवं कोरोना प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का दोषी पाए जाने के बाद चार और साल जेल की सजा सुनाई है।  समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार सू की पर वॉकी-टॉकी रखने का आरोप उस समय लगा था जब सैनिकों ने एक फरवरी, 2021 को सैन्य तख्तापलट के दिन सू ची के आवास पर छापा मारा था। उस दौरान कथित तौर पर प्रतिबंधित उपकरण बरामद किया गया था। सू की की सरकार को जुंटा सैनिकों द्वारा बेदखल किए जाने के ठीक बाद म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ व्यापक विरोध दिखा जिसके बाद सेना ने खूनी कार्रवाई शुरू कर दी। इस हिंसा अब तक 1500 लोगों की मौत हो चुकी है। सू की पर लगभग एक दर्जन मामले मुकदमे हैं, जिनमें अधिकतम 100 साल से अधिक की जेल की सजा है।

अज्ञात स्थान पर हैं म्यांमार की नेता
लोकतंत्र समर्थक नेता सू की को छह दिसंबर को दो अन्य आरोपों- कोविड-19 पाबंदियों का उल्लंघन तथा लोगों को इसका उल्लंघन करने के लिए उकसाने का दोषी ठहराया गया और चार साल कैद की सजा सुनाई गई। सजा सुनाने के बाद सैन्य सरकार के प्रमुख ने उनकी सजा आधी कर दी। उन्हें सेना ने एक अज्ञात स्थान पर रखा है। सरकारी टेलीविजन की खबर के मुताबिक, वह अपनी सजा वहीं काटेंगी। 

आंग सान सू पर भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर आरोप
बता दें कि आंग सान सू पर भ्रष्टाचार, आधिकारिक गुप अधिनियम उल्लंघन, दूरसंचार कानून और कोरोना नियमों के उल्लंघन सहित कई आरोप लगे हैं। हालांकि, सू की ने सेना द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार किया है।  संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और यूके सरकार सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने कोर्ट के इस फैसले और जेल की सजा की निंदा की है। सभी ने मुकदमे को राजनीति से प्रेरित बताया। अदालत के इस फैसले के बाद म्यांमार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आंग सान सू की को दी गई सजा से यह पता चलता है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और सेना प्रमुख ने केवल ‘मानवता के आधार’ पर उनकी सजा को कम कर दिया है। 

विस्तार

म्यांमार की एक अदालत ने सोमवार को देश की अपदस्थ नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की को अवैध रूप से वॉकी-टॉकी आयात करने और रखने एवं कोरोना प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का दोषी पाए जाने के बाद चार और साल जेल की सजा सुनाई है।  समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार सू की पर वॉकी-टॉकी रखने का आरोप उस समय लगा था जब सैनिकों ने एक फरवरी, 2021 को सैन्य तख्तापलट के दिन सू ची के आवास पर छापा मारा था। उस दौरान कथित तौर पर प्रतिबंधित उपकरण बरामद किया गया था। सू की की सरकार को जुंटा सैनिकों द्वारा बेदखल किए जाने के ठीक बाद म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ व्यापक विरोध दिखा जिसके बाद सेना ने खूनी कार्रवाई शुरू कर दी। इस हिंसा अब तक 1500 लोगों की मौत हो चुकी है। सू की पर लगभग एक दर्जन मामले मुकदमे हैं, जिनमें अधिकतम 100 साल से अधिक की जेल की सजा है।

अज्ञात स्थान पर हैं म्यांमार की नेता

लोकतंत्र समर्थक नेता सू की को छह दिसंबर को दो अन्य आरोपों- कोविड-19 पाबंदियों का उल्लंघन तथा लोगों को इसका उल्लंघन करने के लिए उकसाने का दोषी ठहराया गया और चार साल कैद की सजा सुनाई गई। सजा सुनाने के बाद सैन्य सरकार के प्रमुख ने उनकी सजा आधी कर दी। उन्हें सेना ने एक अज्ञात स्थान पर रखा है। सरकारी टेलीविजन की खबर के मुताबिक, वह अपनी सजा वहीं काटेंगी। 

आंग सान सू पर भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर आरोप

बता दें कि आंग सान सू पर भ्रष्टाचार, आधिकारिक गुप अधिनियम उल्लंघन, दूरसंचार कानून और कोरोना नियमों के उल्लंघन सहित कई आरोप लगे हैं। हालांकि, सू की ने सेना द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार किया है।  संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और यूके सरकार सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने कोर्ट के इस फैसले और जेल की सजा की निंदा की है। सभी ने मुकदमे को राजनीति से प्रेरित बताया। अदालत के इस फैसले के बाद म्यांमार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आंग सान सू की को दी गई सजा से यह पता चलता है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और सेना प्रमुख ने केवल ‘मानवता के आधार’ पर उनकी सजा को कम कर दिया है। 

Source link

Click to comment

Most Popular