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जुल्म:चीन में उइगर प्राचार्य को 18 साल की जेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्वानों को बुलाने पर दी यह सजा
एएनआई, वॉशिंगटन
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sat, 19 Feb 2022 07:41 AM IST
सार
प्राचार्य शेरेप हेयट ने स्कूल में जाने-माने उइगर विद्वान येलकुन रोजी और अब्दुकादिर जलालिदीन को व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था। रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) के अनुसार इन दोनों बुद्धिजीवियों को भी 2017 में जेल में डाला गया था।
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प्राचार्य शेरेप हेयट ने स्कूल में जाने-माने उइगर विद्वान येलकुन रोजी और अब्दुकादिर जलालिदीन को व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था। रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) के अनुसार इन दोनों बुद्धिजीवियों को भी 2017 में जेल में डाला गया था। चीनी अधिकारियों ने 2017 से ही शिनजियांग में पुनर्शिक्षा शिविरों के एक विशाल नेटवर्क में उइगर और अन्य तुर्क-भाषी मुसलमानों को हिरासत में लेना शुरू किया था। चीन अपने इस जुल्म के बचाव में कहा था कि वह देश में धार्मिक अतिवाद और आतंकवाद को रोकने के लिए यह कदम उठा रहा है।
18 लाख लोग शिविरों में कैद
रिपोर्ट के अनुसार करीब 18 लाख उइगर लोग शिविरों में कैद कर रखे गए हैं। प्राचार्य शेरेप हेयट के एक पूर्व विद्यार्थी हुसेनजान, जो कि अब निर्वासित जीवन जी रहा है, ने बताया कि चार साल पहले चीनी अधिकारियों ने कोरला में उसे भी बंदी बना लिया था। हुसेनजान को उसकी सजा की जानकारी तक नहीं थी। उसे उसके एक चीनी दोस्त ने बताया कि उसे 18 साल की सजा सुनाई गई है। हुसेनजान ने कहा कि प्राचार्य शेरेप को जेल में डाले जाने की खबर से वह स्तब्ध है, लेकिन हैरान नहीं है, क्योंकि उसे भी तीन-चार साल तक जेल में रखा गया था। उसके बाद वह गायब हो गया था।
इसलिए हो रहा उइगर बुद्धिजीवियों का दमन
चीनी अधिकारी शिनजियांग में शिक्षकों व बुद्धिजीवियों का इसलिए दमन कर रहे हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि ये उइगर समुदाय की बौद्धिक ताकत हैं। इन्हीं के जरिए उइगर संस्कृति व पहचान का प्रसार हो रहा है। तुर्की में स्थित एक स्वतंत्र उइघुर शोधकर्ता अब्दुरेशिद नियाज ने आरएफए को यह जानकारी दी। हुसेनजान ने कहा कि प्राचार्य को उइगर विद्वानों के साथ जुड़ाव के कारण सजा सुनाई गई।
शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और बेयिन घोलिन मंगोल (बेइंगुओलेंग मेंगगू) स्वायत्त प्रांत की राजधानी है। यह चीन का सबसे बड़ा राज्य है।
विस्तार
प्राचार्य शेरेप हेयट ने स्कूल में जाने-माने उइगर विद्वान येलकुन रोजी और अब्दुकादिर जलालिदीन को व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था। रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) के अनुसार इन दोनों बुद्धिजीवियों को भी 2017 में जेल में डाला गया था। चीनी अधिकारियों ने 2017 से ही शिनजियांग में पुनर्शिक्षा शिविरों के एक विशाल नेटवर्क में उइगर और अन्य तुर्क-भाषी मुसलमानों को हिरासत में लेना शुरू किया था। चीन अपने इस जुल्म के बचाव में कहा था कि वह देश में धार्मिक अतिवाद और आतंकवाद को रोकने के लिए यह कदम उठा रहा है।
18 लाख लोग शिविरों में कैद
रिपोर्ट के अनुसार करीब 18 लाख उइगर लोग शिविरों में कैद कर रखे गए हैं। प्राचार्य शेरेप हेयट के एक पूर्व विद्यार्थी हुसेनजान, जो कि अब निर्वासित जीवन जी रहा है, ने बताया कि चार साल पहले चीनी अधिकारियों ने कोरला में उसे भी बंदी बना लिया था। हुसेनजान को उसकी सजा की जानकारी तक नहीं थी। उसे उसके एक चीनी दोस्त ने बताया कि उसे 18 साल की सजा सुनाई गई है। हुसेनजान ने कहा कि प्राचार्य शेरेप को जेल में डाले जाने की खबर से वह स्तब्ध है, लेकिन हैरान नहीं है, क्योंकि उसे भी तीन-चार साल तक जेल में रखा गया था। उसके बाद वह गायब हो गया था।
इसलिए हो रहा उइगर बुद्धिजीवियों का दमन
चीनी अधिकारी शिनजियांग में शिक्षकों व बुद्धिजीवियों का इसलिए दमन कर रहे हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि ये उइगर समुदाय की बौद्धिक ताकत हैं। इन्हीं के जरिए उइगर संस्कृति व पहचान का प्रसार हो रहा है। तुर्की में स्थित एक स्वतंत्र उइघुर शोधकर्ता अब्दुरेशिद नियाज ने आरएफए को यह जानकारी दी। हुसेनजान ने कहा कि प्राचार्य को उइगर विद्वानों के साथ जुड़ाव के कारण सजा सुनाई गई।
शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और बेयिन घोलिन मंगोल (बेइंगुओलेंग मेंगगू) स्वायत्त प्रांत की राजधानी है। यह चीन का सबसे बड़ा राज्य है।