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कोरोना टीकाकरण : फ्रांस में टीकों की अनिवार्यता के खिलाफ सड़कों पर उतरकर लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
एजेंसी, पेरिस
Published by: Kuldeep Singh
Updated Tue, 27 Jul 2021 06:41 AM IST
फ्रांस में सड़कों पर उतरकर लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
– फोटो : twitter
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15 सितंबर तक सभी स्वास्थ्यकर्मियों को लगाना है टीका
दरअसल कुछ स्वास्थ्यकर्मियों का समूह अनिवार्य टीके का विरोध कर रहा है। सरकार के प्रवक्ता गैब्रियल अट्टल का कहना है कि अनिवार्य तौर से स्वास्थकर्मियों को टीका लगाने के पीछे उन्हें परेशान करना नहीं बल्कि संवेदनशील लोगों प्रति संक्रमण के खतरे को कम करना है।
इसके साथ ही फ्रांस की संसद ने सार्वजनिक स्थानों और रेस्त्रां में जाने के लिए हेल्थ पास भी जरूरी कर दिया है। पास लेने के लिए लोगों को सुबूत देने होगा कि उनका टीकाकरण पूर्ण हो चुका है, हाल ही में उनका टेस्ट निगेटिव आया या फिर हाल ही में उन्होंने कोरोना संक्रमण को मात दी है।
सरकार के इन दोनों ही फैसलों का लोगों ने विरोध करना शुरू दिया है। इनमें कई स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हैं। प्रदर्शन करने वाले अधिकांश लोगों का कहना है कि इंटरनेट पर चल कई तरह की सूचनाओं ने उन्हें चिंता में डाल दिया है। उन्हें चिंता है कि कि दीर्घावधि में टीके से कई प्रभाव हो सकते हैं और उन्हें सोचने के लिए और अधिक समय चाहिए। वहीं कई स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि वे जनादेश के साथ हैं ना कि स्वयं टीका लेने के।
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15 सितंबर तक सभी स्वास्थ्यकर्मियों को लगाना है टीका
दरअसल कुछ स्वास्थ्यकर्मियों का समूह अनिवार्य टीके का विरोध कर रहा है। सरकार के प्रवक्ता गैब्रियल अट्टल का कहना है कि अनिवार्य तौर से स्वास्थकर्मियों को टीका लगाने के पीछे उन्हें परेशान करना नहीं बल्कि संवेदनशील लोगों प्रति संक्रमण के खतरे को कम करना है।
इसके साथ ही फ्रांस की संसद ने सार्वजनिक स्थानों और रेस्त्रां में जाने के लिए हेल्थ पास भी जरूरी कर दिया है। पास लेने के लिए लोगों को सुबूत देने होगा कि उनका टीकाकरण पूर्ण हो चुका है, हाल ही में उनका टेस्ट निगेटिव आया या फिर हाल ही में उन्होंने कोरोना संक्रमण को मात दी है।
सरकार के इन दोनों ही फैसलों का लोगों ने विरोध करना शुरू दिया है। इनमें कई स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हैं। प्रदर्शन करने वाले अधिकांश लोगों का कहना है कि इंटरनेट पर चल कई तरह की सूचनाओं ने उन्हें चिंता में डाल दिया है। उन्हें चिंता है कि कि दीर्घावधि में टीके से कई प्रभाव हो सकते हैं और उन्हें सोचने के लिए और अधिक समय चाहिए। वहीं कई स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि वे जनादेश के साथ हैं ना कि स्वयं टीका लेने के।