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कोरोना का असर: श्रीलंका में गहराया डॉलर संकट, तीन विदेशी मिशन बंद करने पर विचार

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पीटीआई, कोलंबो
Published by: Jeet Kumar
Updated Tue, 28 Dec 2021 12:13 AM IST

सार

श्रीलंका की पर्यटन पर निर्भर अर्थव्यवस्था महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुई है और सरकार ने पिछले साल मार्च में विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए व्यापक आयात पर प्रतिबंध लगाया था, जिससे ईंधन और चीनी जैसे आवश्यक सामानों की कमी हो गई थी।

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कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर की अर्थव्यवस्था हिल गईं, विकसित देशों भी कोरोना के कारण खासा प्रभावित हुए, अब इस कड़ी में श्रीलंका पर विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है। इसलिए श्रीलंका ने देश के अति आवश्यक विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने और कोविड से उत्पन्न गंभीर आर्थिक चुनौतियों के मद्देनजर खर्च को कम करने के लिए तीन विदेशी मिशन बंद करने की घोषणा कर दी।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि अबूजा, नाइजीरिया में श्रीलंका उच्चायोग, फ्रैंकफर्ट, जर्मनी में श्रीलंका के महावाणिज्य दूतावास और निकोसिया, साइप्रस में श्रीलंका के महावाणिज्य दूतावास 31 दिसंबर से बंद हो जाएंगे। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पुनर्गठन देश के बहुत जरूरी विदेशी भंडार के संरक्षण और विदेशों में श्रीलंका के मिशनों के रखरखाव से संबंधित खर्च को कम करने के लिए किया गया है।

श्रीलंका का पर्यटन बुरी तरह प्रभावित
श्रीलंका की पर्यटन पर निर्भर अर्थव्यवस्था महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुई है और सरकार ने पिछले साल मार्च में विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए व्यापक आयात पर प्रतिबंध लगाया था, जिससे ईंधन और चीनी जैसे आवश्यक सामानों की कमी हो गई थी।

आवश्यक वस्तुओं की कमी
द्वीप राष्ट्र श्रीलंका वर्तमान में घटते भंडार के कारण आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना कर रहा है।  नवंबर के अंत में, दो बिलियन अमरीकी डॉलर से थोड़ा कम भंडार केवल एक महीने के आयात को पूरा करने में सक्षम था। नवंबर के मध्य में सरकार ने कच्चे तेल के आयात के भुगतान के लिए डॉलर की कमी के कारण एकमात्र तेल रिफाइनरी को बंद करने का आदेश दिया था।

न्यूयॉर्क की एजेंसी ने घटाई रेटिंग
न्यूयॉर्क स्थित रेटिंग एजेंसी ने कहा कि नए बाहरी वित्तपोषण स्रोतों के अभाव में श्रीलंका सरकार के लिए 2022 और 2023 में अपने बाहरी ऋण दायित्वों को पूरा करना मुश्किल होगा। दायित्वों में जनवरी 2022 में देय 500 मिलियन अमरीकी डालर के दो अंतर्राष्ट्रीय संप्रभु बांड और जुलाई 2022 में देय एक बिलियन अमरीकी डालर शामिल हैं।

विस्तार

कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर की अर्थव्यवस्था हिल गईं, विकसित देशों भी कोरोना के कारण खासा प्रभावित हुए, अब इस कड़ी में श्रीलंका पर विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है। इसलिए श्रीलंका ने देश के अति आवश्यक विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने और कोविड से उत्पन्न गंभीर आर्थिक चुनौतियों के मद्देनजर खर्च को कम करने के लिए तीन विदेशी मिशन बंद करने की घोषणा कर दी।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि अबूजा, नाइजीरिया में श्रीलंका उच्चायोग, फ्रैंकफर्ट, जर्मनी में श्रीलंका के महावाणिज्य दूतावास और निकोसिया, साइप्रस में श्रीलंका के महावाणिज्य दूतावास 31 दिसंबर से बंद हो जाएंगे। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पुनर्गठन देश के बहुत जरूरी विदेशी भंडार के संरक्षण और विदेशों में श्रीलंका के मिशनों के रखरखाव से संबंधित खर्च को कम करने के लिए किया गया है।

श्रीलंका का पर्यटन बुरी तरह प्रभावित

श्रीलंका की पर्यटन पर निर्भर अर्थव्यवस्था महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुई है और सरकार ने पिछले साल मार्च में विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए व्यापक आयात पर प्रतिबंध लगाया था, जिससे ईंधन और चीनी जैसे आवश्यक सामानों की कमी हो गई थी।

आवश्यक वस्तुओं की कमी

द्वीप राष्ट्र श्रीलंका वर्तमान में घटते भंडार के कारण आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना कर रहा है।  नवंबर के अंत में, दो बिलियन अमरीकी डॉलर से थोड़ा कम भंडार केवल एक महीने के आयात को पूरा करने में सक्षम था। नवंबर के मध्य में सरकार ने कच्चे तेल के आयात के भुगतान के लिए डॉलर की कमी के कारण एकमात्र तेल रिफाइनरी को बंद करने का आदेश दिया था।

न्यूयॉर्क की एजेंसी ने घटाई रेटिंग

न्यूयॉर्क स्थित रेटिंग एजेंसी ने कहा कि नए बाहरी वित्तपोषण स्रोतों के अभाव में श्रीलंका सरकार के लिए 2022 और 2023 में अपने बाहरी ऋण दायित्वों को पूरा करना मुश्किल होगा। दायित्वों में जनवरी 2022 में देय 500 मिलियन अमरीकी डालर के दो अंतर्राष्ट्रीय संप्रभु बांड और जुलाई 2022 में देय एक बिलियन अमरीकी डालर शामिल हैं।

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