videsh
उपलब्धि: स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन रवाना हुए चार यात्री, बना यह अनोखा रिकॉर्ड, जानें
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Thu, 11 Nov 2021 08:24 AM IST
सार
नासा-स्पेसएक्स का यह मिशन करीब एक हफ्ते की देरी से लॉन्च हुआ है, क्योंकि मेक्सिको की खाड़ी के करीब केप कैनावरल की लॉन्चिंग साइट पर कई दिनों से मौसम खराब था।
स्पेस-एक्स के फैल्कन रॉकेट से लॉन्च हुआ मिशन।
– फोटो : Social Media
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
स्पेसएक्स हाल ही में चार अंतरिक्ष यात्रियों को अपने अंतरिक्ष यान के जरिए वापस पृथ्वी पर भी लेकर आया है। बताया गया है कि टीम में जो अंतरिक्षयात्री शामिल किए गए हैं, उनमें एक अनुभवी स्पेसवॉकर (अंतरिक्ष में विमान से बाहर निकलकर अभ्यास कर चुका व्यक्ति) और दो युवा शामिल हैं। नासा ने इन्हें अपने आने वाले चंद्र मिशन के लिए भी चुना है।
कौन होगा अंतरिक्ष पहुंचने वाला 600वां व्यक्ति?
नासा के मुताबिक, जर्मनी के मथायस माउरर अंतरिक्ष जाने वाले 600वें व्यक्ति के रूप में चुने गए। उनके साथ गए तीनों क्रू मेंबर 24 घंटे के अंदर स्पेस स्टेशन पहुंच जाएंगे। हालांकि, नासा-स्पेसएक्स का यह मिशन करीब एक हफ्ते की देरी से लॉन्च हुआ है, क्योंकि मेक्सिको की खाड़ी के करीब केप कैनावरल की लॉन्चिंग साइट पर कई दिनों से मौसम खराब था।
विस्तार
एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने गुरुवार को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ मिलकर चार अंतरिक्ष यात्रियों का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) का मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस क्रू के पृथ्वी की कक्षा पार करते ही 60 वर्षों के इतिहास में 600 लोगों के अंतरिक्ष में जाने का अनोखा रिकॉर्ड बन गया।
स्पेसएक्स हाल ही में चार अंतरिक्ष यात्रियों को अपने अंतरिक्ष यान के जरिए वापस पृथ्वी पर भी लेकर आया है। बताया गया है कि टीम में जो अंतरिक्षयात्री शामिल किए गए हैं, उनमें एक अनुभवी स्पेसवॉकर (अंतरिक्ष में विमान से बाहर निकलकर अभ्यास कर चुका व्यक्ति) और दो युवा शामिल हैं। नासा ने इन्हें अपने आने वाले चंद्र मिशन के लिए भी चुना है।
कौन होगा अंतरिक्ष पहुंचने वाला 600वां व्यक्ति?
नासा के मुताबिक, जर्मनी के मथायस माउरर अंतरिक्ष जाने वाले 600वें व्यक्ति के रूप में चुने गए। उनके साथ गए तीनों क्रू मेंबर 24 घंटे के अंदर स्पेस स्टेशन पहुंच जाएंगे। हालांकि, नासा-स्पेसएक्स का यह मिशन करीब एक हफ्ते की देरी से लॉन्च हुआ है, क्योंकि मेक्सिको की खाड़ी के करीब केप कैनावरल की लॉन्चिंग साइट पर कई दिनों से मौसम खराब था।