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आतंक का हिमायती: चीन ने अमेरिका से की सिफारिश, अफगानिस्तान में तालिबान को रास्ता दिखाए दुनिया

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वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, काबुल
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Mon, 30 Aug 2021 12:08 PM IST

सार

अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद वहां आतंक फिर से पनपने लगा है। इसकी बानगी कुछ दिन पहले काबुल एयरर्पोट पर दुनिया ने देखी ही थी। इसके बावजूद चीन तालिबान का हिमायती बन रहा है। अब चीनी विदेश मंत्री ने अपने अमेरिकी समकक्ष से तालिबान की सिफारिश की है।  
 

अफगानिस्तान में तालिबानी लड़ाके
– फोटो : पीटीआई

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एक तरफ समूचा विश्व तालिबान को अलग-थलग करने के लिए रणनीति बना रहा है। तो दूसरी तरफ चीन उसका हिमायती बनने से बाज नहीं आ रहा है। अब चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से तालिबान की सिफारिश की है। 
वांग यी ने कहा है कि अमेरिका समेत विश्व के सभी देशों को तालिबान का मार्गदर्शन करना चाहिए। अफगानिस्तान में तालिबान को रास्ता दिखाना चाहिए और उन्हें आर्थिक व मानवीय सहायता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तानी मुद्रा के अवमूल्यन को रोकने, सामाजिक व्यवस्था स्थापित करने में भी दुनिया को मदद करनी चाहिए। 

अमेरिका न खेले डबल गेम 
इस सप्ताह एंटनी ब्लिंकन से फोन पर दूसरी बार हुई वार्ता में चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका को अफगानिस्तान की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए और वहां पर हिंसा रोकने में मदद करनी चाहिए। न कि आतंकियों के नाम पर डबल गेम खेलना चाहिए। साथ ही अमेरिका को चेताते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की वापसी आतंकियों को दोबारा पनपने का मौका देगी। 

नए अफगानिस्तान को बसाने में मदद करे अंतरराष्ट्रीय समुदाय
एक चीनी न्यूज एजेंसी के मुताबिक विदेश मंत्री वांग यी ने फोन पर हुई वार्ता में कहा कि अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ आगे बढ़कर नए अफगानिस्तान को बसाने में मदद करनी चाहिए। वहां पर दोबारा राजनैतिक तंत्र की स्थापना करवानी चाहिए, सामाजिक सुरक्षा, सरकारी संस्थानों और शांति व्यवसथा को स्थापित करने में मदद करनी चाहिए।  

गारंटी दे तालिबान
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने साफ तौर पर कहा कि है कि अफगानिस्तान में फंसे हुए विदेशियों की सुरक्षित वतन वापसी में तालिबान मदद करे। साथ ही सुरक्षा परिषद ने तालिबान को कहा है कि तालिबान यह तय करे कि उसके शासन में अफगानिस्तान दोबारा से आतंकियों की जमीन नहीं बनेगा। 

अमेरिका की एक गलत हरकत पैदा करेगी और तनाव 
वांग यी ने कहा कि अफगानिस्तान के वर्तमान हालात अमेरिकी सैनिकों की वापसी के फैसले के बाद उत्पन्न हुए हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तनाव कम करने व शांति बहाली के लिए काम करे न कि तनाव बढ़ाने के लिए। 

विस्तार

एक तरफ समूचा विश्व तालिबान को अलग-थलग करने के लिए रणनीति बना रहा है। तो दूसरी तरफ चीन उसका हिमायती बनने से बाज नहीं आ रहा है। अब चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से तालिबान की सिफारिश की है। 

वांग यी ने कहा है कि अमेरिका समेत विश्व के सभी देशों को तालिबान का मार्गदर्शन करना चाहिए। अफगानिस्तान में तालिबान को रास्ता दिखाना चाहिए और उन्हें आर्थिक व मानवीय सहायता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तानी मुद्रा के अवमूल्यन को रोकने, सामाजिक व्यवस्था स्थापित करने में भी दुनिया को मदद करनी चाहिए। 

अमेरिका न खेले डबल गेम 

इस सप्ताह एंटनी ब्लिंकन से फोन पर दूसरी बार हुई वार्ता में चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका को अफगानिस्तान की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए और वहां पर हिंसा रोकने में मदद करनी चाहिए। न कि आतंकियों के नाम पर डबल गेम खेलना चाहिए। साथ ही अमेरिका को चेताते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की वापसी आतंकियों को दोबारा पनपने का मौका देगी। 

नए अफगानिस्तान को बसाने में मदद करे अंतरराष्ट्रीय समुदाय

एक चीनी न्यूज एजेंसी के मुताबिक विदेश मंत्री वांग यी ने फोन पर हुई वार्ता में कहा कि अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ आगे बढ़कर नए अफगानिस्तान को बसाने में मदद करनी चाहिए। वहां पर दोबारा राजनैतिक तंत्र की स्थापना करवानी चाहिए, सामाजिक सुरक्षा, सरकारी संस्थानों और शांति व्यवसथा को स्थापित करने में मदद करनी चाहिए।  

गारंटी दे तालिबान

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने साफ तौर पर कहा कि है कि अफगानिस्तान में फंसे हुए विदेशियों की सुरक्षित वतन वापसी में तालिबान मदद करे। साथ ही सुरक्षा परिषद ने तालिबान को कहा है कि तालिबान यह तय करे कि उसके शासन में अफगानिस्तान दोबारा से आतंकियों की जमीन नहीं बनेगा। 

अमेरिका की एक गलत हरकत पैदा करेगी और तनाव 

वांग यी ने कहा कि अफगानिस्तान के वर्तमान हालात अमेरिकी सैनिकों की वापसी के फैसले के बाद उत्पन्न हुए हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तनाव कम करने व शांति बहाली के लिए काम करे न कि तनाव बढ़ाने के लिए। 

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