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अमेरिकी आकलन: अब यूक्रेन पर जोरदार बमबारी का सहारा ले सकता है रूस, यूक्रेनी सेना के प्रतिरोध से भौंचक हुई रूसी फौज
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Wed, 23 Mar 2022 12:05 PM IST
सार
विशेषज्ञों के मुताबिक रूसी सेना हफ्ते भर पहले यूक्रेन की राजधानी कीव के पास पहुंच गई थी। लेकिन वहां से आगे बढ़ने में वह नाकाम रही है। इसके अलावा ओडेसा में भी यूक्रेनी सेना ने रूस के हमलों को नाकाम कर दिया है। इसे देखते हुए अब रूसी सेना उन जगहों पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने में जुटी है, जो उसके कब्जे में आ चुके हैं…
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अमेरिकी रक्षा मंत्रालय- पेंटागन से जुड़े अधिकारियों ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में इस ओर ध्यान खींचा है कि रूस ने लंबी दूरी से हमले अब बढ़ा दिए हैं। ऐसा उन्होंने जमीनी हमलों में अपेक्षित सफलता न मिलने के कारण किया है। पेंटागन ने प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सोमवार को कहा कि रूसी फौज यूक्रेनी सेना के प्रतिरोध से भौंचक रह गई हैं। लेकिन अब वह नई रफ्तार हासिल करने की कोशिश में हैं।
ओडेसा में भी रूसी सेना को नुकसान
रूसी सेना के विशेषज्ञ माइकल कॉफमैन ने सिंगापुर के टीवी चैनल सीएनए को बताया कि पूर्वी इलाके में रूसी सेना खारकीव के दक्षिण में आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है। वहां यूक्रेनी सेना उसके निशाने पर है। दूसरे स्रोतों से मिली खबरों के मुताबिक रूसी सेना ने मारिओपोल शहर पर घातक बमबारी की है। इस शहर में आम लोगों जरूरी चीजों से वंचित हो गए हैं। कॉफमैन ने कहा कि अगर इस शहर पर रूसी सेना का कब्जा हो गया, तो रूस उसे अपनी एक बड़ी प्रतीकात्मक जीत के रूप में पेश करेगा।
कॉफमैन ने कहा- ‘मैंने गौर किया है कि रूस अपने युद्ध उद्देश्य में संशोधन कर रहा है। वे ऐसी किसी सफलता की तलाश में हैं, जिसके आधार पर वे अपनी जीत का दावा कर सकें। इनमें एक चीज यह हो सकती है कि दोनबास के ज्यादातर इलाकों पर उनका कब्जा हो जाए।’
रूस चाहता है यूक्रेन से लिखित वादा
लेकिन कुछ दूसरे विशेषज्ञों ने ध्यान दिलाया है कि रूस ने आरंभ में ही यह स्पष्ट किया था कि यूक्रेन पर कब्जा जमाना उसका मकसद नहीं है। वह सिर्फ यह चाहता है कि यूक्रेन नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) का सदस्य न बनने का लिखित वादा कर दे और क्राइमिया एवं दोनबास गणराज्यों पर अपने दावे छोड़ दे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की ने नाटो से जुड़ी मांग मान लेने के संकेत दिए हैं। लेकिन वे क्राइमिया और दोनबास पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
विस्तार
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय- पेंटागन से जुड़े अधिकारियों ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में इस ओर ध्यान खींचा है कि रूस ने लंबी दूरी से हमले अब बढ़ा दिए हैं। ऐसा उन्होंने जमीनी हमलों में अपेक्षित सफलता न मिलने के कारण किया है। पेंटागन ने प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सोमवार को कहा कि रूसी फौज यूक्रेनी सेना के प्रतिरोध से भौंचक रह गई हैं। लेकिन अब वह नई रफ्तार हासिल करने की कोशिश में हैं।
ओडेसा में भी रूसी सेना को नुकसान
रूसी सेना के विशेषज्ञ माइकल कॉफमैन ने सिंगापुर के टीवी चैनल सीएनए को बताया कि पूर्वी इलाके में रूसी सेना खारकीव के दक्षिण में आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है। वहां यूक्रेनी सेना उसके निशाने पर है। दूसरे स्रोतों से मिली खबरों के मुताबिक रूसी सेना ने मारिओपोल शहर पर घातक बमबारी की है। इस शहर में आम लोगों जरूरी चीजों से वंचित हो गए हैं। कॉफमैन ने कहा कि अगर इस शहर पर रूसी सेना का कब्जा हो गया, तो रूस उसे अपनी एक बड़ी प्रतीकात्मक जीत के रूप में पेश करेगा।
कॉफमैन ने कहा- ‘मैंने गौर किया है कि रूस अपने युद्ध उद्देश्य में संशोधन कर रहा है। वे ऐसी किसी सफलता की तलाश में हैं, जिसके आधार पर वे अपनी जीत का दावा कर सकें। इनमें एक चीज यह हो सकती है कि दोनबास के ज्यादातर इलाकों पर उनका कब्जा हो जाए।’
रूस चाहता है यूक्रेन से लिखित वादा
लेकिन कुछ दूसरे विशेषज्ञों ने ध्यान दिलाया है कि रूस ने आरंभ में ही यह स्पष्ट किया था कि यूक्रेन पर कब्जा जमाना उसका मकसद नहीं है। वह सिर्फ यह चाहता है कि यूक्रेन नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) का सदस्य न बनने का लिखित वादा कर दे और क्राइमिया एवं दोनबास गणराज्यों पर अपने दावे छोड़ दे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की ने नाटो से जुड़ी मांग मान लेने के संकेत दिए हैं। लेकिन वे क्राइमिया और दोनबास पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं हैं।