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अमेरिका : जनरल मार्क माइली ने कहा- गृहयुद्ध की तरफ बढ़ रहा है अफगानिस्तान
एजेंसी, वाशिंगटन
Published by: Kuldeep Singh
Updated Mon, 06 Sep 2021 04:29 AM IST
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जनरल माइली ने जताया तालिबान के सत्ता पर कब्जा बनाए रखने को लेकर शक
अमेरिकी सेना के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल मार्क माइली ने रविवार को तालिबान के सत्ता बरकरार रखने पर भी संदेह जताया और अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों के मजबूत होने की संभावन जताई।
जनरल माइली ने अफगानिस्तान में बन गए कठिन हालात को लेकर का, मेरी सेना का आकलन है कि वहां परिस्थितियां गृहयुद्ध की तरफ बढ़ रही हैं। मुझे नहीं पता कि तालिबान सत्ता को मजबूत करने और शासन स्थापित करने में सक्षम होने जा रहा है या नहीं। जर्मनी के रैमस्टीन एयरबेस पर फॉक्स न्यूज से जनरल ने कहा, यदि वे (तालिबान) ऐसा नहीं कर पाए तो बदले में यह अगले तीन साल में अलकायदा के पुनर्गठन या आईएसआईएस की बढ़ोतरी या अन्य असंख्य आतंकी समूहों को नेतृत्व दिलाने वाला साबित होगा।
हमारे आकलन से ज्यादा तेजी से ढह गई अफगान सेना
जनरल माइली ने माना कि अफगानिस्तान से बाहर निकलने का तरीका बेहद अस्त-वयस्त साबित हुआ। उन्होंने कहा, तालिबान आक्रमण का सामना करते हुए अफगान सेना हमारे अंदाजे से भी ज्यादा तेजी से ढह गई। इसके साथ ही अफगान सरकार का भी पतन हो गया।
उन्होंने कहा, सेना आखिर सेना ही होती है और पुलिस बल कई तरीके से उसका एक प्रतिबिंब होते हैं। हमने पश्चिमी बलों जैसे दिखने वाले ही सुरक्षा बल तैयार व विकसित किए थे। माइली ने कहा, मेरा मानना है कि अफगानिस्तान में अमेरिका के लिए सीखने लायक एक बड़ा सब यह है कि संभवत: वे सुरक्षा बल (अफगान सेना) सही तरीके से अभियान के लिए डिजाइन नहीं किए जा सके थे।
विस्तार
जनरल माइली ने जताया तालिबान के सत्ता पर कब्जा बनाए रखने को लेकर शक
अमेरिकी सेना के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल मार्क माइली ने रविवार को तालिबान के सत्ता बरकरार रखने पर भी संदेह जताया और अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों के मजबूत होने की संभावन जताई।
जनरल माइली ने अफगानिस्तान में बन गए कठिन हालात को लेकर का, मेरी सेना का आकलन है कि वहां परिस्थितियां गृहयुद्ध की तरफ बढ़ रही हैं। मुझे नहीं पता कि तालिबान सत्ता को मजबूत करने और शासन स्थापित करने में सक्षम होने जा रहा है या नहीं। जर्मनी के रैमस्टीन एयरबेस पर फॉक्स न्यूज से जनरल ने कहा, यदि वे (तालिबान) ऐसा नहीं कर पाए तो बदले में यह अगले तीन साल में अलकायदा के पुनर्गठन या आईएसआईएस की बढ़ोतरी या अन्य असंख्य आतंकी समूहों को नेतृत्व दिलाने वाला साबित होगा।
हमारे आकलन से ज्यादा तेजी से ढह गई अफगान सेना
जनरल माइली ने माना कि अफगानिस्तान से बाहर निकलने का तरीका बेहद अस्त-वयस्त साबित हुआ। उन्होंने कहा, तालिबान आक्रमण का सामना करते हुए अफगान सेना हमारे अंदाजे से भी ज्यादा तेजी से ढह गई। इसके साथ ही अफगान सरकार का भी पतन हो गया।
उन्होंने कहा, सेना आखिर सेना ही होती है और पुलिस बल कई तरीके से उसका एक प्रतिबिंब होते हैं। हमने पश्चिमी बलों जैसे दिखने वाले ही सुरक्षा बल तैयार व विकसित किए थे। माइली ने कहा, मेरा मानना है कि अफगानिस्तान में अमेरिका के लिए सीखने लायक एक बड़ा सब यह है कि संभवत: वे सुरक्षा बल (अफगान सेना) सही तरीके से अभियान के लिए डिजाइन नहीं किए जा सके थे।