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अमेरिका : अब होगी ग्रीन कार्ड हासिल करने की राह आसान, लेकिन चुकानी होगी मोटी रकम 

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एजेंसी, वाशिंगटन
Published by: Kuldeep Singh
Updated Tue, 14 Sep 2021 12:54 AM IST

सार

अमेरिका में रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड का वर्षों से इंतजार कर रहे लाखों लोग, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल हैं पूरक शुल्क का भुगतान करके अमेरिका में वैध स्थायी निवास की उम्मीद कर सकते हैं। अमेरिका में एक विधेयक के पास किया गया है जिससे लंबे वेटिंग पीरियड से निजात मिलेगी।

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अमेरिका में स्थायी रूप से बसने का सपना देखने वालों के लिए अच्छी खबर है। एक नए विधेयक के वहां पारित होने से भारतीयों सहित लाखों लोगों को पूरक शुल्क का भुगतान करके ग्रीन कार्ड हासिल करने में मदद मिल सकती है।

देश में रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड का वर्षों से इंतजार कर रहे लाखों लोग, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल हैं पूरक शुल्क का भुगतान करके अमेरिका में वैध स्थायी निवास की उम्मीद कर सकते हैं। इसे यदि सुलह समझौता पैकेज में शामिल किया गया और कानून में पारित किया गया तो उन हजारों आईटी पेशेवरों को मदद मिलने की उम्मीद है जिन्हें लंबे समय से ग्रीन कार्ड का इंतजार है। 

विधेयक के पास होने पर लंबे वेटिंग पीरियड से मिलेगी निजात 
ग्रीन कार्ड को आधिकारिक तौर पर स्थायी निवासी कार्ड कहते हैं। यह अमेरिका में प्रवासियों को जारी किया जाने वाला दस्तावेज है जो इस बात का प्रमाण है कि उन्हें स्थायी रूप से अमेरिका में रहने का विशेषाधिकार दिया गया है। प्रतिनिधि सभा न्याय समिति द्वारा जारी बयान के मुताबिक एक रोजगार आधारित अप्रवासी आवेदक 5000 अमेरिकी डॉलर का पूरक शुल्क अदा कर स्थायी निवासी कार्ड हासिल कर सकता है।

फोर्ब्स पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार ईबी-5 श्रेणी (प्रवासी निवेशक) के लिए शुल्क 50,000 डॉलर है। ये प्रावधान 2031 में समाप्त हो रहे हैं। एक परिवार आधारित प्रवासी के लिए जो अमेरिकी नागरिक द्वारा प्रायोजित है और जिसकी प्राथमिकता तिथि दो वर्ष से अधिक है, उन्हें ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए 2500 डॉलर का भुगतान करना होगा।

बयान के अनुसार यदि आवेदक की प्राथमिकता तिथि दो वर्ष के भीतर नहीं है लेकिन उसका देश में उपस्थित रहना जरूरी है तो उन्हें 1500 अमेरिकी डॉलर का बतौर पूरक शुल्क भुगतान करना होगा। यह आवेदक द्वारा भुगतान किए गए किसी भी प्रशासनिक प्रसंस्करण शुल्क के अतिरिक्त होगा।

हालांकि विधेयक में कानूनी आव्रजन प्रणाली में स्थायी संरचनात्मक परिवर्तन शामिल नहीं हैं, जिसमें ग्रीन कार्ड के लिए एच-1बी वीजा का वार्षिक कोटा बढ़ाना और देशों के लिए सीमा का प्रावधान है। इस विधेयक के कानून बनने से पहले प्रावधानों को न्यायपालिका समिति, प्रतिनिधि सभा और सीनेट को पारित करना होगा और फिर राष्ट्रपति को इस पर हस्ताक्षर करना होगा।

विस्तार

अमेरिका में स्थायी रूप से बसने का सपना देखने वालों के लिए अच्छी खबर है। एक नए विधेयक के वहां पारित होने से भारतीयों सहित लाखों लोगों को पूरक शुल्क का भुगतान करके ग्रीन कार्ड हासिल करने में मदद मिल सकती है।

देश में रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड का वर्षों से इंतजार कर रहे लाखों लोग, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल हैं पूरक शुल्क का भुगतान करके अमेरिका में वैध स्थायी निवास की उम्मीद कर सकते हैं। इसे यदि सुलह समझौता पैकेज में शामिल किया गया और कानून में पारित किया गया तो उन हजारों आईटी पेशेवरों को मदद मिलने की उम्मीद है जिन्हें लंबे समय से ग्रीन कार्ड का इंतजार है। 

विधेयक के पास होने पर लंबे वेटिंग पीरियड से मिलेगी निजात 

ग्रीन कार्ड को आधिकारिक तौर पर स्थायी निवासी कार्ड कहते हैं। यह अमेरिका में प्रवासियों को जारी किया जाने वाला दस्तावेज है जो इस बात का प्रमाण है कि उन्हें स्थायी रूप से अमेरिका में रहने का विशेषाधिकार दिया गया है। प्रतिनिधि सभा न्याय समिति द्वारा जारी बयान के मुताबिक एक रोजगार आधारित अप्रवासी आवेदक 5000 अमेरिकी डॉलर का पूरक शुल्क अदा कर स्थायी निवासी कार्ड हासिल कर सकता है।

फोर्ब्स पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार ईबी-5 श्रेणी (प्रवासी निवेशक) के लिए शुल्क 50,000 डॉलर है। ये प्रावधान 2031 में समाप्त हो रहे हैं। एक परिवार आधारित प्रवासी के लिए जो अमेरिकी नागरिक द्वारा प्रायोजित है और जिसकी प्राथमिकता तिथि दो वर्ष से अधिक है, उन्हें ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए 2500 डॉलर का भुगतान करना होगा।

बयान के अनुसार यदि आवेदक की प्राथमिकता तिथि दो वर्ष के भीतर नहीं है लेकिन उसका देश में उपस्थित रहना जरूरी है तो उन्हें 1500 अमेरिकी डॉलर का बतौर पूरक शुल्क भुगतान करना होगा। यह आवेदक द्वारा भुगतान किए गए किसी भी प्रशासनिक प्रसंस्करण शुल्क के अतिरिक्त होगा।

हालांकि विधेयक में कानूनी आव्रजन प्रणाली में स्थायी संरचनात्मक परिवर्तन शामिल नहीं हैं, जिसमें ग्रीन कार्ड के लिए एच-1बी वीजा का वार्षिक कोटा बढ़ाना और देशों के लिए सीमा का प्रावधान है। इस विधेयक के कानून बनने से पहले प्रावधानों को न्यायपालिका समिति, प्रतिनिधि सभा और सीनेट को पारित करना होगा और फिर राष्ट्रपति को इस पर हस्ताक्षर करना होगा।

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