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अफगानिस्तान: शिया बहुल इलाके में मिनी वैन में धमाका, चार महिलाओं समेत सात की मौत, 10 से अधिक घायल
एजेंसी, काबुल
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 24 Jan 2022 12:56 AM IST
सार
इस विस्फोट की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली है। खुफिया एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि विस्फोटक को पैसेंजर गाड़ी के ऑयल टैंक पर लगाया गया था।
अफगानिस्तान के शिया बहुल इलाके में धमाका। (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
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शनिवार को हुए इस विस्फोट की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली है। खुफिया एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि विस्फोटक को पैसेंजर गाड़ी के फ्यूल टैंक पर लगाया गया था। अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद से इस तरह के हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट लेता आया है।
हालांकि पहली बार ऐसा विस्फोट हेरात में हुआ है। तालिबान के स्थानीय अधिकारी नईमुलहक हक्कानी ने कहा कि इस घटना की जांच जारी है। एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि बम वैन के फ्यूल टैंक में लगाया गया था।
हेरात के जिस इलाके में विस्फोट किया गया है, वहां पर शिया हजारा समुदाय अच्छी खासी तादाद में रहता है। यह समुदाय अक्सर आईएसआईएस और इस्लामिक स्टेट इन खुरासान (आईएसआईएस-के) के आतंकियों के निशाने पर रहता है। इस वजह से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस हमले के पीछे इन संगठनों का हाथ हो सकता है।
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा कि हम तालिबान से उनके ठिकाने के बारे में जानकारी देने और सभी अफगानों के अधिकारों की रक्षा करने का आग्रह करते हैं। हालांकि तालिबान ने उनके लापता होने में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है।
विस्तार
शनिवार को हुए इस विस्फोट की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली है। खुफिया एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि विस्फोटक को पैसेंजर गाड़ी के फ्यूल टैंक पर लगाया गया था। अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद से इस तरह के हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट लेता आया है।
हालांकि पहली बार ऐसा विस्फोट हेरात में हुआ है। तालिबान के स्थानीय अधिकारी नईमुलहक हक्कानी ने कहा कि इस घटना की जांच जारी है। एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि बम वैन के फ्यूल टैंक में लगाया गया था।
हेरात के जिस इलाके में विस्फोट किया गया है, वहां पर शिया हजारा समुदाय अच्छी खासी तादाद में रहता है। यह समुदाय अक्सर आईएसआईएस और इस्लामिक स्टेट इन खुरासान (आईएसआईएस-के) के आतंकियों के निशाने पर रहता है। इस वजह से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस हमले के पीछे इन संगठनों का हाथ हो सकता है।
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा कि हम तालिबान से उनके ठिकाने के बारे में जानकारी देने और सभी अफगानों के अधिकारों की रक्षा करने का आग्रह करते हैं। हालांकि तालिबान ने उनके लापता होने में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है।