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स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया: कोरोना रोधी टीके की बूस्टर खुराक पर साक्ष्य जुटा रहे हैं वैज्ञानिक

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Tue, 30 Nov 2021 10:16 PM IST

सार

कोरोना टीके की बूस्टर खुराक को लेकर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समिति के अध्यक्ष ने कहा है कि केंद्र सरकार इसे लेकर दो सप्ताह में नए दिशा-निर्देश जारी कर सकती है।

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पेक्सेल्स

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज पर वैज्ञानिक साक्ष्य जुटा रहे हैं। मंगलवार को राज्यसभा में उठे एक सवाल पर केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री डॉ. भारती पवार ने कहा कि कुछ देशों में वैक्सीन की बूस्टर डोज दी जा रही है लेकिन भारत में अभी इस पर विचार किया जा रहा है। 

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) और राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) बूस्टर खुराक की आवश्यकता व औचित्य के साथ साथ कोविड-19 टीकों की खुराक अनुसूची से संबंधित वैज्ञानिक प्रमाणों पर विचार कर रहे हैं। 

वहीं दूसरी ओर एनटीएजीआई के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा के अनुसार सरकार गंभीर मरीजों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक देने पर विचार कर रही है। उन्होंने ये भी कहा है कि आगामी दो सप्ताह में इसके लिए बकायदा दिशा-निर्देश तक जारी किए जा सकते हैं।

जानकारी के अनुसार कोरोना वैक्सीन की बूस्टर खुराक पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अब तक विचार नहीं किए जाने की जानकारी देता रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव यह भी कह चुके हैं कि बूस्टर खुराक सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। बूस्टर खुराक को लेकर लगातार उठ रहे सवालों पर यही दो जवाब भी प्रतिक्रिया में मिल रहे थे लेकिन अब मंत्रालय ने भी इस दिशा में विचार करने की पुष्टि की है।

एक बयान में डॉ. अरोड़ा ने कहा है कि कोरोना के नए वैरिएंट के सामने आने के बाद कई देशों में बुजुर्गों को बूस्टर खुराक दी जा रही है। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन और इस्राइल शामिल हैं। बूस्टर का मतलब है कि हमें 94 करोड़ और खुराक की जरूरत पड़ेगी। हालांकि वर्तमान स्थिति में देश में टीकों की कमी नहीं है।

विस्तार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज पर वैज्ञानिक साक्ष्य जुटा रहे हैं। मंगलवार को राज्यसभा में उठे एक सवाल पर केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री डॉ. भारती पवार ने कहा कि कुछ देशों में वैक्सीन की बूस्टर डोज दी जा रही है लेकिन भारत में अभी इस पर विचार किया जा रहा है। 

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) और राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) बूस्टर खुराक की आवश्यकता व औचित्य के साथ साथ कोविड-19 टीकों की खुराक अनुसूची से संबंधित वैज्ञानिक प्रमाणों पर विचार कर रहे हैं। 

वहीं दूसरी ओर एनटीएजीआई के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा के अनुसार सरकार गंभीर मरीजों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक देने पर विचार कर रही है। उन्होंने ये भी कहा है कि आगामी दो सप्ताह में इसके लिए बकायदा दिशा-निर्देश तक जारी किए जा सकते हैं।

जानकारी के अनुसार कोरोना वैक्सीन की बूस्टर खुराक पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अब तक विचार नहीं किए जाने की जानकारी देता रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव यह भी कह चुके हैं कि बूस्टर खुराक सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। बूस्टर खुराक को लेकर लगातार उठ रहे सवालों पर यही दो जवाब भी प्रतिक्रिया में मिल रहे थे लेकिन अब मंत्रालय ने भी इस दिशा में विचार करने की पुष्टि की है।

एक बयान में डॉ. अरोड़ा ने कहा है कि कोरोना के नए वैरिएंट के सामने आने के बाद कई देशों में बुजुर्गों को बूस्टर खुराक दी जा रही है। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन और इस्राइल शामिल हैं। बूस्टर का मतलब है कि हमें 94 करोड़ और खुराक की जरूरत पड़ेगी। हालांकि वर्तमान स्थिति में देश में टीकों की कमी नहीं है।

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