एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: Kuldeep Singh
Updated Mon, 20 Sep 2021 02:14 AM IST
सार
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय कॉलेजियम ने 8 अगस्त से 1 सितंबर के बीच केंद्र सरकार को विभिन्न हाईकोर्ट में जज के तौर पर नियुक्ति के लिए 100 से ज्यादा नामों की सिफारिश की थी।
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विस्तार
उच्च न्यायपालिका की नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़े एक सूत्र ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इन नामों में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के लिए तीसरी बार भेजा गया एक नाम भी शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अगस्त में किया था नामित, जम्मू-कश्मीर के लिए तीसरी बार भेजा गया है एक जज का नाम
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय कॉलेजियम ने 8 अगस्त से 1 सितंबर के बीच केंद्र सरकार को विभिन्न हाईकोर्ट में जज के तौर पर नियुक्ति के लिए 100 से ज्यादा नामों की सिफारिश की थी। बाद में कॉलेजियम ने इनमें से 12 हाईकोर्ट में जज बनाने के लिए 68 नामों की एक निर्णायक सूची भेजी थी।
सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार अब तक इस सूची पर फैसला नहीं ले सकी है। इन 68 नामों में जम्मू-कश्मीर के लिए तीसरी बार भेजे गए एक नाम के अलावा कर्नाटक हाईकोर्ट के लिए तीसरी बार भेजे गए दो नाम शामिल हैं, जबकि 10 नामों की सिफारिश दूसरी बार की गई है। बाकी 55 को पहली बार नामित किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के लिए नाम बाद में गए, मंजूरी पहले मिली
कॉलेजियम ने इन 68 नामों से इतर 17 अगस्त को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 3 महिला जजों समेत 9 नामों को सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर प्रोन्नत करने की सिफारिश सरकार से की थी। इस सिफारिश को अप्रत्याशित रूप से त्वरित गति से मंजूर करते हुए केंद्र सरकार ने 31 अगस्त को सभी 9 जजों को सुप्रीम कोर्ट में शपथ ग्रहण भी करा दिया।
हाईकोर्ट में जजों का गणित
- 25 हाईकोर्ट हैं देश में 36 केंद्रशासित/पूर्ण राज्यों के लिए
- 1098 जजों के पद स्वीकृत हैं इन सभी हाईकोर्ट के लिए
- 465 पद इस समय बिना जज के खाली चल रहे हैं
(स्रोत- केंद्रीय कानून मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़े)