अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 10 Aug 2021 06:50 AM IST
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच को अब तक रुकवाने में जुटी अमेजन और फ्लिपकार्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद घुटने टेक दिए। उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले का पूरा सम्मान करेंगे और जांच में हर तरह से सहयोग करेंगे।
फैसले के बाद अमेजन के प्रवक्ता ने कहा, हमने सभी नियम व कानूनों का हमेशा पालन किया है। सीसीआई की जांच में भी हम पूरा सहयोग करेंगे। फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने भी बयान जारी किया कि वह भारतीय कानूनों का हमेशा अनुपालन करती है और जांच में पूरा सहयोग देगी। हमें अभी आदेश की कॉपी नहीं मिली है, लेकिन हम अदालत के फैसले का आदर करते हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश इन कंपनियों के लिए झटका माना जा रहा है। सीसीआई के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में की गई अपील उनका आखिरी विकल्प था। प्रतिस्पर्धा आयोग बाजार नियमों को तोड़ने और खास कंपनियों को लाभ पहुंचाने की अब तेजी से जांच करेगा।
कंपनियों पर लगे गंभीर आरोप
- दिल्ली व्यापार महासंघ ने सीसीआई को शिकायत दी थी कि यह दोनों कंपनियां कुछ खास मोबाइल फोन को केवल अपने ही प्लेटफॉर्म पर लॉन्च करवा रही हैं।
- खास कंपनियों के उत्पादों को बेचने के लिए विशेष ऑफर भी दे रही हैं, जिनमें भारी डिस्काउंट शामिल हैं। ऐसे सभी तौर तरीकों का लक्ष्य केवल बाजार से प्रतियोगिता खत्म करना है।
- कंपनियां कानून तोड़ते हुए विदेशों से पैसा लाकर बाजार में लगा रही हैं। इस अवैध विदेशी निवेश का फायदा उन्हें कुछ खास उत्पादों को प्रमोट करने के लिए भारी डिस्काउंट देने में भी मिल रहा है।
अमेजन, नारायण मूर्ति की कंपनी ने खत्म किया कारोबार
अमेजन और एनआर नारायण मूर्ति की कंपनी कैटामारान ने सोमवार को एक संयुक्त घोषणा में बताया कि मई, 2022 के बाद दोनों कंपनियां अपने कारोबारी रिश्ते खत्म करेंगी। यह घोषणा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के जांच को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद की गई है।
अमेजन और कैटामारान ने मौजूदा अनुबंध खत्म होने के बाद अपने संयुक्त उपक्रम प्रायन बिजनेस सर्विसेज को बंद करने का फैसला किया है। यह 2014 में शुरू हुआ था और 19 मई, 2022 को इसकी अवधि समाप्त हो रही है। हालांकि, दोनों कंपनियों ने कारोबारी रिश्ते खत्म करने की वजह नहीं बताई। प्रायन बिजनेस के तहत कारोबार करने वाली कंपनी क्लाउडटेल अमेजन की सबसे बड़ी सेलर है। इस संयुक्त उपक्रम पर 3 लाख सेलर हैं, जो 40 लाख दुकानदारों की मदद करते हैं।
विस्तार
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच को अब तक रुकवाने में जुटी अमेजन और फ्लिपकार्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद घुटने टेक दिए। उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले का पूरा सम्मान करेंगे और जांच में हर तरह से सहयोग करेंगे।
फैसले के बाद अमेजन के प्रवक्ता ने कहा, हमने सभी नियम व कानूनों का हमेशा पालन किया है। सीसीआई की जांच में भी हम पूरा सहयोग करेंगे। फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने भी बयान जारी किया कि वह भारतीय कानूनों का हमेशा अनुपालन करती है और जांच में पूरा सहयोग देगी। हमें अभी आदेश की कॉपी नहीं मिली है, लेकिन हम अदालत के फैसले का आदर करते हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश इन कंपनियों के लिए झटका माना जा रहा है। सीसीआई के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में की गई अपील उनका आखिरी विकल्प था। प्रतिस्पर्धा आयोग बाजार नियमों को तोड़ने और खास कंपनियों को लाभ पहुंचाने की अब तेजी से जांच करेगा।
कंपनियों पर लगे गंभीर आरोप
- दिल्ली व्यापार महासंघ ने सीसीआई को शिकायत दी थी कि यह दोनों कंपनियां कुछ खास मोबाइल फोन को केवल अपने ही प्लेटफॉर्म पर लॉन्च करवा रही हैं।
- खास कंपनियों के उत्पादों को बेचने के लिए विशेष ऑफर भी दे रही हैं, जिनमें भारी डिस्काउंट शामिल हैं। ऐसे सभी तौर तरीकों का लक्ष्य केवल बाजार से प्रतियोगिता खत्म करना है।
- कंपनियां कानून तोड़ते हुए विदेशों से पैसा लाकर बाजार में लगा रही हैं। इस अवैध विदेशी निवेश का फायदा उन्हें कुछ खास उत्पादों को प्रमोट करने के लिए भारी डिस्काउंट देने में भी मिल रहा है।
अमेजन, नारायण मूर्ति की कंपनी ने खत्म किया कारोबार
अमेजन और एनआर नारायण मूर्ति की कंपनी कैटामारान ने सोमवार को एक संयुक्त घोषणा में बताया कि मई, 2022 के बाद दोनों कंपनियां अपने कारोबारी रिश्ते खत्म करेंगी। यह घोषणा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के जांच को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद की गई है।
अमेजन और कैटामारान ने मौजूदा अनुबंध खत्म होने के बाद अपने संयुक्त उपक्रम प्रायन बिजनेस सर्विसेज को बंद करने का फैसला किया है। यह 2014 में शुरू हुआ था और 19 मई, 2022 को इसकी अवधि समाप्त हो रही है। हालांकि, दोनों कंपनियों ने कारोबारी रिश्ते खत्म करने की वजह नहीं बताई। प्रायन बिजनेस के तहत कारोबार करने वाली कंपनी क्लाउडटेल अमेजन की सबसे बड़ी सेलर है। इस संयुक्त उपक्रम पर 3 लाख सेलर हैं, जो 40 लाख दुकानदारों की मदद करते हैं।
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