एएनआई, इस्लामाबाद
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sat, 29 Jan 2022 12:29 PM IST
सार
ब्रिटिश काल की डूरंड रेखा पर बाड़ लगाने को लेकर दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ रहा है, जिसे काबुल औपचारिक अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में मान्यता नहीं देता है।
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विस्तार
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई(ISI) के हाल के कदमों से तालिबान नाराज
इसके अलावा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई(ISI) के हाल के कदमों से भी तालिबान नाराज बताया जा रहा है। तालिबान अब चाहकर भी आईएसआई पर भरोसा नहीं कर पा रहा है। दरअसल, पाकिस्तानी द्वारा तहरीक-ए-तालिबान के मोस्ट वांटेड आतंकी खालिद बटली उर्फ मोहम्मद खुरासानी को अफगानिस्तान में मार गिराने के बाद से ही तालिबान पाकिसतानी सेना खुफिया एजेंसी आईएसआई से नाराज चल रहा है। मोहम्मद खुरासानी के मारे जाने के दावे से बड़ा सवाल यह उठने लगा है कि क्या पाकिसतानी सेना खुफिया एजेंसी आईएसआई के जरिए अफगानिस्तान में सक्रिय है? क्या वह अपने गुप्तचरों को सीमा के माध्यम से अफगानिस्तान भेज रहा है।
सीमा मुद्दा सुलझाने से पहले पाक एनएसए यूसुफ ने रद्द कर दी थी अफगान यात्रा
पाकिस्तानी एनएसए यूसुफ ने अपनी दो दिवसीय यात्रा को रद्द कर दिया था क्योंकि काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पाकिस्तान के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध की योजना बनाई गई थी, अफगानिस्तान के पझवोक अफगान न्यूज ने बताया। वहीं राजनयिक सूत्र का हवाला देते हुए, एक समाचार आउटलेट ने कहा कि यूसुफ ने शर्मिंदगी से बचने के लिए यात्रा को रद्द किया है।
डूरंड रेखा की वजह से बढ़ रहा पाकिस्तान और अफगानिस्तान में तनाव
ब्रिटिश काल की डूरंड रेखा पर बाड़ लगाने को लेकर दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ रहा है, जिसे काबुल औपचारिक अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में मान्यता नहीं देता है। यूसुफ की यात्रा के दौरान सीमा पर बाड़ लगाना चर्चा के प्रमुख विषयों में से एक था। पाकिस्तान ने 2,670 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर करीब 90 फीसदी बाड़ लगाने का काम पूरा कर लिया है ताकि आतंकवादियों के लिए आसान रास्ता रोका जा सके।