न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: दीप्ति मिश्रा
Updated Sat, 12 Jun 2021 12:56 PM IST
सार
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को एनसीपी के प्रमुख शरद पवार से उनके मुंबई स्थित आवास पर मुलाकात की। इससे उन अटकलों को बल मिला कि वर्ष 2024 में होने वाले अगले आम चुनावों के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ एक राष्ट्रीय गठबंधन बनाने का प्रयास किए जा रहे हैं।
शरद पवार और प्रशांत किशोर की मुलाकात
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
प्रशांत किशोर शरद पवार की बेटी और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले के साथ दक्षिण मुंबई में स्थित पवार के आवास ‘सिल्वर ओक’ पर सुबह करीब 11 बजे पहुंचे। वहां से दोपहर करीब 2 बजे निकले। इतना ही नहीं एनसीपी राज्य प्रमुख जयंत पाटिल भी कुछ समय के लिए ‘सिल्वर ओक’ पहुंचे और जल्दी चले गए। एनसीपी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि बैठक में जिन विषयों पर चर्चा हुई, उनमें भाजपा के विकल्प की संभावना भी शामिल थी।
प्रशांत किशोर और शरद पवार की मुलाकात को लेकर एनसीपी नेता नवाब मलिक का कहना है ये मुलाकात तीन घंटे तक चली। इस बैठक में प्रशांत किशोर को एनसीपी का रणनीतिकार नियुक्त करने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। पवार विपक्षी दलों को एकजुट करना चाहते हैं इस उद्देश्य के लिए आने वाले दिनों में प्रयास किए जाएंगे।
सभी दलों को एकजुट करने के प्रयास जारी
एनीसीपी नेता और उद्धव सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि अगले आम चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ रुख रखने वाली पार्टियों के महागठबंधन की जरूरत है। शरद पवार ने भी भाजपा का मुकाबला करने के लिए सभी दलों के राष्ट्रीय गठबंधन की बात कही है। उन्होंने कहा है कि वह ऐसे बलों को साथ लाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को आंकड़ों और सूचनाओं की पूरी जानकारी है। तीन घंटे चली चर्चा में यह मुद्दा भी पक्का आया होगा।
Prashant Kishor met NCP chief Sharad Pawar yesterday. The meeting lasted for nearly 3 hours. There was no discussion on appointing him as strategist of NCP. Pawar sahab wants to unite Opposition parties. Efforts will be made towards this objective in coming days: Nawab Malik, NCP pic.twitter.com/7lV2NbY31N
— ANI (@ANI) June 12, 2021
बता दें कि शरद पवार लगातार दूसरी बार केंद्र सरकार में बैठी भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों के लगातार एकजुट होने की वकालात करते रहे हैं। वर्ष 2014 में भारती जनता पार्टी ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को हराया था और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे, तो उस वक्त प्रशांत किशोर भगवा पार्टी के चुनावी रणनीतिकार थे। हालांकि, बाद में वह पार्टी से अलग हो गए और विधानसभा चुनावों के लिए कुछ विपक्षी दलों के साथ काम किया, जिनमें कहीं उऩ्हें हार मिली तो कहीं जीत। हाल ही में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में बनाए रखने और भाजपा को हराने में मदद करने के बाद वह फिर से चर्चा में आ गए हैं। वह डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन के चुनावी रणनीतिकार भी थे।
शरद पवार और प्रशांत किशोर के बीच यह बैठक ऐसे वक्त हुई है, जब महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ अप्रत्याशित घटनाक्रम देखने को मिले। पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें देश का शीर्ष नेता बताया और फिर उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में पीएम मोदी के साथ अकेले में मुलाकात की, जिसके बाद कयासों का दौर शुरू हो गया।
