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सर्वे : लगातार तीसरे महीने विनिर्माण गतिविधियों में आई तेजी, मांग बढ़ने से सितंबर में 53.7 रहा पीएमआई

सर्वे : लगातार तीसरे महीने विनिर्माण गतिविधियों में आई तेजी, मांग बढ़ने से सितंबर में 53.7 रहा पीएमआई

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Kuldeep Singh
Updated Sat, 02 Oct 2021 02:38 AM IST

सार

आईएचएस मार्किट की शुक्रवार को जारी सर्वे के मुताबिक, महामारी के बढ़ते मामलों और स्थानीय प्रतिबंधों के कारण विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में 11 महीनों में पहली बार जून में गिरावट आई थी। इस दौरान बड़ी संख्या में छंटनी हुई थी। इस दौरान विनिर्माण पीएमआई 50 से नीचे 48.1 रहा था। 
 

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कोरोना महामारी से जुड़े प्रतिबंधों में ढील और सभी क्षेत्रों में मांग बढ़ने से विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में सुधार देखने को मिला है। यही वजह है कि आईएचएस मार्किट इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) सितंबर में बढ़कर 53.7 हो गया।

मांग बढ़ने से सितंबर में 53.7 रहा विनिर्माण पीएमआई
यह आंकड़ा व्यापक रूप से व्यावसायिक गतिविधियों में मजबूत विस्तार का संकेत देता है। आईएचएस मार्किट की शुक्रवार को जारी सर्वे के मुताबिक, यह लगातार तीसरा महीना है, जब विनिर्माण गतिविधियों में तेजी रही है। पीएमआई का 50 से अधिक रहना तेजी और इससे नीचे का आंकड़ा संकुचन दिखाता है। अगस्त, 2021 में विनिर्माण पीएमआई 52.3 रहा था।

सर्वे में कहा गया है कि महामारी के बढ़ते मामलों और स्थानीय प्रतिबंधों के कारण विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में 11 महीनों में पहली बार जून में गिरावट आई थी। इस दौरान बड़ी संख्या में छंटनी हुई थी। इस दौरान विनिर्माण पीएमआई 50 से नीचे 48.1 रहा था। 

नए ऑर्डर बढ़े, छंटनी का दौर जारी
आईएचएस मार्किट की एसोसिएट निदेशक (अर्थशास्त्र) पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि भारतीय विनिर्माताओं ने उत्पादन को काफी हद तक बढ़ा दिया है। उनके पास मांग ज्यादा आ रही है। इसमें वैश्विक बाजार की भी अहम भूमिका है।

इसके बावजूद कंपनियोंने सितंबर में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के बजाय छंटनी की। इन कंपनियों ने पिछले चार महीने में हर महीने जितने कर्मचारी हटाए, उससे ज्यादा छंटनी सितंबर में हुई। वह भी तब, जब जॉब मार्केट में बने कमजोर सेंटीमेंट को बेहतर बनाने के लिए फैक्ट्रियों में भर्तियां बढ़ानी जरूरी थी।

विस्तार

कोरोना महामारी से जुड़े प्रतिबंधों में ढील और सभी क्षेत्रों में मांग बढ़ने से विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में सुधार देखने को मिला है। यही वजह है कि आईएचएस मार्किट इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) सितंबर में बढ़कर 53.7 हो गया।

मांग बढ़ने से सितंबर में 53.7 रहा विनिर्माण पीएमआई

यह आंकड़ा व्यापक रूप से व्यावसायिक गतिविधियों में मजबूत विस्तार का संकेत देता है। आईएचएस मार्किट की शुक्रवार को जारी सर्वे के मुताबिक, यह लगातार तीसरा महीना है, जब विनिर्माण गतिविधियों में तेजी रही है। पीएमआई का 50 से अधिक रहना तेजी और इससे नीचे का आंकड़ा संकुचन दिखाता है। अगस्त, 2021 में विनिर्माण पीएमआई 52.3 रहा था।

सर्वे में कहा गया है कि महामारी के बढ़ते मामलों और स्थानीय प्रतिबंधों के कारण विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में 11 महीनों में पहली बार जून में गिरावट आई थी। इस दौरान बड़ी संख्या में छंटनी हुई थी। इस दौरान विनिर्माण पीएमआई 50 से नीचे 48.1 रहा था। 

नए ऑर्डर बढ़े, छंटनी का दौर जारी

आईएचएस मार्किट की एसोसिएट निदेशक (अर्थशास्त्र) पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि भारतीय विनिर्माताओं ने उत्पादन को काफी हद तक बढ़ा दिया है। उनके पास मांग ज्यादा आ रही है। इसमें वैश्विक बाजार की भी अहम भूमिका है।

इसके बावजूद कंपनियोंने सितंबर में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के बजाय छंटनी की। इन कंपनियों ने पिछले चार महीने में हर महीने जितने कर्मचारी हटाए, उससे ज्यादा छंटनी सितंबर में हुई। वह भी तब, जब जॉब मार्केट में बने कमजोर सेंटीमेंट को बेहतर बनाने के लिए फैक्ट्रियों में भर्तियां बढ़ानी जरूरी थी।

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