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संबोधन: उपराष्ट्रपति ने सर छोटू राम के लेखन संकलन का किया विमोचन, बोले- किसानों को राजनीति से जोड़ना ठीक नहीं

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार झा
Updated Mon, 20 Sep 2021 09:33 AM IST

सार

सर छोटूराम को किसानों का मसीहा भी कहा जाता था। किसानों के अधिकार के लिए वह अंग्रेजों के खिलाफ हो जाते थे। उनका जन्म 24 नवंबर, 1881 में हरियाणा के झज्जर के एक छोटे से गांव गढ़ी सांपला में साधारण परिवार में हुआ था। पंजाब प्रांत के प्रमुख नेताओं में से एक थे। 

वेंकैया नायडू, उपराष्ट्रपति, भारत
– फोटो : ANI

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विस्तार

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू गुरुग्राम में सर छोटू राम के दिए गए भाषणों और लेखन के संकलन का वॉल्यूम जारी करते हुए उन्हें उनके कार्यों की तारीफ की। इस दौरान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि सभी सरकारों को किसानों के कल्याण के लिए प्राथमिकता के आधार पर काम करना चाहिए और उन्हें लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना चाहिए। साथ ही किसानों और सरकार के बीच संवाद कायम रहना चाहिए। किसी भी स्थिति में किसानों की समस्याओं को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। जब भी किसानों को वोट बैंक के रूप में देखा जाता है तो स्थिति विस्फोटक होती है। 

मोदी ने किया 64 फुट प्रतिमा का अनावरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में हरियाणा के सांपला में सर छोटूराम की 64 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया था. इस मौके पर उन्होंने कहा था  कि उनका कद और व्यक्तित्व इतना बड़ा था कि सरदार पटेल ने छोटूराम को याद किया करते थे। एक बार सरदार पटेल ने उनके बारे में कहा था कि आज चौधरी छोटूराम जीवित होते तो पंजाब की चिंता हमें नहीं करनी पड़ती, छोटूराम जी संभाल लेते। पीएम मोदी ने कहा कि सर छोटूराम का किसान और देश में काफी अहम योगदान है। 

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