एजेंसी, बार्सिलोना
Published by: Kuldeep Singh
Updated Tue, 10 Aug 2021 07:39 AM IST
कोरोना संक्रमण के बाद शरीर में एंटीबॉडीज लंबे समय तक रहती है। बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के वैज्ञानिकों ने यह दावा कम्युनिकेशन जर्नल में प्रकाशित अपने शोध में किया है। प्रमुख शोधकर्ता कार्लोता दोबानो ने बताया कि संक्रमण के बाद शरीर में वायरस के स्पाईक प्रोटीन के खिलाफ बनी आईजीजी एंटीबॉडीज 7 महीने या इससे अधिक समय तक रह सकती है।
बार्सिलोना में 578 स्वास्थ्यकर्मियों पर अध्ययन के बाद यह नतीजा सामने आया है। वह बताते हैं कि वायरस के मौजूदगी की समय सीमा नए रूप के साथ बढ़ती जा रही है। ऐसे में अब इस और अधिक काम करना होगा कि संक्रमण की चपेट में आने वाले लोग एंटीबॉडीज की मदद से कितने समय तक सुरक्षित जा सकते हैं।
एंटीबॉडीज के स्तर में भी हुई बढ़ोतरी
शोध के अनुसार कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान स्वास्थ्यकर्मी अधिक संक्रमित हुए। अध्ययन में पता चला है कि मार्च से लेकर अक्तूबर के बीच एंटीबॉडीज का स्तर 13.5 फीसदी से बढ़कर 16.4 फीसदी दर्ज किया गया है। राहत की बात यह है शोध में शामिल 75 फ़ीसदी लोगों में आईजीजी एंटीबॉडीज का स्तर 5 महीने बाद भी बढ़ता देखा गया है। संक्रमण के मामले भी सामने नहीं आए हैं।
ऑस्ट्रेलिया में अगले माह से मॉडर्ना का टीका
कोरोना वायरस से जूझ रहे ऑस्ट्रेलिया में अगले महीने से मॉडर्ना का टीका लगना शुरू होगा। सरकार ने बताया कि इस टीके के इस्तेमाल की मंजूरी के साथ देश में अब कुल 3 टीकों का इस्तेमाल होगा।
विस्तार
कोरोना संक्रमण के बाद शरीर में एंटीबॉडीज लंबे समय तक रहती है। बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के वैज्ञानिकों ने यह दावा कम्युनिकेशन जर्नल में प्रकाशित अपने शोध में किया है। प्रमुख शोधकर्ता कार्लोता दोबानो ने बताया कि संक्रमण के बाद शरीर में वायरस के स्पाईक प्रोटीन के खिलाफ बनी आईजीजी एंटीबॉडीज 7 महीने या इससे अधिक समय तक रह सकती है।
बार्सिलोना में 578 स्वास्थ्यकर्मियों पर अध्ययन के बाद यह नतीजा सामने आया है। वह बताते हैं कि वायरस के मौजूदगी की समय सीमा नए रूप के साथ बढ़ती जा रही है। ऐसे में अब इस और अधिक काम करना होगा कि संक्रमण की चपेट में आने वाले लोग एंटीबॉडीज की मदद से कितने समय तक सुरक्षित जा सकते हैं।
एंटीबॉडीज के स्तर में भी हुई बढ़ोतरी
शोध के अनुसार कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान स्वास्थ्यकर्मी अधिक संक्रमित हुए। अध्ययन में पता चला है कि मार्च से लेकर अक्तूबर के बीच एंटीबॉडीज का स्तर 13.5 फीसदी से बढ़कर 16.4 फीसदी दर्ज किया गया है। राहत की बात यह है शोध में शामिल 75 फ़ीसदी लोगों में आईजीजी एंटीबॉडीज का स्तर 5 महीने बाद भी बढ़ता देखा गया है। संक्रमण के मामले भी सामने नहीं आए हैं।
ऑस्ट्रेलिया में अगले माह से मॉडर्ना का टीका
कोरोना वायरस से जूझ रहे ऑस्ट्रेलिया में अगले महीने से मॉडर्ना का टीका लगना शुरू होगा। सरकार ने बताया कि इस टीके के इस्तेमाल की मंजूरी के साथ देश में अब कुल 3 टीकों का इस्तेमाल होगा।
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