एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: Kuldeep Singh
Updated Tue, 21 Sep 2021 04:04 AM IST
सार
पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने ब्रिटेन के नए यात्रा प्रतिबंधों में भारतीय टीकों को मान्यता नहीं देने के बाद कहा, ब्रिटिश हुकूमत के इस फैसले से जातिवाद की बू आती है। भारतीयों के साथ इस तरह का भेदभाव किया जाना गलत है। थरूर ने इससे नाराज होकर अपनी एक किताब की लॉन्चिंग और कैंम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपनी एक बहस का कार्यक्रम रद्द कर दिया।
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विस्तार
नाराज पूर्व मंत्री ने रद्द की अपनी बुक की लॉन्चिंग, जयराम रमेश भी साथ आए
थरूर ने कहा, ब्रिटिश हुकूमत के इस फैसले से जातिवाद की बू आती है। भारतीयों के साथ इस तरह का भेदभाव किया जाना गलत है। थरूर ने इससे नाराज होकर अपनी एक किताब की लॉन्चिंग और कैंम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपनी एक बहस का कार्यक्रम रद्द कर दिया। कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम नरेश ने भी ब्रिटेन के इस फैसले की आलोचना की है। ब्रिटेन ने शुक्रवार को अपने यात्रा नियमों ढील देते हुए पीली और हरी सूची को खत्म कर दिया था।
भारत यूं तो पीली सूची में था लेकिन उसके बावजूद भारतीय टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगवाने वाले भारतीयों को ब्रिटेन यात्रा पर इस ढील का कोई लाभ नहीं होगा क्योंकि इन दोनों टीकों को मान्यता नहीं दी गई। इन टीकों को लगवाने वाले लोगों को आरटीपीसीआर टेस्ट और अनिवार्य 10 दिन क्वारंटीन रहना होगा। जयराम रमेश ने ट्वीट किया, यह बेतुका फैसला है। कोविशील्उ को मूल रूप से ब्रिटेन में ही तैयार किया गया था। सीरम संस्थान ने इसका उत्पादन किया और खुद ब्रिटेन में इसकी आपूर्ति की। इसके बावजूद इसे लगवाने वाले भारतीयों के साथ ऐसा व्यवहार उचित नहीं।