एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 30 Jan 2022 02:50 AM IST
सार
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने लोकसभा अध्यक्ष से दलबदल कानून के तहत अधिकारी को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।इसी प्रकार से राजू के खिलाफ वाईएसआरसीपी के मुख्य सचेतक मरगानी भारत द्वारा दी गई याचिका दी गई थी।
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विस्तार
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इन दोनों सांसदों के खिलाफ दलबदल कानून के आधार पर कार्रवाई करने और इन्हें अयोग्य घोषित करने की याचिका को विशेषाधिकार समिति को भेज दिया है। यह समिति इन दोनों सांसदों के खिलाफ मिली याचिका पर प्रारंभिक जांच करेगी और जांच रिपोर्ट उन्हें सौंपेगी।
पश्चिम बंगाल के कांथी लोकसभा सीट से सांसद शिशिर अधिकारी पिछले साल मार्च में विधानसभा चुनाव के पहले तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने लोकसभा अध्यक्ष से दलबदल कानून के तहत अधिकारी को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।
वहीं, राजू आंध्र प्रदेश की नरसापुरम सीट से लोकसभा के सदस्य हैं और उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस के खिलाफ बगावत की थी। उनके बारे में आशंका थी कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इसके चलते वाईएसआर कांग्रेस ने दलबदल विरोधी कानून के तहत उनके खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष को याचिका दी थी।
लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय की ओर से संविधान की दसवीं अनुसूची के पैरा छह व लोकसभा सदस्य (दल-बदल के आधार पर अयोग्यता) नियम 1985 के नियम छह के तहत शिशिर अधिकारी के खिलाफ दी गई याचिका को प्रारंभिक जांच के लिए 11 जनवरी को विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया।
इसी प्रकार से राजू के खिलाफ वाईएसआरसीपी के मुख्य सचेतक मरगानी भारत द्वारा दी गई याचिका को 27 जनवरी को प्रारंभिक जांच के लिए विशेषाधिकार समिति को भेजा गया।