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लेबनान : ट्रिपोली शहर में बिगड़ती अर्थव्यवस्था को लेकर शुरू हुए दंगे, 10 सैनिकों सहित कई लोग घायल

एजेंसी, बेरूत
Published by: Kuldeep Singh
Updated Mon, 28 Jun 2021 05:43 AM IST

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लेबनान में पिछले 20 महीने से गहराते जा रहे आर्थिक संकट को लेकर हालात बिगड़ गए हैं। अर्थव्यवस्था की वजह से बिगड़ती स्थिति को लेकर शनिवार रात कई जगह प्रदर्शन के दौरान दंगे भड़क गए। इन दंगों में 10 सैनिकों समेत कई प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। लेबनान के उत्तरी शहर ट्रिपोली में रविवार तड़के प्रमुख संस्थानों में सेना को तैनात कर दिया गया है। 

सेना ने बताया कि मोटरसाइकिल पर सवार दंगाइयों के ग्रेनेड हमले में नौ सैनिक घायल हुए, जबकि एक सैनिक पत्थर की चपेट में आने से घायल हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने शहर के कई संस्थानों पर हमला किया है। वहीं वर्ल्ड बैंक ने इस संकट को 150 वर्षों में दुनिया के सबसे खराब संकटों में से एक बताया है।

लेबनान में पिछले अगस्त से कोई सरकार में नहीं है। यह संकट उसी राजनीतिक गतिरोध से जुड़ा है। सबसे ज्यादा विरोध सिडोन और ट्रिपोली में है। ट्रिपोली लेबनान का दूसरा सबसे बड़ा और गरीब शहर है। 

लेबनान ईंधन, दवा और चिकित्सा उत्पादों सहित कई जरूरी उत्पादों की कमी से जूझ रहा है। इस वजह से जनता आक्रोशित है। लेबनान की मुद्रा शनिवार को यूएस डॉलर के मुकाबले 18,000 पाउंड के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई। संकट शुरू होने के बाद से पाउंड 90 प्रतिशत तक गिर चुका है। जनता 1975-90 के गृहयुद्ध के खत्म होने के बाद से देश को चला रहे राजनीतिक वर्ग के खिलाफ है। प्रदर्शनकारियों ने अक्तूबर 2019 में इन्हें हटाने का आह्वान किया था। इनके भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन की वजह से इन्हे देश की बर्बादी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

विस्तार

लेबनान में पिछले 20 महीने से गहराते जा रहे आर्थिक संकट को लेकर हालात बिगड़ गए हैं। अर्थव्यवस्था की वजह से बिगड़ती स्थिति को लेकर शनिवार रात कई जगह प्रदर्शन के दौरान दंगे भड़क गए। इन दंगों में 10 सैनिकों समेत कई प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। लेबनान के उत्तरी शहर ट्रिपोली में रविवार तड़के प्रमुख संस्थानों में सेना को तैनात कर दिया गया है। 

सेना ने बताया कि मोटरसाइकिल पर सवार दंगाइयों के ग्रेनेड हमले में नौ सैनिक घायल हुए, जबकि एक सैनिक पत्थर की चपेट में आने से घायल हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने शहर के कई संस्थानों पर हमला किया है। वहीं वर्ल्ड बैंक ने इस संकट को 150 वर्षों में दुनिया के सबसे खराब संकटों में से एक बताया है।

लेबनान में पिछले अगस्त से कोई सरकार में नहीं है। यह संकट उसी राजनीतिक गतिरोध से जुड़ा है। सबसे ज्यादा विरोध सिडोन और ट्रिपोली में है। ट्रिपोली लेबनान का दूसरा सबसे बड़ा और गरीब शहर है। 

लेबनान ईंधन, दवा और चिकित्सा उत्पादों सहित कई जरूरी उत्पादों की कमी से जूझ रहा है। इस वजह से जनता आक्रोशित है। लेबनान की मुद्रा शनिवार को यूएस डॉलर के मुकाबले 18,000 पाउंड के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई। संकट शुरू होने के बाद से पाउंड 90 प्रतिशत तक गिर चुका है। जनता 1975-90 के गृहयुद्ध के खत्म होने के बाद से देश को चला रहे राजनीतिक वर्ग के खिलाफ है। प्रदर्शनकारियों ने अक्तूबर 2019 में इन्हें हटाने का आह्वान किया था। इनके भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन की वजह से इन्हे देश की बर्बादी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

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