सार
लोकल सर्किल्स सर्वे में ये भी सामने आया कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका अभी भी लोगों के मन में है। इसके अलावा यह भी डर बना हुआ है कि अगर वे घूमने के लिए एडवांस में टिकट और होटल की बुकिंग करवा लेते हैं और राज्य सरकारों ने लॉकडाउन घोषित कर दिया तो उनके पैसे फंस सकते हैं…
शिमला में उमड़े सैलानी।
– फोटो : अमर उजाला (फाइल फोटो)
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अपने घरों में कैद हुए लोग वापस अपनी पुरानी जिंदगी में लौट रहे हैं। शादी की सालगिरह हो या फिर हनीमून प्लानिंग इन सब के लिए लोग एक बार फिर से सैर करना पसंद कर रहे हैं। देश में कोरोना के कम होते केस और वैक्सीनेशन के बाद लोग फिर से मौज-मस्ती करने के मूड में नजर आ रहे हैं। आने वाले त्योहारी सीजन में 46 फीसदी लोग पर्यटक स्थलों पर घूमने का मन रहे हैं। जबकि पिछले वर्ष कोरोना की पहली लहर के बाद के केवल 19 फीसदी ही लोग बाहर घूमने का प्लान बना रहे थे।
इसका खुलासा सर्वे के लिए मशहूर लोकल सर्किल्स ने किया है। ताजा सर्वे में सामने आया है कि मानसून, गणेश उत्सव और रक्षाबंधन के दौरान 28 फीसदी ग अपने शहर से बाहर घूमने का मन बना रहे थे। जबकि दशहरा और दीपावली के त्योहार के सीजन में 46 फीसदी लोग पर्यटक स्थलों पर घूमने जाना चाहते हैं। वहीं 34 फीसदी लोग इस त्योहारी सीजन की छुट्टियां अपने परिवार और दोस्तों के साथ बिताना चाहते हैं। जबकि 28 फीसदी लोग घर परिवार से दूर पर्यटक स्थलों पर छुट्टियां बिताना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
सर्वे में ये भी सामने आया कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका अभी भी लोगों के मन में है। इसके अलावा यह भी डर बना हुआ है कि अगर वे घूमने के लिए एडवांस में टिकट और होटल की बुकिंग करवा लेते हैं और राज्य सरकारों ने लॉकडाउन घोषित कर दिया तो उनके पैसे फंस सकते हैं। ऐसी स्थिति में 40 फीसदी लोगों ने अभी तक अपनी बुकिंग नहीं करवाई है। जबकि महज छह फीसदी लोगों ने ही बाहर जाने के लिए टिकट सहित ठहरने के लिए होटल की बुकिंग भी करवा ली है।
कोरोना प्रोटोकाल का करें पालन
लोकल सर्किल्स के फाउंडर चैयरमैन सचिन तापड़िया ने अमर उजाला से कहा, कोरोना की पहली लहर के बाद जब हमारी संस्था ने सर्वे किया था, तब भी लोग बाहर घूमने को लेकर बेहद उत्साहित थे और ट्रैवल करना चाहते थे। हालिया सर्वे में यह सामने आया कि लोग बाहर ज्यादा ट्रैवल करना चाहते हैं। हम लोगों से यही गुजारिश करते हैं कि वह कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए और टीकाकरण के बाद ही सफर करें, जिससे कोरोना संक्रमण से बचा जा सके। जहां तक हमने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की बात सुनी या पढ़ी है उसमें यह सामने निकल कर आया है कि कोविड की एंटीबॉडी आठ से दस माह की होती हैं, जो की नवंबर और दिसंबर के आसपास खत्म होगी। जब एक बार फिर पहले की तरफ ट्रैवल करना शुरू करेंगे और पहले की तरह कोविड प्रोटोकाल का पालन नहीं करेंगे तो कोरोना के केसों में इजाफा देखा जा सकता है।
विस्तार
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अपने घरों में कैद हुए लोग वापस अपनी पुरानी जिंदगी में लौट रहे हैं। शादी की सालगिरह हो या फिर हनीमून प्लानिंग इन सब के लिए लोग एक बार फिर से सैर करना पसंद कर रहे हैं। देश में कोरोना के कम होते केस और वैक्सीनेशन के बाद लोग फिर से मौज-मस्ती करने के मूड में नजर आ रहे हैं। आने वाले त्योहारी सीजन में 46 फीसदी लोग पर्यटक स्थलों पर घूमने का मन रहे हैं। जबकि पिछले वर्ष कोरोना की पहली लहर के बाद के केवल 19 फीसदी ही लोग बाहर घूमने का प्लान बना रहे थे।
इसका खुलासा सर्वे के लिए मशहूर लोकल सर्किल्स ने किया है। ताजा सर्वे में सामने आया है कि मानसून, गणेश उत्सव और रक्षाबंधन के दौरान 28 फीसदी ग अपने शहर से बाहर घूमने का मन बना रहे थे। जबकि दशहरा और दीपावली के त्योहार के सीजन में 46 फीसदी लोग पर्यटक स्थलों पर घूमने जाना चाहते हैं। वहीं 34 फीसदी लोग इस त्योहारी सीजन की छुट्टियां अपने परिवार और दोस्तों के साथ बिताना चाहते हैं। जबकि 28 फीसदी लोग घर परिवार से दूर पर्यटक स्थलों पर छुट्टियां बिताना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
सर्वे में ये भी सामने आया कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका अभी भी लोगों के मन में है। इसके अलावा यह भी डर बना हुआ है कि अगर वे घूमने के लिए एडवांस में टिकट और होटल की बुकिंग करवा लेते हैं और राज्य सरकारों ने लॉकडाउन घोषित कर दिया तो उनके पैसे फंस सकते हैं। ऐसी स्थिति में 40 फीसदी लोगों ने अभी तक अपनी बुकिंग नहीं करवाई है। जबकि महज छह फीसदी लोगों ने ही बाहर जाने के लिए टिकट सहित ठहरने के लिए होटल की बुकिंग भी करवा ली है।
कोरोना प्रोटोकाल का करें पालन
लोकल सर्किल्स के फाउंडर चैयरमैन सचिन तापड़िया ने अमर उजाला से कहा, कोरोना की पहली लहर के बाद जब हमारी संस्था ने सर्वे किया था, तब भी लोग बाहर घूमने को लेकर बेहद उत्साहित थे और ट्रैवल करना चाहते थे। हालिया सर्वे में यह सामने आया कि लोग बाहर ज्यादा ट्रैवल करना चाहते हैं। हम लोगों से यही गुजारिश करते हैं कि वह कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए और टीकाकरण के बाद ही सफर करें, जिससे कोरोना संक्रमण से बचा जा सके। जहां तक हमने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की बात सुनी या पढ़ी है उसमें यह सामने निकल कर आया है कि कोविड की एंटीबॉडी आठ से दस माह की होती हैं, जो की नवंबर और दिसंबर के आसपास खत्म होगी। जब एक बार फिर पहले की तरफ ट्रैवल करना शुरू करेंगे और पहले की तरह कोविड प्रोटोकाल का पालन नहीं करेंगे तो कोरोना के केसों में इजाफा देखा जा सकता है।
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