अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sat, 15 Jan 2022 06:44 AM IST
सार
विभाग का कहना है, 2016 में देश के लिए औसत वार्षिक वायु तापमान सामान्य से 0.710 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
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– फोटो : सोशल मीडिया
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विभाग के मुताबिक, देश में इस दौरान बाढ़, चक्रवाती तूफान, भारी वर्षा, भूस्खलन, बिजली गिरने जैसी मौसमी घटनाओं के चलते 1,750 लोगों की मौत भी हुई है। अपने वार्षिक जलवायु वक्तव्य में मौसम विभाग ने कहा, 1901 से वर्ष 2021 देश में 2016, 2009, 2017 और 2010 के बाद पांचवां सबसे गर्म वर्ष था। सर्दियों और मानसून के बाद के मौसम में गर्म तापमान ने मुख्य रूप से इसमें योगदान दिया। विभाग का कहना है, 2016 में देश के लिए औसत वार्षिक वायु तापमान सामान्य से 0.710 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
वहीं, 2009 और 2017 में औसत तापमान से यह क्रमश 0.550 डिग्री सेल्सियस और 0.541 डिग्री सेल्सियस अधिक था। इसके अलावा, 2010 में औसत वार्षिक वायु तापमान सामान्य से 0.539 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा था। बारिश का आंकड़ा देखें तो 2021 में दीर्घकालिक औसत (1961-2010) की 105 फीसदी वर्षा हुई।
विभाग ने बताया, भारत में आंधी-तूफान और बिजली गिरने से 2021 में 787 लोगों की जान गई जबकि भारी बारिश व बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में 759 लोगों की मौत हुई। अकेले पांच चक्रवाती तूफानों के कारण 172 तो चरम मौसमी घटनाओं के चलते 32 अन्य लोगों की मौत हो गई।