सार
‘जब सफलता की ख्वाहिश आपको सोने ना दे…जब मेहनत के अलावा और कुछ अच्छा न लगे…जब लगातार काम करने के बाद थकावट न हो…’
कामयाबी की नई इबारत लिखने वाले भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने चार पहले ही अपनी सफलता का एलान कर दिया था। साल 2017 में उन्होंने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘जब सफलता की ख्वाहिश आपको सोने ना दे…जब मेहनत के अलावा और कुछ अच्छा न लगे…जब लगातार काम करने के बाद थकावट न हो…समझ लेना सफलता का नया इतिहास रचने वाला है। बता दें कि नीरज इस ट्वीट को आज तक पिन करके रखे हैं।
नीरज ने पहले प्रयास में 87.03 मीटर भाला फेंका था और वह शुरू से ही पहले स्थान पर चल रहे थे। वहीं, दूसरे प्रयास में नीरज ने 87.58 मीटर भाला फेंका। यहीं उनका गोल्ड मेडल पक्का हो गया था। तीसरे प्रयास में वह 76.79 मीटर भाला ही फेंक पाए जबकि चौथे प्रयास में फाउल कर गए। उन्होंने छठे प्रयास में 84.24 मीटर भाला फेंका।
गोल्ड जीतने के बाद नीरज ने कहा, ‘विश्वास नहीं हो रहा। पहली बार है जब भारत ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता है इसलिए मैं बहुत खुश हूं। हमारे पास अन्य खेलों में ओलंपिक का एक ही गोल्ड है।’ वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीरज ने कहा, ‘मेरे लिए मेरी ट्रेनिंग ही मोटिवेशन है। एक खिलाड़ी के लिए सबसे बड़ी चीज है फोकस। लक्ष्य पर फोकस। मेडल और मैच आखिर में आते हैं। सबसे पहले आता है प्रशिक्षण और फोकस। ये दोनों ठीक हैं तो आप जरूर जीतोगे।’
नीरज ने आगे कहा, ‘मुझे हमेशा लगता था कि जब इतने सारे देश के खिलाड़ी जीतते हैं तो भारत के क्यों नहीं। मुझे खुशी है कि मैं ये कर पाया। अब मेरा लक्ष्य है 90 मीटर तक अपना भाला फेंकू।’ उन्होंने आगे कहा, ‘सकारात्मक सोच बड़ी चीज है। जब पिछले साल कोरोना के कारण ओलंपिक नहीं हुए तो निराश होने की बजाय मैंने सोचा कि मुझे तैयारी के लिए एक साल और मिल गया।’
नीरज ने अपने गोल्ड मेडल को भारत के महान धावक दिवंगत मिल्खा सिंह को समर्पित किया। गोल्ड जीतने के बाद नीरज ने कहा, ‘मैं अपने गोल्ड मेडल को महान धावक मिल्खा सिंह को समर्पित करता हूं। वे शायद मुझे स्वर्ग से देख रहे होंगे। मैं पदक के साथ मिल्खा सिंह से मिलना चाहता था। विश्वास नहीं हो रहा। पहली बार है जब भारत ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता है इसलिए मैं बहुत खुश हूं। हमारे पास अन्य खेलों में ओलंपिक का एक ही गोल्ड है।’
विस्तार
कामयाबी की नई इबारत लिखने वाले भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने चार पहले ही अपनी सफलता का एलान कर दिया था। साल 2017 में उन्होंने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘जब सफलता की ख्वाहिश आपको सोने ना दे…जब मेहनत के अलावा और कुछ अच्छा न लगे…जब लगातार काम करने के बाद थकावट न हो…समझ लेना सफलता का नया इतिहास रचने वाला है। बता दें कि नीरज इस ट्वीट को आज तक पिन करके रखे हैं।

87.58 मीटर दूर भाला फेंक जीता गोल्ड
नीरज ने पहले प्रयास में 87.03 मीटर भाला फेंका था और वह शुरू से ही पहले स्थान पर चल रहे थे। वहीं, दूसरे प्रयास में नीरज ने 87.58 मीटर भाला फेंका। यहीं उनका गोल्ड मेडल पक्का हो गया था। तीसरे प्रयास में वह 76.79 मीटर भाला ही फेंक पाए जबकि चौथे प्रयास में फाउल कर गए। उन्होंने छठे प्रयास में 84.24 मीटर भाला फेंका।
गोल्ड जीतने के बाद नीरज बोले, विश्वास नहीं हो रहा
गोल्ड जीतने के बाद नीरज ने कहा, ‘विश्वास नहीं हो रहा। पहली बार है जब भारत ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता है इसलिए मैं बहुत खुश हूं। हमारे पास अन्य खेलों में ओलंपिक का एक ही गोल्ड है।’ वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीरज ने कहा, ‘मेरे लिए मेरी ट्रेनिंग ही मोटिवेशन है। एक खिलाड़ी के लिए सबसे बड़ी चीज है फोकस। लक्ष्य पर फोकस। मेडल और मैच आखिर में आते हैं। सबसे पहले आता है प्रशिक्षण और फोकस। ये दोनों ठीक हैं तो आप जरूर जीतोगे।’
अब मेरा लक्ष्य है 90 मीटर दूर भाला फेंकना है
नीरज ने आगे कहा, ‘मुझे हमेशा लगता था कि जब इतने सारे देश के खिलाड़ी जीतते हैं तो भारत के क्यों नहीं। मुझे खुशी है कि मैं ये कर पाया। अब मेरा लक्ष्य है 90 मीटर तक अपना भाला फेंकू।’ उन्होंने आगे कहा, ‘सकारात्मक सोच बड़ी चीज है। जब पिछले साल कोरोना के कारण ओलंपिक नहीं हुए तो निराश होने की बजाय मैंने सोचा कि मुझे तैयारी के लिए एक साल और मिल गया।’
नीरज ने मिल्खा सिंह को समर्पित किया अपना गोल्ड
नीरज ने अपने गोल्ड मेडल को भारत के महान धावक दिवंगत मिल्खा सिंह को समर्पित किया। गोल्ड जीतने के बाद नीरज ने कहा, ‘मैं अपने गोल्ड मेडल को महान धावक मिल्खा सिंह को समर्पित करता हूं। वे शायद मुझे स्वर्ग से देख रहे होंगे। मैं पदक के साथ मिल्खा सिंह से मिलना चाहता था। विश्वास नहीं हो रहा। पहली बार है जब भारत ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता है इसलिए मैं बहुत खुश हूं। हमारे पास अन्य खेलों में ओलंपिक का एक ही गोल्ड है।’
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