न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार झा
Updated Fri, 03 Dec 2021 07:57 AM IST
सार
केंद्र सरकार की ओर से भारत में कोरोना के नए वैरिएंट्री ओमिक्रॉन रोकने के सारे प्रयास विफल रहे। कर्नाटक में दो लोग इस वैरिएंट की चपेट में आ गए।
ओमिक्रॉन वेरिएंट(सांकेतिक)
– फोटो : Pixabay
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर पूरी दुनिया में दहशत का माहौल है। विश्व के बड़े-बड़े वैज्ञानिक रिसर्च में जुटे हुए हैं। एक हफ्ते के भीतर ओमिक्रॉन 24 देशों में फैल चुका है। अब तक इस वैरिएंट से 210 लोग संक्रमित हुए हैं। भारत में भी ओमिक्रॉन की दस्तक हो चुकी है। कर्नाटक में पहले दो लोग इसकी चपेट में आए। उसके बाद पांच और लोगों के संक्रमित होने की खबर है।
देश में गुरुवार को कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 2 दिसंबर को भारत के कर्नाटक शहर में इस वैरिएंट के दो मामले सामने आए हैं। इनमें एक दक्षिण अफ्रीकी नागरिक है और दूसरा स्थानीय स्वास्थ्यकर्मी। हालांकि, मंत्रालय ने लोगों से दहशत का माहौल न बनाने और कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की अपील की है। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई राज्य में और प्रतिबंध लगाने के लिए शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक करने जा रहे हैं।
कर्नाटक में कैसे फैला संक्रमण
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने बताया कि ओमिक्रॉन से संक्रमित पाए गए 66 साल के बुजुर्ग ने साउथ अफ्रीका का दौरा किया था। जबकि 46 साल के दूसरे मरीज ने ऐसी कोई यात्रा नहीं की थी और वो एक स्वास्थ्यकर्मी हैय़ दोनों मरीजों ने सिर्फ बुखार की शिकायत की थी। सबसे अहम बात यह है कि दोनों संक्रमित मरीज वैक्सीन ले चुके हैं। एक मरीज संक्रमित मरीज वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुका है जबकि दूसरे मरीज ने पहली डोज ली है। कर्नाटक के विशेषज्ञों के मुताबिक, राज्य में ओमिक्रॉन के और अधिक मामले हो सकते हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स की मानें तो उनका कहना है कि सभी मामलों में कोई प्रमुख लक्षण नहीं थे।
ओमिक्रॉन के क्या है लक्षण
वैज्ञानिकों की मानें तो इस वैरिएंट में माइल्ड लक्षण ही रहते हैं। उनमें सिरदर्द, बदन दर्द और थकावट के लक्षण होते हैं। जोकि करीब 50 हैं। इनमें 30 म्यूटेशन स्पाइक प्रोटीन मिले हैं। आम भाषा में कहे तो स्पाइक प्रोटीन के जरिए वायरस सेल के माध्यम से वायरस शरीर में जाता है। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई ठोस जानकारी निकलकर सामने नहीं आई है। विशेषज्ञों की ओर से सावधानियां बरतने की सलाह दी जा रही है। वैज्ञानिकों ने जो अब तक की जांच की है, उसके अनुसार कोरोना के इस वैरिएंट में सबसे ज्यादा म्यूटेशन हुए हैं।
विस्तार
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर पूरी दुनिया में दहशत का माहौल है। विश्व के बड़े-बड़े वैज्ञानिक रिसर्च में जुटे हुए हैं। एक हफ्ते के भीतर ओमिक्रॉन 24 देशों में फैल चुका है। अब तक इस वैरिएंट से 210 लोग संक्रमित हुए हैं। भारत में भी ओमिक्रॉन की दस्तक हो चुकी है। कर्नाटक में पहले दो लोग इसकी चपेट में आए। उसके बाद पांच और लोगों के संक्रमित होने की खबर है।
देश में गुरुवार को कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 2 दिसंबर को भारत के कर्नाटक शहर में इस वैरिएंट के दो मामले सामने आए हैं। इनमें एक दक्षिण अफ्रीकी नागरिक है और दूसरा स्थानीय स्वास्थ्यकर्मी। हालांकि, मंत्रालय ने लोगों से दहशत का माहौल न बनाने और कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की अपील की है। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई राज्य में और प्रतिबंध लगाने के लिए शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक करने जा रहे हैं।
कर्नाटक में कैसे फैला संक्रमण
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने बताया कि ओमिक्रॉन से संक्रमित पाए गए 66 साल के बुजुर्ग ने साउथ अफ्रीका का दौरा किया था। जबकि 46 साल के दूसरे मरीज ने ऐसी कोई यात्रा नहीं की थी और वो एक स्वास्थ्यकर्मी हैय़ दोनों मरीजों ने सिर्फ बुखार की शिकायत की थी। सबसे अहम बात यह है कि दोनों संक्रमित मरीज वैक्सीन ले चुके हैं। एक मरीज संक्रमित मरीज वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुका है जबकि दूसरे मरीज ने पहली डोज ली है। कर्नाटक के विशेषज्ञों के मुताबिक, राज्य में ओमिक्रॉन के और अधिक मामले हो सकते हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स की मानें तो उनका कहना है कि सभी मामलों में कोई प्रमुख लक्षण नहीं थे।
ओमिक्रॉन के क्या है लक्षण
वैज्ञानिकों की मानें तो इस वैरिएंट में माइल्ड लक्षण ही रहते हैं। उनमें सिरदर्द, बदन दर्द और थकावट के लक्षण होते हैं। जोकि करीब 50 हैं। इनमें 30 म्यूटेशन स्पाइक प्रोटीन मिले हैं। आम भाषा में कहे तो स्पाइक प्रोटीन के जरिए वायरस सेल के माध्यम से वायरस शरीर में जाता है। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई ठोस जानकारी निकलकर सामने नहीं आई है। विशेषज्ञों की ओर से सावधानियां बरतने की सलाह दी जा रही है। वैज्ञानिकों ने जो अब तक की जांच की है, उसके अनुसार कोरोना के इस वैरिएंट में सबसे ज्यादा म्यूटेशन हुए हैं।
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