एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: योगेश साहू
Updated Fri, 03 Dec 2021 05:27 AM IST
सार
फिलहाल भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) एफआरटी आधारित बायोमीट्रिक बोर्डिंग सिस्टम की परियोजना पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, प्रस्तावित डिजी यात्रा सेंट्रल इको-सिस्टम को मार्च 2022 में लाइव करने की योजना है।
प्रतीकात्मक तस्वीर।
– फोटो : पीटीआई
देश में जल्द ही हवाईअड्डों पर सिर्फ चेहरा दिखाने से प्रवेश और निकास से लेकर बोर्डिंग पास जैसी सुविधाएं मिलने लगेंगी। बृहस्पतिवार को नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने लोकसभा में बताया, भारत में चार हवाई अड्डों (वाराणसी, पुणे, कोलकाता और विजयवाड़ा) में डिजी यात्रा के पहले चरण के तहत जल्द ही चेहरा पहचानने की तकनीक (एफआरटी) लगाई जाएगी।
फिलहाल भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) एफआरटी आधारित बायोमीट्रिक बोर्डिंग सिस्टम की परियोजना पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, प्रस्तावित डिजी यात्रा सेंट्रल इको-सिस्टम को मार्च 2022 में लाइव करने की योजना है। चार हवाईअड्डों पर मशीनें लगने के बाद विभिन्न हवाई अड्डों पर भी यह तकनीक अपनाई जाएगी।
सांसद वरुण गांधी व राम शंकर कठेरिया के सवाल का जवाब देते हुए सिंह ने बताया कि यात्री डाटा की सुरक्षा के लिए डिजी यात्रा सेंट्रल इकोसिस्टम के लिए पंजीकरण करना यात्रियों के लिए वैकल्पिक होगा। एजेंसी
कैसे काम करता है एफआरटी सिस्टम
विशेषज्ञों के मुताबिक, यात्रियों के चेहरे को एक बार डिजी यात्रा सिस्टम के पंजीकृत कर लिया जाएगा। इसके बाद उन्हें हवाईअड्डे में प्रवेश करते वक्त पहचान पत्र दिखाने की जरूरत नहीं होगी। टर्मिनल में यात्री के प्रवेश करते ही एयरलाइंस कंपनी को यात्री के आने की जानकारी मिल जाएगी। इसके बाद सिस्टम द्वारा यात्री का बोर्डिंग पास भी सीधे उसके फोन में चला जाएगा।
विस्तार
देश में जल्द ही हवाईअड्डों पर सिर्फ चेहरा दिखाने से प्रवेश और निकास से लेकर बोर्डिंग पास जैसी सुविधाएं मिलने लगेंगी। बृहस्पतिवार को नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने लोकसभा में बताया, भारत में चार हवाई अड्डों (वाराणसी, पुणे, कोलकाता और विजयवाड़ा) में डिजी यात्रा के पहले चरण के तहत जल्द ही चेहरा पहचानने की तकनीक (एफआरटी) लगाई जाएगी।
फिलहाल भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) एफआरटी आधारित बायोमीट्रिक बोर्डिंग सिस्टम की परियोजना पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, प्रस्तावित डिजी यात्रा सेंट्रल इको-सिस्टम को मार्च 2022 में लाइव करने की योजना है। चार हवाईअड्डों पर मशीनें लगने के बाद विभिन्न हवाई अड्डों पर भी यह तकनीक अपनाई जाएगी।
सांसद वरुण गांधी व राम शंकर कठेरिया के सवाल का जवाब देते हुए सिंह ने बताया कि यात्री डाटा की सुरक्षा के लिए डिजी यात्रा सेंट्रल इकोसिस्टम के लिए पंजीकरण करना यात्रियों के लिए वैकल्पिक होगा। एजेंसी
कैसे काम करता है एफआरटी सिस्टम
विशेषज्ञों के मुताबिक, यात्रियों के चेहरे को एक बार डिजी यात्रा सिस्टम के पंजीकृत कर लिया जाएगा। इसके बाद उन्हें हवाईअड्डे में प्रवेश करते वक्त पहचान पत्र दिखाने की जरूरत नहीं होगी। टर्मिनल में यात्री के प्रवेश करते ही एयरलाइंस कंपनी को यात्री के आने की जानकारी मिल जाएगी। इसके बाद सिस्टम द्वारा यात्री का बोर्डिंग पास भी सीधे उसके फोन में चला जाएगा।
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