सार
आरोपी के भाई मुकेश कुमार सिंह ने दावा किया कि उसे मुंबई पुलिस से पता चला है कि 28 वर्षीय को मामले की जांच में मदद करने के लिए महाराष्ट्र की राजधानी ले जाया गया है।
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बुल्ली बाई एप ने पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें नीलामी के लिए डालकर उन्हें निशाना बनाया जाता था। मुंबई के एक अधिकारी के मुताबिक नीरज सिंह कथित तौर पर एप की योजना और निर्माण करने में शामिल था।
युवक की गिरफ्तारी के बाद नीरज सिंह के वकील पी राममोहन राव के अनुसार पुलिस को संदेह है कि नीरज ऐप की योजना बनाने और लॉन्च करने में शामिल हो सकता है। हालांकि, आरोपी के भाई मुकेश कुमार सिंह ने दावा किया कि उसे मुंबई पुलिस से पता चला है कि नीरज को मामले की जांच में मदद करने के लिए महाराष्ट्र की राजधानी ले जाया गया है।
भाई मुकेश कुमार का दावा- एप के लॉन्च में शामिल नहीं था
नीरज के भाई मुकेश कुमार ने एक स्थानीय टीवी चैनल को बताया कि मुंबई पुलिस ने हमें बताया कि नीरज बुल्ली बाई एप पर एक ग्राहक था। उन्होंने कहा कि वह एप के लॉन्च में शामिल नहीं था। पुलिस उसे मुंबई ले जाने के लिए यहां आई थी ताकि वह जांच में मदद कर सके। इससे पहले मुंबई पुलिस ने एप मामले में चार अन्य को गिरफ्तार किया था।
इस गिरफ्तारी के साथ मुंबई पुलिस अब तक इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पहले श्वेता सिंह (18), मयंक रावल (21) को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया था। इंजीनियरिंग के छात्र विशाल कुमार झा (21) को बेंगलुरु से पकड़ा गया था। मुख्य आरोपी नीरज बिश्नोई को दिल्ली पुलिस ने असम से गिरफ्तार किया था।
मुंबई पुलिस ने सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं के फोटो से छेड़छाड़ कर बोली लगाने के लिए ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफार्म गिटहब पर चल रहे ‘बुल्ली बाई’ एप पर अपलोड करने के इस मामले में अज्ञात लोगों को खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। एप पर वास्तव में कोई बोली नहीं लग रही थी, बल्कि फोटो अपलोड करने का मकसद इन महिलाओं को अपमानित करना था। इनमें से कई महिलाएं सक्रिय रूप से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती हैं।