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“NASA works. When we put our arms together and our hands together and our brains together, we can succeed. This is what NASA does.”@NASAJPL chief engineer and landing veteran Rob Manning celebrates #NASAPersevere‘s successful #CountdownToMars: pic.twitter.com/Bo74pC4xLO
— NASA (@NASA) February 18, 2021
भारतीय समयानुसार शुक्रवार-शनिवार की देर रात यह प्रसारण शुरू हुआ, जिसमें यह रोवर ने उस कठिन स्थिति का सामना किया जिसे ‘सात मिनट का आतंक’ कहा जाता है। इसका मतलब उन कठिन परिस्थितियों से है जिनका सामना मंगल के वायुमंडल में प्रवेश करने और सतह तक पहुंचने के लिए करना होता है।
Perseverance rover has landed on Mars: US’ National Aeronautics and Space Administration (NASA) pic.twitter.com/JsxGNRfp5v
— ANI (@ANI) February 18, 2021
12 हजार मील प्रति घंटे की रफ्तार से सफर कर रहे इस रोवर की गति को धीमा करने के लिए एक सुपरसॉनिक पैराशूट का इस्तेमाल किया गया। बता दें कि इस गति से लंदन से न्यूयॉर्क तक महज 15 मिनट की अवधि में पहुंचा जा सकता है।
यह पर्सेवेरेंस रोवर जेजेरो (Jezero) नामक एक 820 फुट गहरे क्रेटर के आधार को छुएगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि जेजेरो पहले एक झील हुआ करती थी, जिसमें करीब 350 करोड़ साल पहले पानी हुआ करता था।
यह रोवर मंगल ग्रह की सतह पर ड्रिल करेगा और भूवैज्ञानिक नमूनों को क्रेटर के संपर्क में आने से पहले ही एकत्र करेगा। इन नमूनों को आने वाले समय में एक और अभियान के जरिए धरती पर वापस लाया जाएगा। जानकारी के अनुसार इस दूसरे अभियान के माध्यम से इन नमूनों को साल 2031 में धरती पर लाया जाएगा।
