Desh

देश में समय पर नहीं हुई कोरोना मरीजों की निगरानी: संसदीय समिति 


पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।

*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!

ख़बर सुनें

कोरोना वायरस को लेकर भले ही देश पहला पीक पार कर चुका है, लेकिन संसदीय समिति का मानना है कि इस वायरस से संक्रमित मरीजों की निगरानी समय पर नहीं हुई। कोरोना की जांच ने समय रहते गति नहीं पकड़ी। इसके कारण संक्रमण का प्रभाव शहर से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर बढ़ने लगा। 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर संसद की स्थायी समिति ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा, देश में कोरोना के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। नए मरीज मिलने के बाद उसके संपर्क में आने वालों की समय रहते निगरानी नहीं की गई, जिसके कारण और भी संक्रमित मरीज सरकार की पहुंच के बाहर रहे।

एंटीजन जांच पर सरकार ने जोर दिया , जबकि यह जांच कम विश्वसनीय है। समिति ने सरकार से अपील की है कि आरटी-पीसीआर जांच को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया जाए। ताकि सही तस्वीर सामने आ सके। समिति ने रैपिड एंटीजन जांच की सत्यता का मूल्यांकन करने की मांग भी की है।  

समिति ने देश में किए गए लॉकडाउन को लेकर सरकार की सराहना की है। समिति का मानना है कि समय पर लॉकडाउन की घोषणा होने से लाखों लोगों की जिंदगियां बचाई जा सकी हैं। हालांकि, महामारी से लड़ने में कई खामियां भी रहीं।

लॉकडाउन के दौरान आपात वस्तुओं की आपूर्ति, लालफीताशाही, जांच कम और घरेलू उत्पादन में देरी इत्यादि की वजह से काफी गंभीर परिणाम भी देखने को मिले हैं। समिति ने मंत्रालय से कहा है कि वो एक नोट पेश करे कि महामारी के शुरुआती दिनों में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए इतने कम बिस्तर क्यों आरक्षित किए गए?  

टीकाकरण पर संसदीय समिति करेगी जांच 
कोरोना से राहत पाने के लिए दुनिया को इसके टीके का इंतजार है। भारत में पहली बार व्यापक स्तर पर व्यस्क टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने वाला है। ऐसे में संसदीय समिति ने टीका से जुड़ी सभी गतिविधियों नजर रखने का फैसला लिया है। 

वैक्सीन के उत्पादन को लेकर सोमवार को एक अहम बैठक भी होनी है। टीका परीक्षण पर प्रधानमंत्री कार्यालय से सीधे निगरानी रखी जा रही है। अभी देश में टीकाकरण से जुड़ी तैयारियां चल रही थीं, लेकिन अब सरकार का पूरा ध्यान टीका के अंतिम परीक्षण परिणामों पर है।

इसी को लेकर रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की निगरानी में यह बैठक होगी, जिसमें दवा निर्माता कंपनियों से जुड़े प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अलावा विज्ञान मंत्रालय की समितियां इससे जुड़ी गतिविधियों पर नजर रख रही हैं

कोरोना वायरस को लेकर भले ही देश पहला पीक पार कर चुका है, लेकिन संसदीय समिति का मानना है कि इस वायरस से संक्रमित मरीजों की निगरानी समय पर नहीं हुई। कोरोना की जांच ने समय रहते गति नहीं पकड़ी। इसके कारण संक्रमण का प्रभाव शहर से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर बढ़ने लगा। 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर संसद की स्थायी समिति ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा, देश में कोरोना के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। नए मरीज मिलने के बाद उसके संपर्क में आने वालों की समय रहते निगरानी नहीं की गई, जिसके कारण और भी संक्रमित मरीज सरकार की पहुंच के बाहर रहे।

एंटीजन जांच पर सरकार ने जोर दिया , जबकि यह जांच कम विश्वसनीय है। समिति ने सरकार से अपील की है कि आरटी-पीसीआर जांच को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया जाए। ताकि सही तस्वीर सामने आ सके। समिति ने रैपिड एंटीजन जांच की सत्यता का मूल्यांकन करने की मांग भी की है।  

समिति ने देश में किए गए लॉकडाउन को लेकर सरकार की सराहना की है। समिति का मानना है कि समय पर लॉकडाउन की घोषणा होने से लाखों लोगों की जिंदगियां बचाई जा सकी हैं। हालांकि, महामारी से लड़ने में कई खामियां भी रहीं।

लॉकडाउन के दौरान आपात वस्तुओं की आपूर्ति, लालफीताशाही, जांच कम और घरेलू उत्पादन में देरी इत्यादि की वजह से काफी गंभीर परिणाम भी देखने को मिले हैं। समिति ने मंत्रालय से कहा है कि वो एक नोट पेश करे कि महामारी के शुरुआती दिनों में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए इतने कम बिस्तर क्यों आरक्षित किए गए?  

टीकाकरण पर संसदीय समिति करेगी जांच 
कोरोना से राहत पाने के लिए दुनिया को इसके टीके का इंतजार है। भारत में पहली बार व्यापक स्तर पर व्यस्क टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने वाला है। ऐसे में संसदीय समिति ने टीका से जुड़ी सभी गतिविधियों नजर रखने का फैसला लिया है। 

वैक्सीन के उत्पादन को लेकर सोमवार को एक अहम बैठक भी होनी है। टीका परीक्षण पर प्रधानमंत्री कार्यालय से सीधे निगरानी रखी जा रही है। अभी देश में टीकाकरण से जुड़ी तैयारियां चल रही थीं, लेकिन अब सरकार का पूरा ध्यान टीका के अंतिम परीक्षण परिणामों पर है।

इसी को लेकर रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की निगरानी में यह बैठक होगी, जिसमें दवा निर्माता कंपनियों से जुड़े प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अलावा विज्ञान मंत्रालय की समितियां इससे जुड़ी गतिविधियों पर नजर रख रही हैं

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

20
videsh

महात्मा गांधी के पड़पोते सतीश धुपेलिया का कोरोना वायरस संक्रमण से 66 वर्ष की आयु में निधन

14
Desh

कोरोना वायरस: मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान में सख्त नियम, इन शहरों में रात्रि कर्फ्यू 

13
videsh

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इलाज में इस्तेमाल हुई एंटीबॉडी दवा को अमेरिका ने दी मंजूरी 

12
Entertainment

विवादों से करण जौहर का है पुराना नाता, नेपोटिज्म से लेकर सुशांत सिंह राजपूत केस में हो चुके ट्रोल

Weekly Horoscope: इस साप्ताह इन 4 राशियों को होगा बेहद लाभ, भाग्य का मिलेगा साथ
12
Astrology

Weekly Horoscope: इस साप्ताह इन 4 राशियों को होगा बेहद लाभ, भाग्य का मिलेगा साथ

Business

Petrol Diesel Price: आज फिर पेट्रोल-डीजल के दामों में हुई बढ़ोतरी, जानें कितनी है कीमत

12
videsh

पाक ने भारतीय राजनयिक को तलब किया, जम्मू कश्मीर में जैश द्वारा आतंकी हमले की साजिश का आरोप नकारा

12
Entertainment

कौन हैं सना खान? पहले इस्लाम के लिए छोड़ा सिनेमा, अब गुपचुप तरीके से निकाह कर आईं चर्चा में

To Top
%d bloggers like this: