पीटीआई, चेन्नई
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 21 Jan 2022 12:33 AM IST
सार
केपी अंबालगन तमिलनाडु में पिछली अन्नाद्रमुक सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे। अन्नाद्रमुक ने इस तलाशी अभियान को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ की कार्रवाई बताया।
अन्नाद्रमुक नेता एवं पूर्व मंत्री केपी अंबालगन
– फोटो : Twitter
ख़बर सुनें
विस्तार
अंबालगन तमिलनाडु में पिछली अन्नाद्रमुक सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे। अन्नाद्रमुक ने इस तलाशी अभियान को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ की कार्रवाई बताया। अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेताओं ओ पनीरसेल्वम और के पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि डीवीएसी की इस कार्रवाई का मकसद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ‘प्रशासनिक अक्षमता’ पर पर्दा डालना है। दोनों नेताओं ने एक बयान में आरोप लगाया कि लोकोन्मुखी व कल्याणकारी कदमों की दिशा में काम करने के बदले राज्य सरकार अन्नाद्रमुक के खिलाफ ‘प्रतिशोधपूर्ण’ कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
डीवीएसी की धर्मपुरी इकाई ने पूर्व मंत्री और उनके परिवार के चार करीबी सदस्यों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया तथा अधिकारियों ने तेलंगाना के अलावा धर्मपुरी, सेलम और चेन्नई में उनके 58 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
अधिकारियों ने छापे के दौरान ठोस दस्तावेजों के अलावा 6.637 किलोग्राम वजन के स्वर्ण आभूषण, 13.85 किलोग्राम वजन के चांदी के जेवरात और 2,65,31,650 रुपये बेनामी नकदी और बैंक लॉकर की चाबी जब्त की। मामले में आगे जांच जारी है।
डीवीएसी अंबालगन समेत ऑल इण्डिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) के छह पूर्व मंत्रियों के ठिकानों पर अब तक छापेमारी कर चुका है। डीवीएसी के पुलिस उपाधीक्षक द्वारा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी में पूर्व मंत्री अंबालगन का नाम शामिल है। उन पर भ्रष्ट गतिविधियों में संलिप्त रहने का आरोप लगाया गया है। यह मामला, 2016 से 2021 के बीच का है जब अंबालगन मंत्री थे।