सार
टोक्यो ओलंपिक के दौरान गोल्फर अदिति अशोक ने बेहतरीन प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया। वह एक स्थान से पदक जीतने से चूक गईं और चौथी पायदान पर रहीं। इसके बावजूद उन्होंने जिस तरह से अपने प्रतिद्वंदियों को टक्कर दी उसकी सभी तारीफ कर रहे हैं।
गोल्फर अदिति अशोक
– फोटो : सोशल मीडिया
हाल ही में संपन्न हुए टोक्यो ओलंपिक में भारत की गोल्फर अदिति अशोक ने गोल्फ को हवा दी। वह भले ही एक स्थान से पदक जीतने से चूक गर्ई हों लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से सबको आश्चर्यचकित कर दिया। महिलाओं की गोल्फ स्पर्धा में वह चौथे स्थान पर रहीं। लेकिन बहुत लोगों के पता नहीं होगा कि 23 वर्षाया अदिति ने खेल शुरू होने से पहले क्या किया था।
अदिति अशोक ने इंडिया टुडे चैनल पर बात करते हुए कहा, उन्हें खेल गांव से टोक्यो के गोल्फ कोर्स तक पहंचने के लिए प्रतिदिन 75 किमी यात्रा करनी पड़ती थी। अदिति ने उन कठिन परिस्थितियों के बारे में खुलकर बात की जिनमें उऩ्हें जापान में सभी बाधाओं से लड़ते हुए प्रदर्शन करना पड़ा।
चैनल पर बात करते हुए अदिति ने कहा, मैं टोक्यो में थी और अंतिम दिन चाय के समय दोपहर बाद तूफान आने वाला था, मेरा समय सुबह 8 बजे शुरू होता था, मुझे वार्म-अप करने के लिए डेढ़ घंटा और फिर नाश्ता करने के लिए आधा घंटा चाहिए, मैं उस गांव में रह रही थी जो गोल्फ कोर्स से 75 किमी दूर था, वहां पहुंचने में डेढ़ घंटे का समय लगता है, इसलिए मुझे उम्मीद थी कि मैं सुबह 3 बजे उठूंगी और दुनिया के नंबर एक गोल्फर के साथ खेलूंगी।
उन्होंने कहा, हां, मुझे पता है कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, मैं यह नहीं कह रही हूं कि अगर मैं गोल्फ कोर्स पास रुकती तो मैं पदक जीत जाती, लेकिन मुझे इससे छह घंटे और सोने का समय मिलता। अदिति ने आगे कहा, मेरे बहुत से प्रतियोगी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा अनुमोदित किए गए होटलों में ठहरे हुए थे, जहां से 2 से 30 मिनट के भीतर गोल्फ कोर्स पहुंचते थे। इनमें से कुछ गोल्फर खेल गांव में ठहरे थे, लेकिन मेरा मानना है कि मैं गांव में रहने वाली सबसे अच्छी गोल्फर थी लेकिन मुझे हर सुबह शाम एक डेढ़ घंटे ड्राइव करना पड़ता था।
अदिति अशोक ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्फ में शानदार प्रदर्शन किया और वह चौथे स्थान पर रहीं। इससे पहले साल 2016 रियो ओलंपिक में अदिति 41वें नंबर पर रही थीं। इस दौरान उन्होंने कहा सरकार द्वारा चलाई जा रही ओलंपिक पोडियम स्कीम पर खुलकर बात की जिसका वह ठीक से उपयोग नहीं कर सकीं। ओलंपिक पोडियम स्कीम योजना के तहत ओलंपिक में जाने वाले एथलीटों को विश्व स्तरीय सुविधाओं वाले संस्थान में प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता उनके विकास और भविष्य की सहायता के लिए दी जाती है।
इस दौरान अदिति ने कहा, मैं जानती हूं कि बहुत से संघों ने बहुत कुछ किया है और भारत में खेलों के आगे बढ़ाया है, लेकिन मैं यह जोड़ना चाहती हूं कि लेकिन यह अभी मेरे लिए व्यवस्था के बावजूद है, ओलंपिक पोडियम स्कीम योजना तभी लागू होती है जब आप ओलंपकि के लिए क्वालीफाई करते हैं मैंने खेलों से 60 दिन पहले ही क्वालीफाई किया है।
विस्तार
हाल ही में संपन्न हुए टोक्यो ओलंपिक में भारत की गोल्फर अदिति अशोक ने गोल्फ को हवा दी। वह भले ही एक स्थान से पदक जीतने से चूक गर्ई हों लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से सबको आश्चर्यचकित कर दिया। महिलाओं की गोल्फ स्पर्धा में वह चौथे स्थान पर रहीं। लेकिन बहुत लोगों के पता नहीं होगा कि 23 वर्षाया अदिति ने खेल शुरू होने से पहले क्या किया था।
अदिति अशोक ने इंडिया टुडे चैनल पर बात करते हुए कहा, उन्हें खेल गांव से टोक्यो के गोल्फ कोर्स तक पहंचने के लिए प्रतिदिन 75 किमी यात्रा करनी पड़ती थी। अदिति ने उन कठिन परिस्थितियों के बारे में खुलकर बात की जिनमें उऩ्हें जापान में सभी बाधाओं से लड़ते हुए प्रदर्शन करना पड़ा।
चैनल पर बात करते हुए अदिति ने कहा, मैं टोक्यो में थी और अंतिम दिन चाय के समय दोपहर बाद तूफान आने वाला था, मेरा समय सुबह 8 बजे शुरू होता था, मुझे वार्म-अप करने के लिए डेढ़ घंटा और फिर नाश्ता करने के लिए आधा घंटा चाहिए, मैं उस गांव में रह रही थी जो गोल्फ कोर्स से 75 किमी दूर था, वहां पहुंचने में डेढ़ घंटे का समय लगता है, इसलिए मुझे उम्मीद थी कि मैं सुबह 3 बजे उठूंगी और दुनिया के नंबर एक गोल्फर के साथ खेलूंगी।
उन्होंने कहा, हां, मुझे पता है कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, मैं यह नहीं कह रही हूं कि अगर मैं गोल्फ कोर्स पास रुकती तो मैं पदक जीत जाती, लेकिन मुझे इससे छह घंटे और सोने का समय मिलता। अदिति ने आगे कहा, मेरे बहुत से प्रतियोगी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा अनुमोदित किए गए होटलों में ठहरे हुए थे, जहां से 2 से 30 मिनट के भीतर गोल्फ कोर्स पहुंचते थे। इनमें से कुछ गोल्फर खेल गांव में ठहरे थे, लेकिन मेरा मानना है कि मैं गांव में रहने वाली सबसे अच्छी गोल्फर थी लेकिन मुझे हर सुबह शाम एक डेढ़ घंटे ड्राइव करना पड़ता था।
अदिति अशोक ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्फ में शानदार प्रदर्शन किया और वह चौथे स्थान पर रहीं। इससे पहले साल 2016 रियो ओलंपिक में अदिति 41वें नंबर पर रही थीं। इस दौरान उन्होंने कहा सरकार द्वारा चलाई जा रही ओलंपिक पोडियम स्कीम पर खुलकर बात की जिसका वह ठीक से उपयोग नहीं कर सकीं। ओलंपिक पोडियम स्कीम योजना के तहत ओलंपिक में जाने वाले एथलीटों को विश्व स्तरीय सुविधाओं वाले संस्थान में प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता उनके विकास और भविष्य की सहायता के लिए दी जाती है।
इस दौरान अदिति ने कहा, मैं जानती हूं कि बहुत से संघों ने बहुत कुछ किया है और भारत में खेलों के आगे बढ़ाया है, लेकिन मैं यह जोड़ना चाहती हूं कि लेकिन यह अभी मेरे लिए व्यवस्था के बावजूद है, ओलंपिक पोडियम स्कीम योजना तभी लागू होती है जब आप ओलंपकि के लिए क्वालीफाई करते हैं मैंने खेलों से 60 दिन पहले ही क्वालीफाई किया है।
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