अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 20 Oct 2021 02:23 AM IST
सार
आर्थिक अपराध शाखा ने नीरा राडिया, उनकी बहन करुणा मेनन, यतीश वहल और सतीश नरूला पर फर्जी कंपनी बनाकर रुपये का गबन करने का आरोप है।
यस बैंक से तीन सौ करोड़ रुपये लोन लेकर हेराफेरी में दो निदेशक और एक फर्जी कंपनी के मालिक को गिरफ्तार करने के मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया और उसकी बहन करुणा मेनन को पूछताछ के लिए समन भेजा है।
पुलिस ने 14 अक्तूबर को नयति हेल्थ केयर एंड रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों सतीश और यतीश और नकली कंपनी अहलूवालिया कंस्ट्रक्शन के मालिक राहुल सिंह यादव को गिरफ्तार किया था।
शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आर के सिंह ने बताया कि नयति हेल्थ केयर एंड रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष राजीव कुमार शर्मा ने इसके निदेशक नीरा राडिया, उनकी बहन करुणा मेनन, यतीश वहल और सतीश नरूला पर फर्जी कंपनी बनाकर रुपये का गबन करने का आरोप लगाया।
पीड़ित ने बताया कि उसके पास 6.3 फीसदी शेयर हैं। कंपनी को गुरुग्राम में अस्पताल बनाने और उसका रखरखाव करने का जिम्मा दिया गया था। इसके लिए विमहांस और ओएसएल हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के बीच समझौता हुआ। पीड़ित को 30 लाख मासिक देने का वादा किया गया। अस्पताल के निर्माण के दौरान ओएसएल हेल्थ केयर ने नारायणी इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को अपने शेयर बेच दिए।
इसके बाद दोनों नए निदेशक कंपनी के फैसले खुद करने लगे। उसके बाद आरोपियों ने यस बैंक से 312 करोड़ का लोन ले लिया। आरोपियों ने पैसे को अस्पताल निर्माण पर खर्च करने के बदले फर्जी कंपनी बनाकर 208 करोड रुपये ट्रांसफर कर दिया। आरोपियों ने धोखाधडी के जरिए शिकायतकर्ता के 49 फीसदी शेयर को 6.3 फीसदी कर दिया और उन्हें प्रतिमाह दिए जाने वाले रकम को भी नहीं दिया।
विस्तार
यस बैंक से तीन सौ करोड़ रुपये लोन लेकर हेराफेरी में दो निदेशक और एक फर्जी कंपनी के मालिक को गिरफ्तार करने के मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया और उसकी बहन करुणा मेनन को पूछताछ के लिए समन भेजा है।
पुलिस ने 14 अक्तूबर को नयति हेल्थ केयर एंड रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों सतीश और यतीश और नकली कंपनी अहलूवालिया कंस्ट्रक्शन के मालिक राहुल सिंह यादव को गिरफ्तार किया था।
शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आर के सिंह ने बताया कि नयति हेल्थ केयर एंड रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष राजीव कुमार शर्मा ने इसके निदेशक नीरा राडिया, उनकी बहन करुणा मेनन, यतीश वहल और सतीश नरूला पर फर्जी कंपनी बनाकर रुपये का गबन करने का आरोप लगाया।
पीड़ित ने बताया कि उसके पास 6.3 फीसदी शेयर हैं। कंपनी को गुरुग्राम में अस्पताल बनाने और उसका रखरखाव करने का जिम्मा दिया गया था। इसके लिए विमहांस और ओएसएल हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के बीच समझौता हुआ। पीड़ित को 30 लाख मासिक देने का वादा किया गया। अस्पताल के निर्माण के दौरान ओएसएल हेल्थ केयर ने नारायणी इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को अपने शेयर बेच दिए।
इसके बाद दोनों नए निदेशक कंपनी के फैसले खुद करने लगे। उसके बाद आरोपियों ने यस बैंक से 312 करोड़ का लोन ले लिया। आरोपियों ने पैसे को अस्पताल निर्माण पर खर्च करने के बदले फर्जी कंपनी बनाकर 208 करोड रुपये ट्रांसफर कर दिया। आरोपियों ने धोखाधडी के जरिए शिकायतकर्ता के 49 फीसदी शेयर को 6.3 फीसदी कर दिया और उन्हें प्रतिमाह दिए जाने वाले रकम को भी नहीं दिया।
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