इस तरह तालिबान ने मात्र एक दिन में तीन प्रांतों की राजधानियां कब्जा ली हैं, जबकि पिछले तीन दिनों में वह खून की होली खेलता हुआ पांच प्रांतों की राजधानियों पर अपना नियंत्रण कर चुका है।
तालिबान ने ये खूनी नियंत्रण ऐसे वक्त में किया है जब नाटो और अमेरिका की सेनाएं अफगानिस्तान से लगभग वापस जा चुकी हैं। उत्तरी सार-ए-पुल प्रांत के परिषद प्रमुख मोहम्मद नूर रहमानी ने कहा, अफगान सुरक्षा बलों के एक सप्ताह से ज्यादा प्रतिरोध के बाद तालिबान ने अंतत: प्रांतीय राजधानी पर कब्जा कर लिया है।
इसी के साथ सार-ए-पुल शहर के कई इलाकों को तालिबान ने बर्बाद कर दिया है। रहमानी ने कहा कि सरकारी बल अब इस प्रांत से पूरी तरह हट गए हैं। उन्होंने बताया कि कई सरकार समर्थक स्थानीय मिलिशिया कमांडरों ने भी बिना किसी लड़ाई के तालिबान के सामने समर्पण कर दिया।
तालिबान ने इस बारे में वार्ता की मेज पर लौटने और अफगान सरकार के साथ लंबे समय से रुकी शांतिवार्ता जारी रखने की अपील पर भी ध्यान नहीं दिया। तालिबान अब तक देश की 34 राजधानियों में से कई पर कब्जा कर चुका है।
24 घंटों में 570 से ज्यादा आतंकी मारे गए
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि देश के सरकारी बलों ने पिछले 24 घंटों में तालिबान (रूस में प्रतिबंधित एक आतंकी गुट) के 570 से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया है। इस दरम्यान नंगरहार, खोस्त, लोगर, पक्तिया, कंधार, हेरात, फराह, जज्जान, समांगन, हेलमंद, तखार, कुंदुज और पंजशीर प्रांतों में 579 तालिबान आतंकी मार गिराए गए जबकि 161 घायल हो गए हैं।
संपादक की हत्या, पत्रकार को बनाया बंधक
अफगानिस्तान के पक्तिया स्थित बूस्ट रेडियो स्टेशन के प्रधान संपादक तूफान ओमारी की काबुल के देह सब्ज इलाके में हत्या कर दी गई। जबकि देश के हेलमंद प्रांत में तालिबान ने एक अन्य पत्रकार को बंधक बना लिया है।
इस पत्रकार की पहचान खोस्त प्रांत स्थित घरगाह टीवी चैनर का रिपोर्टर नियामतुल्ला हेमत के रूप में की गई है। फिलहाल तूफान ओमारी की मौत की जिम्मेदारी किसी आतंकी गुट ने नहीं ली है।
कुंदुज पर कब्जे के लिए संघर्ष
तालिबान अब उत्तरी कुंदुज प्रांत की राजधानी कुंदुज शहर पर कब्जे के लिए संघर्ष कर रहा है। कुंदुज पर कब्जा तालिबान के लिए महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इस प्रांत से देश की राजधानी काबुल महज 335 किलोमीटर दूर रह जाएगी। यदि इस शहर पर तालिबान पूर्ण नियंत्रण कर लेता है तो 3.40 लाख से ज्यादा की आबादी वाले देश के बड़े शहरों में से एक पर उसका शासन शुरू हो जाएगा।
महिलाओं को जिहाद अल-निकाह के लिए किया जा रहा मजबूर
अफगानिस्तान में तालिबान आतंकी न सिर्फ ड्यूटी पर तैनात अफगान सुरक्षा कर्मचारियों को निशाना बना रहे हैं बल्कि घरों पर भी बमबारी कर उन्हें बर्बाद करते चल रहे हैं। महिलाओं पर शरिया कानून के तहत दमनकारी नियम लागू किए जा रहै हैं।
एक फतवे में तालिबान ने महिलाओं को पुरुष साथियों के बिना अपने घरों से बाहर जाने पर रोक लगा दी है, जबकि पुरुषों को दाढ़ी बढ़ाना जरूरी किया है। सामाजिक कार्यकर्ता मेराजुद्दीन शरीफी ने कहा कि महिलाओं को टैक्सी सवारी करने की मनाही है और हमेशा बुर्के में रहने को कहा गया है। संगीत या किसी भी ऑडियो-विजुअल मनोरंजन के उत्पादन और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इटली के अखबार इनसाइडओवर में फेडेरिको गिउलियानी ने लिखा है कि निर्दोष अफगानी महिलाओं को जिहाद अल-निकाह के लिए मजबूर किया जा रहा है जिसमें उन्हें आतंकियों के पास भेजा जाता है।