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पांच साल होगी कर्ज की मियाद
बयान के अनुसार, ‘ईसीएलजीएस 2 के तहत जिन इकाइयों के ऊपर 29 फरवरी 2020 की स्थिति के अनुसार, एक महीने या उससे कम समय के दौरान बकाया 50 करोड़ रुपये से अधिक और 500 करोड़ रुपये तक के कर्ज हैं, वे इसके लिए पात्र होंगी।’ ईसीएलजीएस 2.0 के तहत उपलब्ध कराए गए कर्ज की मियाद पांच साल होगी। इसमें 12 महीने के लिए मूल राशि के लौटाने को लेकर छूट होगी।
बयान में कहा गया है कि, ‘ये इकाइयां या कर्जदार कुल बकाया कर्ज का 20 फीसदी तक अतिरिक्त ऋण ले सकते हैं। यह पूरी तरह से बिना किसी गारंटीशुदा आपात कर्ज सुविधा (जीईसीएल) होगी जिसके लिए कर्जदार कोई गारंटी देने की जरूत नहीं है। ईसीएलजीएस 2.0 के अलावा यह भी निर्णय किया गया है कि ईसीएलजीएस 1.0 का लाभ उन इकाइयों को दिया जाएगा जिस पर कुल बकाया कर्ज (केवल कोष आधारित) 29 फरवरी 2020 तक 50 करोड़ रुपये तक हो। लेकिन वे पूर्व में 250 करोड़ रुपये से अधिक के सालाना कारोबार के कारण पात्र नहीं थे।’
अन्य मानदंडों में कोई बदलाव नहीं
इसके लिए अन्य मानदंड और शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बयान के अनुसार 12 नवंबर तक बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 61 लाख एमएसएमई को 2.05 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए। हालांकि कर्ज वितरण 1.52 लाख करोड़ रुपये थे। रिजर्व बैंक द्वारा गठित कामत समिति ने कर्ज पुनर्गठन को लेकर जिन क्षेत्रों की पहचान की है, उनमें बिजली, निर्माण, रियल एसटेट, कपड़ा, औषधि, लॉजिस्टिक, सीमेंट, वाहन कल-पुर्जे तथा होटल, रेस्तरां एवं पर्यटन शामिल हैं।
