पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 15 Dec 2021 12:09 AM IST
सार
भारतीय कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि बदलती परिस्थिति के बीच हमारी वैक्सीन भी कमजोर साबित होने लगे, ऐसे में अब ऐसी वैक्सीन की जरूरत है जो नए-नए वेरिएंट के खिलाफ भी असरदार रहे।
ओमिक्रॉन वैरिएंट (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला
भारत में ओमिक्रॉन खतरे के बीच कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने चिंता में डालने वाला बयान दिया है। उनके मुताबिक भविष्य में हमारी वैक्सीन की क्षमता कमजोर पड़ सकती है और बदलते कोविड वेरिएंट्स को देखते हुए नई वैक्सीन जरूरत महसूस हो सकती है।
वीके पॉल के बयान ने बढ़ाई टेंशन
ओमिक्रॉन से खतरे के बीच, भारत के कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल ने मंगलवार को कहा कि एक संभावित परिदृश्य है कि “हमारे टीके उभरती परिस्थितियों में अप्रभावी हो सकते हैं”। उन्होंने आवश्यकता के अनुसार टीकों को संशोधित करने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता पर बल दिया। वे ये भी मानते हैं कि अगर महामारी से प्रभावी अंदाज में निपटना है तो इसके लिए ड्रग्स डेवलपमेंट को लेकर एक मजबूत रणनीति रहनी चाहिए, विज्ञान के क्षेत्र में निवेश बढ़ाना चाहिए।
वीके पॉल का यह बयान उस समय आया है जब देश में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। अभी तक देश में इस नए वेरिएंट के कुल 57 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें भी महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं। मंगलवार को भी राज्य में ओमिक्रॉन वेरिएंट के आठ नए मामले सामने आए हैं, वहीं कुल आंकड़ा 28 पहुंच गया है। दिल्ली में भी ओमिक्रॉन के चार नए मामले सामने आ गए हैं, राजस्थान में भी इस वेरिएंट ने तेजी से पैर पसार लिए हैं।
देश के राज्यों में अब ओमिक्रॉन से निपटने के लिए थ्री टी फॉर्मूले पर काम शुरू हो गया है। ये थ्री टी फॉर्मूला ट्रैकिंग, ट्रेसिंग और टेस्टिंग है। इसके अलावा जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए तीन लैब हैं, सरकार नागपुर और औरंगाबाद में भी लैब शुरू करने पर विचार कर रही है। दुनिया में ओमिक्रॉन को लेकर दहशत इसलिए और फैल गई है, क्योंकि ब्रिटेन में ओमिक्रॉन से पहली मौत हो गई है और नार्वे की सरकार ने आंशिक रूप से लॉकडाउन लगा दिया है।
विस्तार
भारत में ओमिक्रॉन खतरे के बीच कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने चिंता में डालने वाला बयान दिया है। उनके मुताबिक भविष्य में हमारी वैक्सीन की क्षमता कमजोर पड़ सकती है और बदलते कोविड वेरिएंट्स को देखते हुए नई वैक्सीन जरूरत महसूस हो सकती है।
वीके पॉल के बयान ने बढ़ाई टेंशन
ओमिक्रॉन से खतरे के बीच, भारत के कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल ने मंगलवार को कहा कि एक संभावित परिदृश्य है कि “हमारे टीके उभरती परिस्थितियों में अप्रभावी हो सकते हैं”। उन्होंने आवश्यकता के अनुसार टीकों को संशोधित करने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता पर बल दिया। वे ये भी मानते हैं कि अगर महामारी से प्रभावी अंदाज में निपटना है तो इसके लिए ड्रग्स डेवलपमेंट को लेकर एक मजबूत रणनीति रहनी चाहिए, विज्ञान के क्षेत्र में निवेश बढ़ाना चाहिए।
वीके पॉल का यह बयान उस समय आया है जब देश में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। अभी तक देश में इस नए वेरिएंट के कुल 57 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें भी महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं। मंगलवार को भी राज्य में ओमिक्रॉन वेरिएंट के आठ नए मामले सामने आए हैं, वहीं कुल आंकड़ा 28 पहुंच गया है। दिल्ली में भी ओमिक्रॉन के चार नए मामले सामने आ गए हैं, राजस्थान में भी इस वेरिएंट ने तेजी से पैर पसार लिए हैं।
देश के राज्यों में अब ओमिक्रॉन से निपटने के लिए थ्री टी फॉर्मूले पर काम शुरू हो गया है। ये थ्री टी फॉर्मूला ट्रैकिंग, ट्रेसिंग और टेस्टिंग है। इसके अलावा जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए तीन लैब हैं, सरकार नागपुर और औरंगाबाद में भी लैब शुरू करने पर विचार कर रही है। दुनिया में ओमिक्रॉन को लेकर दहशत इसलिए और फैल गई है, क्योंकि ब्रिटेन में ओमिक्रॉन से पहली मौत हो गई है और नार्वे की सरकार ने आंशिक रूप से लॉकडाउन लगा दिया है।
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